जयपुर. नागरिकता संशोधन बिल अब राज्यसभा और लोकसभा दोनों में पास हो चुका है. इस मामले पर बोलते हुए अब पायलट ने कहा कि इस कानून में पहले भी कई बार तब्दीली हुई है.
दोनों सदनों में इसे पास किया गया है, लेकिन इसका विरोध जिस तरीके से उत्तर पूर्वी राज्यों और अलग-अलग राज्यों में हो रहा है और लोगों में आक्रोश और विद्रोह है. इसे देखकर सरकार को संज्ञान में लेना चाहिए था, केवल बहुमत के आधार पर अगर इस तरह के निर्णय होंगे तो यह सही नहीं है.
इस निर्णय की दूसरे देशों में भी आलोचना हो रही है. हमारे संविधान में कहीं भी नहीं लिखा कि धर्म जाति के आधार पर नागरिकता देने की बात हो. दुनिया में भारत को इस लिए जाना जाता है, क्योंकि यहां जाति धर्म समुदाय के कारण कोई भेदभाव नहीं है. पायलट ने कहा कि जो भी शरणार्थी भारत में आए हैं, उन्हें अगर नागरिकता देनी है तो सही बात है. लेकिन किसी धर्म के आधार पर किसी की नागरिकता नहीं देना उचित नहीं कहा जा सकता.
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यह मामला अब न्यायालय में भी गया है और सुप्रीम कोर्ट पर क्या निर्णय देता है, वह देखना होगा. पायलट ने कहा कि भाजपा इस तरह के निर्णय इसलिए कर रही है कि आर्थिक मंदी पर कोई बात ना करे. ऐसे में जानबूझकर ध्यान भटकाने के लिए इस तरीके की बातें हो रही हैं.