जयपुर. सचिन पायलट ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में प्रतिवाद दायर किया है. इसमें पायलट की ओर से स्पीकर सीपी जोशी की याचिका पर अपना और अन्य 18 विधायकों का पक्ष रखे बिना आदेश नहीं पास करने की मांग की गई है.
दरअसल, सचिन पायलट और 18 बागी विधायकों के मामले में हाईकोर्ट के रोक आदेश के खिलाफ विधानसभा स्पीकर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. जिसमें हाईकोर्ट के आदेशों को चुनौती दी गई है. इसी के मद्देनजर पायलट ने सुप्रीम कोर्ट में प्रतिवाद दायर किया है.
कांग्रेस विधायक को लीगल नोटिस
सचिन पायलट ने कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को एक कानूनी नोटिस भेजा है. जिसमें पायलट ने विधायक द्वारा झूठे आरोप जारी करने को लेकर सात दिनों के भीतर माफी मांगने और 1 रुपये के जुर्माने की मांग की है. पायलट का कहना है कि अगर 7 दिन के अंदर माफी नहीं मांगी जाती है तो विधायक के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करवाया जाएगा.
जानकारी के अनुसार, बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक गिर्राज सिंह ने पायलट पर पिछले साल दिसंबर में भाजपा में जाने के लिए उन्हें पैसे देने की पेशकश करने का आरोप लगाया है. जिस पर पायलट ने सिंह को एक कानूनी नोटिस भेजा है. नोटिस में लिखा है कि घटनाओं को राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के लिए उपयोग में लिया जाता है.
पायलट ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि ऐसे आरोपों से मैं दुखी हूं, मगर हैरान नहीं हूं. ऐसा करके मुझे बदनाम करने की साजिश की जा रही है. दरअसल, ये असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश है. साथ ही उन्होंने लिखा है कि यह आश्चर्य की बात है कि विधायक सात महीने से अधिक समय तक चुप रहे और अचानक अब उन्हें ये बात याद आ रही है. पायलट ने नोटिस में लिखा है कि उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए उन पर ऐसे आरोप लगाए गए हैं. पायलट ने राजस्थान HC में यह भी बयान दिया है कि वह केवल कांग्रेस से जुड़े हैं.
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क्या है मामला-
दरअसल, पिछले साल कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व बहुजन समाज पार्टी के विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने आरोप लगाया था कि बागी सचिन पायलट ने उन्हें भाजपा में जाने के लिए पैसों की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया था.