जयपुर. कोरोना संकट के बीच प्रवासियों की अपने-अपने राज्यों और जिलों में वापसी हो रही है. राजस्थान मूल के रहने वाले लाखों प्रवासी श्रमिक भी वापस प्रदेश में लौट रहे हैं. ऐसी स्थिति में उनके रोजगार की व्यवस्था हो इसको लेकर सरकार भी गंभीर है. उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बताया, कि राजस्थान वापस लौटने वाले इन प्रवासी श्रमिकों की ट्रेनिंग करवाकर उनके भी मनरेगा के तहत जॉब कार्ड बनवाए जाएंगे.
देश में ग्रामीण विकास पंचायती राज विभाग की कमान संभाल रहे सचिन पायलट ने इस संबंध में अधिकारियों को दिशा निर्देश भी दे दिए हैं. पायलट ने बताया, कि राजस्थान देश में ऐसा पहला राज्य बन गया है जहां मनरेगा के तहत सर्वाधिक रोजगार मुहैया कराया गया है. पायलट के अनुसार 17 अप्रैल को जब उन्होंने विभाग की बैठक की, तब राजस्थान में महज 62 हजार लोग ही नरेगा से काम ले रहे थे, जोकि आज वो संख्या 34 लाख हो गई है. पायलट के अनुसार सरल और सुविधाजनक रूप से ऐसे श्रमिकों को काम मिले और उनका जॉब कार्ड बने इसका प्रयास किया जा रहा है.
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बता दें, कि राजस्थान में ही करीब 19 लाख लोग बाहरी प्रदेशों में रोजगार के लिए गए हुए हैं. ऐसे में अब जब उनकी वापसी होगी तो प्रदेश में उन्हें रोजगार मुहैया कराना एक बड़ी चुनौती होगी. ऐसे में बाहर से राजस्थान मूल के वापस आने वाले श्रमिकों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक रोजगार के अवसर पैदा हो इसकी भरापूर्ति मनरेगा के तहत करने की योजना प्रदेश सरकार की है.