जयपुर. प्रदेश कांग्रेस में आपसी विवाद खत्म नहीं हो रहा है. सत्ताधारी दल के दोनों शीर्ष नेताओं के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है. पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच आपसी खींचतान एक बार फिर चर्चाओं में है. लंपी वायरस से बचाव को लेकर सोमवार को ओपन वीसी रखी गई थी. मुख्यमंत्री गहलोत की अध्यक्षता वार्ड पंच, सरपंच के साथ विपक्ष के नेता भी जुड़े लेकिन सचिन पायलट वीसी (Pilot not Joined in Gehlot open VC) में नहीं जुड़े. जबकि खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वीसी में सचिन पायलट को आवाज लगाते रहे.
लंपी को लेकर हुई ओपन वीसी
दरअसल प्रदेश में लंपी वायरस के मामले (Gehlot open VC on lumpy virus) लगातार बढ़ते जा रहे हैं. बढ़ते मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में सभी कलेक्टर के साथ सांसद, विधायक, जिला प्रमुख, प्रधान, सरपंच, वार्ड पंच और शहरी निकाय के जनप्रतिनिधियों के साथ वीसी के जरिए चर्चा की गई. वीसी में सभी ने लंपी वायरस को लेकर अपने सुझाव दिए. सीएम अशोक गहलोत ने लंपी बीमारी से गायों को बचाने के लिए कोरोना काल की तरह सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों से एकजुट होकर काम करने की अपील की. गहलोत ने कहा कि सरकार के स्तर पर किसी तरह की कोई कमी नहीं आएगी. हम सब एकजुट होकर गोवंशों को इस आपदा से बाहर निकालेंगे.
गहलोत बोलते रहे सचिन पायलट...सचिन पायलट
ओपन वीसी में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को भी जुड़ना था. उनका नम्बर भी आया. पहले मुख्य सचिव उषा शर्मा ने पायलट का नाम पुकारा, लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री गहलोत से बोलने का आग्रह किया. सीएम गहलोत ने भी पायलट का नाम पुकारा और पूछा कि सचिन जुड़े हुए हैं क्या, लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला. गहलोत ने फिर से आवाज लगाई सचिन पायलट...सचिन पायलट लेकिन कोई रेस्पॉन्स नही आया. इसके बाद एक वक्ता जुड़े फिर सीएम गहलोत ने उद्धबोधन शुरू कर दिया लेकिन पायलट की गैरमौजूदगी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई.