जयपुर. राजस्थान में स्टेट हाईवे पर टोल शुल्क फिर से लगाने के फैसले को लेकर कांग्रेस के नेता असमंजस में हैं. जहां डिप्टी सीएम और पीडब्ल्यूडी विभाग के मंत्री सचिन पायलट से जब यह पूछा गया कि आपके विभाग ने यह फैसला लागू किया है तो उन्होंने इस पर कोई जवाब नहीं दिया.
पायलट से तीन बार स्टेट हाईवे पर टोल शुरू करने के बारे में पूछा गया. लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. पायलट से जब पहली बार टोल पर सवाल किया गया तो जवाब में सरदार पटेल को लेकर ही बोलते रहे. वहीं दूसरी बार पूछने पर इंदिरा गांधी को लेकर बोलने लगे तो. और तीसरी बार उन्होंने इस मामले पर चुप्पी साध ली.
केन्द्र सरकार NH पर टोल बंद कर दे, हम स्टेट पर कर देंगे : खाचरियावास
राजस्थान सरकार के परिवहन एवं सैनिक कल्याण मंत्री व कोटा जिला प्रभारी प्रताप सिंह खाचरियावास ने टोल पर लिए गए निर्णय को सही ठहराया. कोटा के सर्किट हाउस उन्होंने कहा पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार ने यह फैसला चुनावों के चलते लिया था और सड़कों को नया बनाने का वादा भी किया था. बीजेपी की ही केंद्र में सरकार है वे चाहे तो सारे नेशनल हाईवे के टोल बंद कर दें. हम भी स्टेट हाईवे टोल वसूली नहीं करेंगे.
मंत्री खाचरियावास ने कहा कि बीजेपी ने चुनाव को देखते हुए टोल बंद किया था. उसका मकसद चुनाव में जाना था. और कहा था कि सभी सड़कों को दोबारा बनाएंगे. आज तक वह सड़कें नहीं बनी हैं. यदि बीजेपी इतनी बड़ी-बड़ी बातें करती हैं तो बीजेपी की केंद्र सरकार को सभी हाईवे पर टोल खत्म कर देना चाहिए, तो हम भी इधर टोल खत्म कर देंगे. नेशनल हाईवे ऑफ इंडिया के सभी टोल आज चल रहे हैं.
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पैसा नहीं होने से सड़कों के हालात खराब : खाचरियावास
इधर, स्टेट हाईवे के लिए पैसा नहीं होने से सड़कों की हालत काफी खराब है. इसलिए सरकार ने यह फैसला लिया किया है.
टोल वसूली जनता के हित में : कांग्रेस विधायक
कांग्रेस विधायक साफिया जुबेर ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि इससे जनता को अच्छी सड़कें मिलेंगी. साथ ही उन्होंने यह भी कह दिया कि वसुंधरा राजे ने वोटों के लिए कई ऐसे निर्णय लिए थे लेकिन जनता ने उन्हें नकार दिया. अब कांग्रेस ने अगर टोल वापस लगाया है तो जनता इसे समझेगी और इसका कोई नुकसान कांग्रेस को निकाय चुनाव में नहीं होगा.
फैसला पंचायत चुनाव के बाद लेना चाहिए था : बाबूलाल नागर
पूर्व डेयरी मंत्री और निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर का कहना है कि अगर पंचायत चुनाव के बाद होता फैसला तो ज्यादा बेहतर था. टोल लगाने से कुछ नुकसान राजनीतिक तौर पर कांग्रेस को होगा.साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस राजनीतिक फायदे को देखकर कोई भी निर्णय नहीं लेती.