चाकसू (जयपुर). राजस्थान की राजधानी जयपुर के चाकसू विधानसभा में आज राजस्थान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट ने भारत रत्न संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की सबसे बड़ी अष्टधातु की मूर्ति का अनावरण किया. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा निजी कारणों के चलते इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचे.
कहा जा रहा था कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस कार्यक्रम में शामिल होंगे तो लंबे समय बाद कोई ऐसा कार्यक्रम होगा जो चुनावी कार्यक्रम नहीं होगा और जिसमें गहलोत और पायलट साथ मौजूद रहेंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इस दौरान प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट ने भारतीय जनता पार्टी पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा दलितों पिछड़ों को साथ लेकर चलती है. ऐसे में हमें उन लोगों से दूर रहना चाहिए जो लचीले भाषण देते हैं, झांसे देते हैं, दंगों को बढ़ावा देते हैं और जो लोग अंबेडकर और सरदार पटेल को देखते नहीं थे, लेकिन आप के वोट के चलते इन्हें पूजने लगे हैं. सचिन पायलट ने भाजपा को बहरूपिया बताते हुए कहा कि ये लोग बहरूपिया हैं जो वोट के लिए किसी की भी पूजा कर सकते हैं.
दलित मंत्री की सीट को जल्द भरे कांग्रेस
इस कार्यक्रम के दौरान सचिन पायलट ने राजस्थान में कैबिनेट विस्तार को लेकर भी बात छेड़ दी. उन्होंने इसके लिए मास्टर भंवरलाल मेघवाल को याद करते हुए कहा कि मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने दलितों के लिए बहुत काम किए. लेकिन अब मास्टर भंवर लाल मेघवाल के निधन के बाद दलित कैबिनेट मंत्री की सीट राजस्थान में खाली है. ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि सरकार और एआईसीसी जल्द मास्टर भंवरलाल मेघवाल की जगह दूसरे दलित मंत्री को मौका देगी. उन्होंने राजनीतिक नियुक्तियों में भी पिछड़ों और दलितों को शामिल करने की बात कही.
राजेश पायलट की मूर्ती लगाने वालों को भी दी नसीहत
चाकसू विधानसभा में कुछ दिन पहले राजेश पायलट की मूर्ति को कुछ लोगों ने जबरन लगाया था, इस पर भी पायलट ने अपनी प्रतिक्रिया दी. पायलट ने कहा की आनन-फानन में मूर्ति रखना और किसी से न पूछना, न बताना सही परंपरा नहीं है. इससे मैसेज सही नहीं जाता. आज जो कार्यक्रम किया गया है वह कानूनी तरीके से किया गया है.
अष्टधातु से निर्मित सवा ग्यारह फीट एवं 11 सौ किलो वजनी प्रतिमा
समाज आगे बढ़ेगा तो देश बढे़गा
इस कार्यक्रम के दौरान सचिन पायलट ने कहा कि आज 21वीं सदी में भी दलित, आदिवासियों के साथ शोषण होता है, उनकी आलोचना होती है. लेकिन हम लोगों को अलग-अलग करके देश को आगे बढ़ाना चाहेंगे तो नहीं बढ़ सकते. पायलट ने कहा कि अंबेडकर के नाम पर कई आंदोलन हुए कई पार्टियां बनीं और लोग कई पदों पर भी उनके नाम पर पहुंच गए. लेकिन सिर्फ दलितों के लिए नहीं बल्कि देश तब आगे बढ़ता है जब पूरा समाज आगे बढ़ता है. हमें पूरे समाज को बांधकर आगे बढ़ना चाहिए. सिर्फ चुनाव जीतने और पद लेने से कुछ नहीं होता. बल्कि दलितों के लिए निर्णय जो लिए जाते हैं वह दिखने चाहिए.
आज के कार्यक्रम में भले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नहीं पहुंच सके हों लेकिन पायलट कैंप के विधायकों के साथ ही इस बार ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिव और राजस्थान के सह प्रभारी तरुण कुमार भी नजर आए. इस कार्यक्रम में गहलोत कैंप के प्रशांत बैरवा और इंदिरा मीणा भी इस कार्यक्रम में शामिल हुई. इस कार्यक्रम में पायलट कैंप के विधायक मुरारी लाल मीणा, जी आर खटाणा, इंद्राज गुर्जर, अमर सिंह जाटव और वेद सोलंकी के साथ ही कांग्रेस सचिव महेंद्र सिंह खेड़ी और पूर्व सचिव बालेंद्र सिंह भी मौजूद रहे. अपने संबोधन में तरुण कुमार ने कहा कि अंबेडकर मूर्ति का जो कार्यक्रम चाकसू में हो रहा है इसकी गूंज केवल जयपुर तक नहीं बल्कि, दिल्ली तक भी हो रही है.
खूब लगे पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के नारे
इस कार्यक्रम में शामिल होने जब सचिन पायलट कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे तो पायलट समर्थकों ने उनके समर्थन में जमकर नारेबाजी की. कार्यक्रम की शुरुआत में तो कई बार पायलट समर्थकों ने पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के नारे भी लगाए.
प्रशांत बैरवा, इंदिरा मीणा के खिलाफ हूटिंग, ममता भूपेश वापस लौटी
चाकसू विधानसभा क्षेत्र में आज बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा अनावरण के कार्यक्रम में दो ऐसे विधायक भी थे जो गहलोत कैंप के माने जाते हैं. यह दोनों विधायक थे प्रशांत बैरवा और इंदिरा मीणा. ऐसे में जब यह दोनों विधायक अपनी बात रखने उठे तो उससे पहले कार्यक्रम में पहुंचे लोगों ने जमकर हूटिंग शुरू कर दी.
यही कारण था कि जब विधायक इंदिरा मीणा अपनी बात रख रही थी तो पंडाल में मचे शोर के चलते खुद सचिन पायलट को खड़े होकर अपने समर्थकों को चुप कराना पड़ा. वहीं कुछ जानकारों का कहना है कि मंत्री ममता भूपेश भी इस कार्यक्रम में शामिल होने चाकसू पहुंच गई थीं, लेकिन जब ममता भूपेश को यह मालूम पड़ा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस कार्यक्रम में नहीं आ रहे हैं तो ममता भूपेश कार्यक्रम स्थल से 500 मीटर दूरी से ही वापस लौट गई.