जयपुर. राजस्थान में आरसीए के चुनाव सम्पन्न हो चुके है. लेकिन आरसीए के चुनाव के बाद में एक चुनाव ऐसा भी है, जिसमें कांग्रेस प्रदेश में अपनी सरकार होने के चलते जीत मानकर चल रही है. वह है मंडावा और खींवसर के उप चुनाव लेकिन आरसीए के चुनाव में जिस तरीके से वैभव गहलोत वर्सेज रामेश्वर डूडी हुआ, उसे लेकर पायलट ने चिंता जताई है. साथ ही यह भी कहा है कि उम्मीद है कि इसका आने वाले चुनाव पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़े.
दोनों ही कांग्रेस नेता एक दूसरे के आमने सामने आ गए थे. साथ ही 2 दिन पहले जिस तरीके से कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष रहे रामेश्वर डूडी के समर्थकों पर पुलिस का बल प्रयोग हुआ. उसे अब सीधे तौर पर हनुमान बेनीवाल और भाजपा कांग्रेस के जाट नेता के खिलाफ अन्याय बोलकर चुनाव में जा रहे हैं. जहां एक ओर कांग्रेस के पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी खुद का नामांकन खारिज होने के बाद मुख्यमंत्री के खिलाफ आक्रामक हो गए थे.
वहीं इससे कांग्रेस की आपसी कलह तो सामने आई है, लेकिन कांग्रेस के सामने असली मुसीबत यह हो गई है कि इससे राजस्थान में हनुमान बेनीवाल और भाजपा ने जिस तरह से कांग्रेस को जाट विरोधी पार्टी के तौर पर प्रचारित करना शुरू कर चुकी है उससे मंडावा और खींवसर जो दोनों ही जाट प्रभुत्व वाली सीट हैं, उसका उन्हें नुकसान हो सकता है.
राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि दोनों नेता आपस में बैठकर चर्चा कर लेते तो अच्छा होता. पायलट ने कहा कि जो बल प्रयोग की घटना सामने आई, वह दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है. यह घटना नहीं होनी चाहिए थी. पायलट ने इसके साथ ही दबी जुबान से स्वीकार कर लिया कि इसका राजनीतिक नुकसान भी पार्टी को उप चुनाव में उठाना पड़ सकता है. पायलट ने कहा कि इस घटना से उनके विरोधियों को आलोचना करने का मौका मिलेगा.