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North Western Railway Employees Union जयपुर मंडल के रनिंग कर्मचारियों ने जताया विरोध

नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्पलॉइज यूनियन (North Western Railway Employees Union) जयपुर मंडल की ओर से रनिंग कर्मचारियों ने शनिवार को शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध जताया. इन सभी कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न समस्याओं से अवगत कराने के लिए काली पट्टी और बैच लगा​कर विरोध जताया है.

Running employees expressed protest,  Rajasthan News
रनिंग कर्मचारियों ने जताया विरोध
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Published : May 30, 2021, 4:03 AM IST

जयपुर. राजधानी जयपुर में रेलवे कर्मचारियों ने अपने विभिन्न मांगों को लेकर काली पट्टी बांधकर विरोध जताया. नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्पलॉइज यूनियन (North Western Railway Employees Union) जयपुर मंडल की ओर से रनिंग कर्मचारियों ने शांतिपूर्ण तरिके से अपना विरोध जताया. सभी कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न समस्याओं से अवगत कराने के लिए काली पट्टी और बैच लगा​कर विरोध जताया.

पढ़ें- बाड़मेर में 18+ लोगों के लिए लगाया गया Covid Vaccination Camp, लोगों की उमड़ी भीड़

रेलवे कर्मचारियों के अनुसार नॉर्थ वेस्टर्न रेवले एम्पलॉइज यूनियन जयपुर मंडल की ओर से रनिंग कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर समय-समय पर प्रशासन को हर स्तर पर अवगत करवाया जा चुका है. हर स्तर पर पत्रों के माध्यम से भी रनिंग कर्मचारियों में उपजे रोष को बताया गया, लेकिन समस्याओं के निराकरण के बजाय बढ़ोतरी हो रही है.

इसी के तहत मंडल के रनिंग स्टाफ ने अपनी लगभग 8 सूत्रीय मांगों के चलते काली पट्टी बांधकर कार्य किया. विरोध जता रहे कर्मचारियों ने कहा कि यदि अब भी हमारी ओर ध्यान नहीं दिया गया, तो खुले रूप से संगठनात्मक गतिविधि करने के लिये तैयार रहना होगा.

रनिंग कर्मचारियों की 8 सूत्रीय मांग...

  • 6 माही केडर रिव्यू के नाम पर रनिंग स्टाफ का कैडर कम किया है, उसे रिस्टेट किया जाए.
  • कोविड में क्रेंक ट्रेनों का संचालन बंद हो, क्र्यू को मुख्यालय ओवर शूट नहीं करवाया जाए और ट्रेनों के संचालन के लिए बनी नीति के अनुसार, अजमेर और जयपुर मंडल को संचालन करवाया जाए.
  • रेलवे बोर्ड की नीति के अनुसार रनिंग कर्मचारियों का ड्यूटी 8-9 घंटे से अधिक काम नहीं लिया जाए, रनिंग स्टाफ को 36 घंटे में मुख्यालय पर लाया जाए.
  • कोविड-19 के संक्रमण से बचान हेतु फेस मास्क, ग्लब्स, सैनेटाइजर, साबुन उपलब्ध करवाया जाए तथा लॉबी, रनिंग रूम और इंजन को सैनेटाइज किया जाए.
  • स्पाड के मामले में रेलवे बोर्ड के मापदंड अनुसार कार्रवाई की जाए तथा निलंबित कर्मचारियों को तुरंत बहाल किया जाए.
  • कोविड संक्रमण से मृत्यु हुये कर्मचारियों को कोरोना वॉरियर माना जाए और आर्थिक सहायता उपलब्ध मी जाए तथा कोविड संक्रमित आइसोलेशन में रहे कर्मचारियों को 30 दिन का स्पेशल सीएल दिया जाए.
  • रनिंग कर्मचारियों को रेस्ट छुट्टी समय पर दी जाए गाड़ियों के संचालन में यूटर्न सिस्टम से काम लिया जाए तथा रनिंग रूम में कम से कम रोका जाए.
  • कोविड संक्रमण काल में रंनिंग स्टाफ अधिकतम गाड़ियों का संचालन कर रहा है. पूरे जोन में जयपुर मंडल सबसे ज्यादा गाड़ियों को चला रहा है फिर भी रनिंग स्टाफ को इग्नोर करना पूर्णता अनुचित है.

नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के वर्किंग कमेटी मेंबर गोपाल मीणा ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान रेलवे कर्मचारी लगातार ड्यूटी कर रहे हैं. देश में आवश्यक वस्तुओं का परिवहन कर रहे हैं. आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करके देशवासियों को राहत पहुंचाई जा रही है. ऐसे समय में कर्मचारियों को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे समय में कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों के रनिंग रूम को सैनिटाइज किया जाए. साथ ही रेल इंजन को भी सैनिटाइज किया जाए. कोरोना सुरक्षा उपकरण कर्मचारियों को उपलब्ध करवाए जाए.

जयपुर. राजधानी जयपुर में रेलवे कर्मचारियों ने अपने विभिन्न मांगों को लेकर काली पट्टी बांधकर विरोध जताया. नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्पलॉइज यूनियन (North Western Railway Employees Union) जयपुर मंडल की ओर से रनिंग कर्मचारियों ने शांतिपूर्ण तरिके से अपना विरोध जताया. सभी कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न समस्याओं से अवगत कराने के लिए काली पट्टी और बैच लगा​कर विरोध जताया.

पढ़ें- बाड़मेर में 18+ लोगों के लिए लगाया गया Covid Vaccination Camp, लोगों की उमड़ी भीड़

रेलवे कर्मचारियों के अनुसार नॉर्थ वेस्टर्न रेवले एम्पलॉइज यूनियन जयपुर मंडल की ओर से रनिंग कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर समय-समय पर प्रशासन को हर स्तर पर अवगत करवाया जा चुका है. हर स्तर पर पत्रों के माध्यम से भी रनिंग कर्मचारियों में उपजे रोष को बताया गया, लेकिन समस्याओं के निराकरण के बजाय बढ़ोतरी हो रही है.

इसी के तहत मंडल के रनिंग स्टाफ ने अपनी लगभग 8 सूत्रीय मांगों के चलते काली पट्टी बांधकर कार्य किया. विरोध जता रहे कर्मचारियों ने कहा कि यदि अब भी हमारी ओर ध्यान नहीं दिया गया, तो खुले रूप से संगठनात्मक गतिविधि करने के लिये तैयार रहना होगा.

रनिंग कर्मचारियों की 8 सूत्रीय मांग...

  • 6 माही केडर रिव्यू के नाम पर रनिंग स्टाफ का कैडर कम किया है, उसे रिस्टेट किया जाए.
  • कोविड में क्रेंक ट्रेनों का संचालन बंद हो, क्र्यू को मुख्यालय ओवर शूट नहीं करवाया जाए और ट्रेनों के संचालन के लिए बनी नीति के अनुसार, अजमेर और जयपुर मंडल को संचालन करवाया जाए.
  • रेलवे बोर्ड की नीति के अनुसार रनिंग कर्मचारियों का ड्यूटी 8-9 घंटे से अधिक काम नहीं लिया जाए, रनिंग स्टाफ को 36 घंटे में मुख्यालय पर लाया जाए.
  • कोविड-19 के संक्रमण से बचान हेतु फेस मास्क, ग्लब्स, सैनेटाइजर, साबुन उपलब्ध करवाया जाए तथा लॉबी, रनिंग रूम और इंजन को सैनेटाइज किया जाए.
  • स्पाड के मामले में रेलवे बोर्ड के मापदंड अनुसार कार्रवाई की जाए तथा निलंबित कर्मचारियों को तुरंत बहाल किया जाए.
  • कोविड संक्रमण से मृत्यु हुये कर्मचारियों को कोरोना वॉरियर माना जाए और आर्थिक सहायता उपलब्ध मी जाए तथा कोविड संक्रमित आइसोलेशन में रहे कर्मचारियों को 30 दिन का स्पेशल सीएल दिया जाए.
  • रनिंग कर्मचारियों को रेस्ट छुट्टी समय पर दी जाए गाड़ियों के संचालन में यूटर्न सिस्टम से काम लिया जाए तथा रनिंग रूम में कम से कम रोका जाए.
  • कोविड संक्रमण काल में रंनिंग स्टाफ अधिकतम गाड़ियों का संचालन कर रहा है. पूरे जोन में जयपुर मंडल सबसे ज्यादा गाड़ियों को चला रहा है फिर भी रनिंग स्टाफ को इग्नोर करना पूर्णता अनुचित है.

नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के वर्किंग कमेटी मेंबर गोपाल मीणा ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान रेलवे कर्मचारी लगातार ड्यूटी कर रहे हैं. देश में आवश्यक वस्तुओं का परिवहन कर रहे हैं. आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करके देशवासियों को राहत पहुंचाई जा रही है. ऐसे समय में कर्मचारियों को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे समय में कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों के रनिंग रूम को सैनिटाइज किया जाए. साथ ही रेल इंजन को भी सैनिटाइज किया जाए. कोरोना सुरक्षा उपकरण कर्मचारियों को उपलब्ध करवाए जाए.

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