जयपुर. राजस्थान यूनिवर्सिटी में पिछले 25 सालों में कई बदलाव हिए. लेकिन, परीक्षा कॉपियों की गलत जांच करने वाले शिक्षकों का दंड और जुर्माना राशि अभी तक नहीं बदला, जिसके चलते इस बार बड़ी संख्या में शिक्षकों की लापरवाही सामने आई है. हैरान करने वाली बात ये है, कि इस पुराने नियमों से 50 शिक्षक ऐसे है जो 50 रुपए की पेनल्टी भरकर बाहर हो गए हैं.
मामले में राजस्थान यूनिवर्सिटी के कुलपति आरके कोठारी ने कहा है कि पुराने नियमों के मुताबिक कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा कि पुराने नियम में संशोधन करके अकादमिक कॉउंसिल में रखा जाएगा और अनुमोदन के बाद अगले साल नए नियमों लागू किए जाएंगे.
ये हैं 25 साल पुराने नियम-
- कॉपियों में उत्तरों के नंबर देने के बाद टोटल करने में 10 नंबर से कम की गलती मिलने पर 50 रुपए पेनल्टी का नियम है.
- अंकों में नंबर लिखने में अंतर और लिस्ट में नंबर नहीं डालने सहित अन्य गलतियों पर 50 रुपए पेनल्टी का नियम है.
- अनुपस्थित लिखने पर 10 रुपए के पेनल्टी का नियम है.
- कॉपी में 10 नंबर से ज्यादा टोटल करने की गलती पर 1 साल की पेनल्टी का नियम है.
- और किसी प्रश्न को चेक नहीं करने पर 3 साल के शिक्षकों को बहिष्कृत करने का नियम है.
इन नियमों के आधार पर डिबार हुए शिक्षकों पर कार्रवाई की गई है. लेकिन, अब इन नियमों को बदलने की मांग उठने लगी है. स्नातक और परास्नातक की परीक्षाओं के बाद करीब 1 लाख 60 हजार विद्यार्थियों ने दोबारा कॉपियां जांच करवाई हैं. वहीं 5,400 विद्यार्थी ऐसे हैं जिन्होंने RTI से कॉपी निकलवाई थी.
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मीडिया से बातचीत के दौरान उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा, कि शिक्षकों के डिबार का मामला संज्ञान में आया है. यूनिवर्सिटी से रिपोर्ट मंगवा कर इनकी जांच करवाई जाएगी. जिससे आगे ऐसी गलतियां न हो, क्योंकि इसका सीधा असर छात्रों के भविष्य पर पड़ता है.
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बड़ी बात ये है, कि गड़बड़ी पर परीक्षा विभाग ने भी जांच करवाई थी, जिसके बाद शिक्षकों की लापरवाही सामने आई है. 120 शिक्षकों की लापरवाही में 50 शिक्षक सरकारी कॉलेज के हैं.