जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम जारी करने में लापरवाही की खबरें नई बात नहीं हैं. अब एक मामला ऐसा आया है, जिसमें विद्यार्थी अपना परिणाम जारी करवाने की मांग को लेकर तीन महीने से चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन, विश्वविद्यालय प्रशासन उनकी सुनवाई नहीं कर रहा है.
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राजस्थान विश्वविद्यालय प्रशासन विद्यार्थियों की परीक्षा और परिणाम जारी करने को लेकर कितना गंभीर है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि तीन विद्यार्थियों का मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया गया. लेकिन, जब उन्होंने पुनर्मूल्यांकन करवाया तो अब कॉपियों के पन्ने फटे हुए मिलने की बात कहकर परिणाम रोक लिया गया है. ये तीनों विद्यार्थी बीते तीन महीने से अपना परिणाम जारी करवाने की मांग को लेकर परीक्षा नियंत्रक से लेकर चीफ प्रॉक्टर तक सबसे गुहार लगा चुके हैं, लेकिन इनकी सुनवाई नहीं हो रही है.
ऐसे ही एक पीड़ित छात्र श्रेयक सिसोसिया का कहना है कि वह लॉ प्रथम वर्ष का विद्यार्थी है. उसका मुख्य परिणाम इस साल 4 फरवरी को आया था, लेकिन कुछ विषयों में उम्मीद से कम अंक आने पर उसने पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया. लेकिन आज तक उनका पुनर्मूल्यांकन परिणाम जारी नहीं हुआ है. इस संबंध में जब पूछताछ की तो भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला. दो महीने चक्कर कटवाने के बाद अब कहा जा रहा है कि उनकी कॉपियों के पन्ने फटे हुए हैं और उसकी जांच चल रही है. इसके चलते बीते तीन महीने से वे परिणाम का इंतजार कर रहे हैं.
श्रेयक के ही दो अन्य साथी भी इसी तरह तीन महीने से परिणाम जारी होने का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन, हर स्तर पर गुहार लगाने के बावजूद अभी तक उनकी समस्या का समाधान नहीं निकल पाया है.