जयपुर. जिला कलेक्टर अन्तर सिंह नेहरा ने जयपुर जिले में आईएलआई मरीजों का पता लगाने के लिए डोर टू डोर सर्वे तेज करने, ब्लॉक स्तर पर स्थापित कोविड कंसल्टेशन और केयर सेंटर के समुचित उपयोग, कोविड-19 अस्पतालों में कोविड मरीजों के साथ रुकने वाले अटेंडेंट का भी आरटी-पीसीआर कराने सहित कई निर्देश दिए हैं.
उन्होंने प्राथमिकता समूहों में 45 वर्ष तक आयु वालों के लिए शिविर निर्धारित गाइडलाइन से ही लगाने के लिए भी निर्देशित किया है. जहां मंगलवार को जिला कलेक्ट्रेट में जिले के दोनों मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों, डिप्टी सीएमएचओ और आरसीएचओ की बैठक लेकर यह निर्देश दिए हैं.
नेहरा ने निर्देश दिए कि जिले में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में कोविड- 19 संक्रमित और आईएलआई, एसएआरआई रोगियों का पता लगाने के लिए एनएनएम, आशा सहयोगिनी और बीएलओ के माध्यम से किया जा रहा डोर टू डोर सर्वे कार्य कोरोना संक्रमण की शृंखला को तोड़ने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण गतिविधि है.
इस कार्य को समय पर पूरा करने के लिए टीमों की संख्या बढ़ाए क्योंकि एक चरण पूरा होने के बाद दूसरा चरण भी तुरन्त प्रारम्भ किया जाना है. उन्होंने निर्देश दिए कि आईएलआई का मरीज मिलते ही उसका उपचार तुरन्त प्रारम्भ कर दिया जाए. साथ ही उसे पूर्व निर्धारित मेडिकल किट प्रदान किया जाए. इसके लिए दवाओं की कोई कमी नहीं है.
कोविड मरीजों के लिए अलग ओपीडी-आईपीडी..
कलेक्टर नेहरा ने निर्देश दिए कि कोविड-19 का उपचार और रेफरल सेवाएं उपलब्ध कराने की दृष्टि से हर खण्ड में खोले गए कोविड कन्सल्टेशन एण्ड केयर सेंटर पर एक बैनर लगाकर इसकी सूचना दी जाए. जहां पर्याप्त संख्या में चिकित्सक, नर्सिंग और मेडिकल स्टाफ लगाए जाएं. इसके अलावा यहां सामान्य ओपीडी और आईपीडी के अलावा कोविड मरीजों के लिए अलग से ओपीडी की सुविधा रखी जाए.
अन्य रोगियों के लिए ओपीडी मोबाइल वैन चलाएं...
जिला कलेक्टर ने चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले में सभी कोरोना संक्रमण के हाॅट स्पाॅट, प्रभावित क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्र में कोविड के अलावा अन्य बीमारियों जैसे किडनी हाइपरटेंशन, डायबिटीज, खांसी-जुकाम, बुखार आदि के मरीजों और गर्भवती महिलाओं को उनके निवास के नजदीक मोबाइल ओपीडी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट, वैन या बेस एंबुलेंस चलाएं.
कोविड मरीज के अटेंडेंट का होगा आरटी-पीसीआर..
जिला कलेक्टर नेहरा ने निर्देश दिए कि कोविड संक्रमित मरीज के साथ उनके परिवार या रिश्तेदार में से एक समय पर किसी एक परिजन को ही अटेण्डेन्ट के रूप में सभी निर्धारित सुरक्षा उपायों को सुनिष्चित कर रहने की अनुमति दी जाए. अस्पताल में ही उसे दवाई का किट उपलब्ध कराया जाए. साथ ही उसका पूरा नाम, पता, मोबाइल नम्बर लिया जाए.