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संघ पर आंच से सियासी उबाल, निंबाराम प्रकरण में राजेन्द्र राठौड़ बोले- सरकार ने कुत्सित प्रयास किया तो ईंट से ईंट बजा देंगे - Nimbaram viral video

बीवीजी कंपनी (BVG company case) के साथ बीते दिनों 20 करोड़ के कथित लेनदेने के वायरल वीडियो (Viral Video) मामले को लेकर उठा सियासी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा. राजाराम गुर्जर (Rajaram Gurjar) की गिरफ्तारी के बाद संघ नेता निंबाराम (RSS Leader Nimbaram) के खिलाफ एसीबी (Rajasthan ACB) में मुकदमा दर्ज होने के बाद भाजपा ने गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसी मद में आज भाजपा के एक प्रतिनिधीमंडल ने राज्यपाल कलराज मिश्र (Governor Kalraj Mishra) से मुलाकात की.

RSS leader nimbaram case
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Published : Jul 6, 2021, 2:16 PM IST

जयपुर. बीवीजी कंपनी प्रतिनिधि से लेनदेन से जुड़े वायरल वीडियो के मामले में संघ प्रचारक निंबाराम के खिलाफ मामला दर्ज होने पर प्रदेश की सियासत में उबाल आ गया है. इस मामले में सरकार की कार्यशैली के खिलाफ मंगलवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के नेतृत्व में बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा.

पढ़ेंः दिल्ली में छुपकर बैठने से कोई बचेगा नहीं, जो दोषी है उसे सलाखों के पीछे जाना पड़ेगा : डोटासरा

भाजपा ने चेतावनी कि यदि प्रदेश सरकार ने इस मामले में कोई भी कुत्सित प्रयास किया तो हम इस मुद्दें पर ईंट से ईंट बजा देंगे जिसका खामियाजा राज्य सरकार को भुगतना पड़ेगा. इस प्रकरण में प्रदेश भाजपा के आला नेताओं के प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात कर यह भी मांग कर डाली कि राज्यपाल इस पूरे प्रकरण की पत्रावली स्वयं मंगा कर अध्ययन करें और राज्य सरकार को आवश्यक निर्देश भी दें.

राजेन्द्र राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष
राष्ट्रवादी संगठनों आंच बर्दाश्त नहीं करेगी- राठौड़

प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने बताया कि प्रदेश सरकार जनता का ध्यान बंटाने के लिए षडयंत्र पूर्वक राष्ट्रवादी संगठनों की ओर अपनी बंदूक की नाल कर रही है. राठौड़ ने कहा राष्ट्रवादी संगठनों के उत्कृष्ट उद्देश्यों को धूमिल करने के मकसद से बिना किसी परिवाद, बिना किसी शिकायत और बिना किसी लेनदेन के एसीबी ने मुकदमा नंबर 129 बनाया है. जिसमें तथाकथित परिवादी कहता है कि उससे किसी प्रकार की लेनदेन के बात नहीं हुई. उसके बाद भी मुकदमा बनाकर एक राष्ट्रवादी संगठन के प्रदेश प्रमुख का नाम लिखना और दूसरी तरफ भ्रष्टाचार में लिप्त जो लोग रंगे हाथों पकड़े गए उनके अभियोजन स्वीकृति को रोकना सरकार की नीयत को दर्शाता है. इसी मामले में राज्यपाल का ध्यान आकर्षित किया है.

पढे़ंः बीवीजी वायरल वीडियो मामला: सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर सहित दो गिरफ्तार

पढ़ेंः RSS प्रचारक निंबाराम के खिलाफ मामला दर्ज करने पर भड़की भाजपा, गहलोत सरकार पर प्रतिशोध की राजनीति का आरोप

प्रतिनिधिमंडल में यह आला नेता रहे शामिल-

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया के नेतृत्व में राज्यपाल से मुलाकात करने गए भाजपा प्रतिनिधिमंडल में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उप नेता राजेंद्र राठौड़, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, अशोक परनामी, जयपुर शहर सांसद रामचरण बौहरा, सांसद दीया कुमारी मौजूद रहे.

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राज्यपाल से मुलाकात करते हुए भाजपा प्रतिनिधिमंडल

क्या है पूरा मामला

साल 2017 में तत्कालीन महापौर अशोक लाहोटी ने राजधानी में BVG कंपनी के जरिए डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने की योजना की शुरुआत की थी. राजधानी में करीब 527 डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाली गाड़ियां संचालित हैं. इनमें से BVG की गाड़ियां महज 106 हैं, जबकि 421 गाड़ियां उन वेंडर्स की हैं जिन्हें BVG ने सबलेट किया है, जोकि नियम विरुद्ध है.

BVG कंपनी को नगर निगम प्रशासन ने जो काम सौंपा था, उसमें शर्तों की पालना नहीं हुई. बावजूद इसके BVG कंपनी ने अधूरे काम के 300 करोड़ से ज्यादा के बिल निगम को सौंप दिए. 100 फीसदी डोर टू डोर कचरा संग्रहण, कचरे का सेग्रीगेशन, हूपर्स में ट्रैकिंग सिस्टम, वेस्ट ट्रांसफर स्टेशन बनाकर मैकेनाइज सिस्टम से डंपिंग यार्ड तक कचरा पहुंचाने और शहर में ओपन कचरा डिपो हटाने जैसी शर्तों के साथ, BVG कंपनी को नगर निगम प्रशासन की ओर से काम सौंपा गया था, लेकिन इन शर्तों की पालना नहीं हुई. बावजूद इसके BVG कंपनी ने अधूरे काम के 300 करोड़ से ज्यादा के बिल निगम को सौंप दिए.

पढ़ेंः क्या ACB ने डोटासरा को बना दिया इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर : भाजपा

बता दें, BVG कंपनी देश के 70 से ज्यादा शहरों में काम कर रही है और जिसका सालाना टर्नओवर 2000 करोड़ से ज्यादा का है. कंपनी का दावा है कि निगम पर 302 करोड़ का बकाया है, लेकिन लूप पोल ये है कि 2 वर्षों से कंपनी के काम की थर्ड पार्टी से निगरानी ही नहीं हुई. ऐसे में एक सवाल यह भी उठ रहा है कि जब बिलों का वेरिफिकेशन ही नहीं हुआ है, तो उसका भुगतान कैसे हो रहा है. बताया जा रहा है इसी बिल में से 276 करोड़ रुपए के बकाया भुगतान को लेकर कथित डील हुई जिसके ऑडियो और वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए. वीडियो वायरल होने के बाद सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर और कंपनी के एक प्रतिनिधी को 29 जून के दिन गिरफ्तार कर लिया गया. बाद में एसीबी ने एक परिवाद को आधार बनाते हुए संघ नेता निंबाराम पर केस दर्ज किया है.

जयपुर. बीवीजी कंपनी प्रतिनिधि से लेनदेन से जुड़े वायरल वीडियो के मामले में संघ प्रचारक निंबाराम के खिलाफ मामला दर्ज होने पर प्रदेश की सियासत में उबाल आ गया है. इस मामले में सरकार की कार्यशैली के खिलाफ मंगलवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के नेतृत्व में बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा.

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भाजपा ने चेतावनी कि यदि प्रदेश सरकार ने इस मामले में कोई भी कुत्सित प्रयास किया तो हम इस मुद्दें पर ईंट से ईंट बजा देंगे जिसका खामियाजा राज्य सरकार को भुगतना पड़ेगा. इस प्रकरण में प्रदेश भाजपा के आला नेताओं के प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात कर यह भी मांग कर डाली कि राज्यपाल इस पूरे प्रकरण की पत्रावली स्वयं मंगा कर अध्ययन करें और राज्य सरकार को आवश्यक निर्देश भी दें.

राजेन्द्र राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष
राष्ट्रवादी संगठनों आंच बर्दाश्त नहीं करेगी- राठौड़

प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने बताया कि प्रदेश सरकार जनता का ध्यान बंटाने के लिए षडयंत्र पूर्वक राष्ट्रवादी संगठनों की ओर अपनी बंदूक की नाल कर रही है. राठौड़ ने कहा राष्ट्रवादी संगठनों के उत्कृष्ट उद्देश्यों को धूमिल करने के मकसद से बिना किसी परिवाद, बिना किसी शिकायत और बिना किसी लेनदेन के एसीबी ने मुकदमा नंबर 129 बनाया है. जिसमें तथाकथित परिवादी कहता है कि उससे किसी प्रकार की लेनदेन के बात नहीं हुई. उसके बाद भी मुकदमा बनाकर एक राष्ट्रवादी संगठन के प्रदेश प्रमुख का नाम लिखना और दूसरी तरफ भ्रष्टाचार में लिप्त जो लोग रंगे हाथों पकड़े गए उनके अभियोजन स्वीकृति को रोकना सरकार की नीयत को दर्शाता है. इसी मामले में राज्यपाल का ध्यान आकर्षित किया है.

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प्रतिनिधिमंडल में यह आला नेता रहे शामिल-

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया के नेतृत्व में राज्यपाल से मुलाकात करने गए भाजपा प्रतिनिधिमंडल में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उप नेता राजेंद्र राठौड़, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, अशोक परनामी, जयपुर शहर सांसद रामचरण बौहरा, सांसद दीया कुमारी मौजूद रहे.

RSS leader nimbaram case
राज्यपाल से मुलाकात करते हुए भाजपा प्रतिनिधिमंडल

क्या है पूरा मामला

साल 2017 में तत्कालीन महापौर अशोक लाहोटी ने राजधानी में BVG कंपनी के जरिए डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने की योजना की शुरुआत की थी. राजधानी में करीब 527 डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाली गाड़ियां संचालित हैं. इनमें से BVG की गाड़ियां महज 106 हैं, जबकि 421 गाड़ियां उन वेंडर्स की हैं जिन्हें BVG ने सबलेट किया है, जोकि नियम विरुद्ध है.

BVG कंपनी को नगर निगम प्रशासन ने जो काम सौंपा था, उसमें शर्तों की पालना नहीं हुई. बावजूद इसके BVG कंपनी ने अधूरे काम के 300 करोड़ से ज्यादा के बिल निगम को सौंप दिए. 100 फीसदी डोर टू डोर कचरा संग्रहण, कचरे का सेग्रीगेशन, हूपर्स में ट्रैकिंग सिस्टम, वेस्ट ट्रांसफर स्टेशन बनाकर मैकेनाइज सिस्टम से डंपिंग यार्ड तक कचरा पहुंचाने और शहर में ओपन कचरा डिपो हटाने जैसी शर्तों के साथ, BVG कंपनी को नगर निगम प्रशासन की ओर से काम सौंपा गया था, लेकिन इन शर्तों की पालना नहीं हुई. बावजूद इसके BVG कंपनी ने अधूरे काम के 300 करोड़ से ज्यादा के बिल निगम को सौंप दिए.

पढ़ेंः क्या ACB ने डोटासरा को बना दिया इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर : भाजपा

बता दें, BVG कंपनी देश के 70 से ज्यादा शहरों में काम कर रही है और जिसका सालाना टर्नओवर 2000 करोड़ से ज्यादा का है. कंपनी का दावा है कि निगम पर 302 करोड़ का बकाया है, लेकिन लूप पोल ये है कि 2 वर्षों से कंपनी के काम की थर्ड पार्टी से निगरानी ही नहीं हुई. ऐसे में एक सवाल यह भी उठ रहा है कि जब बिलों का वेरिफिकेशन ही नहीं हुआ है, तो उसका भुगतान कैसे हो रहा है. बताया जा रहा है इसी बिल में से 276 करोड़ रुपए के बकाया भुगतान को लेकर कथित डील हुई जिसके ऑडियो और वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए. वीडियो वायरल होने के बाद सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर और कंपनी के एक प्रतिनिधी को 29 जून के दिन गिरफ्तार कर लिया गया. बाद में एसीबी ने एक परिवाद को आधार बनाते हुए संघ नेता निंबाराम पर केस दर्ज किया है.

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