जयपुर. पाली जिले के सोजत क्षेत्र के बिलावास गांव में समाज की पंचायत में पंचों द्वारा तुगलकी फरमान से परेशान होकर बुजुर्ग के विषाक्त पदार्थ खाने के मामले को राज्य मानव अधिकार आयोग (RSHRC) ने गंभीरता से लेते हुए संज्ञान लिया है. आयोग ने मीडिया में प्रकाशित खबरों के आधार पर इस प्रकरण को स्वप्रेरणा (RSHRC suo moto cognizance in old man suicide attempt case) से दर्ज कर पाली जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से 21 फरवरी तक जवाब मांगा है.
आयोग अध्यक्ष जस्टिस जी के व्यास ने इस मामले में दिए गए अपने आदेश में लिखा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रत्येक व्यक्ति को स्वतंत्र रूप से जीने का अधिकार है. मौजूदा मामले में पाली जिले के सोजत क्षेत्र के पंचों से बेटी के ससुराल पक्ष से उगाई गई हर्जाना राशि मांगना एक बुजुर्ग को भारी पड़ गया. पंचों ने बुजुर्ग को दिनभर जूतों के बीच खड़ा रखा और फिर 25 लाख रुपए का दंड भी लगा दिया. इससे व्यथित होकर उसने जहर खा लिया.
पढ़ें: पंचों का ऐसा तुगलकी फरमान कि वृद्ध ने किया खुदकुशी का प्रयास
आयोग अध्यक्ष ने कहा कि मीडिया में प्रकाशित इन खबरों और घटना की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए स्वप्रेरणा संज्ञान लेकर यह प्रकरण दर्ज किया गया है. आयोग ने पाली जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को आदेश की प्रतिलिपि भेजकर इस पूरे प्रकरण की विशेषज्ञ अधिकारियों से जांच करवाने और रिपोर्ट अगली 21 फरवरी तक आयोग में पेश करने के निर्देश दिए हैं.