जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान फसल सुरक्षा योजना के अंतर्गत आगामी 2 वर्षों में 1.25 करोड़ मीटर तारबंदी के लिए किसानों को 125 करोड़ रुपए के अनुदान को मंजूरी दी है. योजना के प्रावधान के अनुसार किसान को न्यूनतम 1.5 हैक्टेयर कृषि भूमि होने पर अधिकतम 400 रनिंग मीटर तक तारबंदी की लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 40 हजार रुपए अनुदान दिया (Maximum 40 thousand grant for fencing to farmers) जाएगा.
35 हजार किसान होंगे लाभांवित: योजना के तहत पेरीफेरी के किसानों और सामुदायिक आधार पर खेती करने वाले सभी श्रेणी के किसानों के लिए भी दो या दो से अधिक किसानों के समूहों को न्यूनतम 1.5 हैक्टेयर कृषि भूमि पर तारबंदी की लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 40 हजार रुपए अनुदान के रूप में दिए जाएंगे. तारबंदी का क्षेत्र 400 रनिंग मीटर से कम होने पर अनुपातिक अनुदान मिलेगा. योजना से 35 हजार किसान लाभांवित होंगे तथा लाभान्वितों में से आवश्यक रूप से 30 प्रतिशत लघु व सीमांत किसान होने का प्रावधान किया गया है.
साथ ही, प्रत्येक लघु एवं सीमांत किसान को तारबंदी की लागत के 50 प्रतिशत के स्थान पर 60 प्रतिशत की दर से या 48 हजार रुपए अनुदान दिया जाएगा. योजना में 30 प्रतिशत लघु एवं सीमांत किसानों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान राशि दिए जाने के लिए 3.60 करोड़ रुपए के अतिरिक्त बजट का प्रावधान भी किया गया है. बता दें कि मुख्यमंत्री की ओर से वर्ष 2022-23 की बजट घोषणा संख्या 133 में राजस्थान फसल सुरक्षा योजना शुरू करने की घोषणा की गई थी.
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किसानों को शेडनेट, ग्रीनहाउस, लॉ-टनल: गहलोत ने राजस्थान संरक्षित खेती मिशन के अंतर्गत किसानों को पॉली हाउस, शेडनेट हाउस, लॉ-टनल की स्थापना व प्लास्टिक मल्चिंग के लिए 158.96 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इसमें 147.15 करोड़ रुपए मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना से वहन किया जाएगा. प्रस्ताव में शेडनेट और ग्रीनहाउस के लिए सब्सिडी में न्यूनतम 85 प्रतिशत व मल्चिंग और लॉ-टनल के लिए सब्सिडी में न्यूनतम 50 प्रतिशत, लघु और सीमांत किसानों को लाभान्वित करने का प्रावधान किया गया है. लॉ-टनल के लिए पहले लघु एवं सीमांत किसानों को अधिकतम 1 हजार वर्गमीटर के लिए अनुदान मिलता था, अब इसे बढ़ाकर 4 हजार वर्गमीटर कर दिया गया है. लॉ-टनल पर प्रति वर्गमीटर लागत पर अनुदान सीमा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने का प्रावधान किया गया है.
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लघु और सीमांत किसानों के लिए प्लास्टिक मल्चिंग के लिए प्रति हैक्टेयर यूनिट लागत राशि पर अनुदान 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया गया है. इससे प्रति हैक्टेयर यूनिट लागत राशि पर अब 16 हजार रुपए की जगह 24 हजार रुपए की सब्सिडी मिलेगी. अधिसूचित जनजाति क्षेत्र के जनजाति श्रेणी के किसानों को 25 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान देने के लिए 5 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है. बता दें कि वर्ष 2022-23 की बजट घोषणा की बिंदू संख्या 133 के क्रियान्वयन में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है.
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प्याज भंडारण संरचनाओं के लिए 15 करोड़ रुपए: गहलोत ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रदेश में 2500 किसानों के लिए कम लागत की प्याज भंडारण संरचनाओं के निर्माण के लिए 15.05 करोड़ रुपए के अनुदान के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इनके निर्माण से किसानों को प्याज भंडारण में आसानी होगी. इन संरचनाओं के निर्माण की अनुमानित लागत 1.75 लाख रुपए प्रति इकाई है. इसमें किसान को निर्माण के लिए 50 प्रतिशत अनुदान राशि उपलब्ध करवाई जाएगी जो अधिकतम 87500 रुपए होगी. योजना में न्यूनतम 50 प्रतिशत लघु एवं सीमांत किसानों को लाभान्वित किया जाएगा. बता दें कि मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में आगामी 2 वर्षों के दौरान 5 हजार किसानों को कम लागत की प्याज भंडारण संरचनाओं के निर्माण के लिए अनुदान देने की घोषणा की थी.