जयपुर. कैबिनेट मंत्री महेश जोशी के पुत्र रोहित जोशी को दुष्कर्म मामले (Rohit Joshi gets conditional anticipatory bail) में राहत मिल गई है. दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने रोहित को सशर्त अग्रिम जमानत का लाभ दिया है. अदालत ने कहा कि मामले की पीड़िता को राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के जरिए सुरक्षा मिल चुकी है. ऐसे में इसकी संभावना नहीं है कि आरोपी रोहित जोशी पीड़िता को धमकाए या उसे अपने पक्ष में करने के लिए प्रभावित करे. इसपर आरोपी को अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाता है.
अदालत ने कहा कि आरोपी बिना अनुमति दिल्ली और देश छोड़कर बाहर नहीं जा सकता. इसके अलावा वह शुक्रवार को जांच अधिकारी के सामने उपस्थित हो और भविष्य में भी जांच अधिकारी के बुलाने पर अनुसंधान के लिए हाजिर हो. अदालत ने जांच अधिकारी को छूट दी है कि वह परिस्थितियों के अनुसार भविष्य में आरोपी की जमानत रद्द करने के लिए याचिका पेश कर सकते हैं.
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि पीड़िता पढ़ी-लिखी युवती है.
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दस्तावेजों से स्पष्ट है कि पीड़िता शुरू से जानती थी कि आरोपी शादीशुदा है. इसके अलावा उसने स्वयं अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर आरोपी और खुद के वीडियो और फोटो पोस्ट किए थे. यह भी विरोधाभासी है कि आरोपी ने पीड़िता का उत्पीड़न किया हो. क्योंकि उसने अपनी पत्नी को तलाक देने के लिए दोनों की सहमति से तलाक की अर्जी पेश की थी और वह पीड़िता से शादी करना चाहता था.
जमानत अर्जी में अधिवक्ता दीपक चौहान ने अदालत को बताया कि पीड़िता आरोपी के विवाहित होने की जानकारी रखती थी और उसने खुद ही आरोपी को सोशल मीडिया पर मित्रता का प्रस्ताव भेजा था. इसके अलावा उसने अपनी मर्जी से आरोपी के साथ संबंध बनाए थे. वह आरोपी की पत्नी बनना चाहती थी और उसने आरोपी पर अपनी पत्नी को तलाक देने के लिए दबाव बनाने के साथ ही रुपए मांगने भी शुरू कर दिए थे. ऐसे में आरोपी को अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाए. मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने आरोपी को अग्रिम जमानत का लाभ दे दिया है.