जयपुर. राजस्थान रोडवेज कर्मचारियों की मांग लंबे समय से लंबित चल रही है. इसी को लेकर बुधवार को रोडवेज कर्मचारियों ने सिंधी कैंप बस स्टैंड पर ढोल बजाकर 'ढोल बजाओ सरकार जगाओ' प्रदर्शन किया है. रोडवेज में सातवां वेतनमान आयोग लागू करने, नई बसों की खरीद, नई भर्ती समेत अन्य मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारियों ने यह विरोध प्रदर्शन किया. इन्हीं मांगों को लेकर 27 अक्टूबर को रोडवेज कर्मचारी यूनियन के संयुक्त मोर्चा की हड़ताल भी प्रस्तावित है.
हालांकि सीएम अशोक गहलोत ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों के परिलाभों का भुगतान करने के लिए 476 करोड़ रुपए देने की घोषणा की थी. लेकिन रोडवेज कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों ने सीएम की घोषणा को अधूरी घोषणा बताया है. सीएम ने हड़ताल का फैसला वापस लेने की अपील की है, लेकिन रोडवेज कर्मचारी अपने फैसले पर डटे हुए हैं.
रोडवेज संयुक्त मोर्चा के संयोजक एमएल यादव ने बताया कि बुधवार को रोडवेज कर्मचारियों के आंदोलन का 9वां चरण है. नौवें चरण में "ढोल बजाओ सरकार जगाओ" का आंदोलन किया गया है. इस प्रदर्शन से सरकार को जगाने का प्रयास किया जा रहा है. सरकार नहीं जागी तो 25 और 26 अक्टूबर को 2 दिन लगातार धरना प्रदर्शन किया जाएगा. इसके बाद 27 अक्टूबर को 24 घंटे की प्रदेश व्यापी चक्का जाम हड़ताल की जाएगी. चक्का जाम हड़ताल की जिम्मेदार सरकार होगी. हड़ताल से पहले धीरे-धीरे आंदोलन करके सरकार को 3 महीने का समय दे दिया गया है.
रोडवेज कर्मचारी अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. इनमें प्रमुख मांगे सातवां वेतनमान आयोग लागू करना, दिवाली पर बोनस का भुगतान, 15 नई बसों की खरीद, 9000 खाली पदों पर भर्ती और सिंधी कैंप स्टैंड के बाहर चलने वाली अवैध प्राइवेट बसों पर लगाम लगाम लगाना है. उन्होंने बताया कि सरकार ने 2 दिन पहले 476 करोड रुपए सेवानिवृत्त कर्मचारियों के बकाया परिलाभों के भुगतान के लिए की है.
इसके लिए सरकार का स्वागत करते हैं, लेकिन यह आधी अधूरी मांग मंजूर की गई है. सेवानिवृत्त कर्मचारियों का 576 करोड़ रुपए का भुगतान बनता है. इसमें भी सरकार केवल 200 करोड़ दे रही है. जबकि 276 करोड़ का भार रोडवेज पर डाल दिया. रोडवेज पहले से ही घाटे में चल रही है. सरकार ने अधूरी घोषणा करके केवल वाह-वाई लूटने का काम किया है.
राजस्थान परिवहन निगम जनता मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिशुपाल सिंह ने बताया कि चुनाव से पहले हड़ताल के समय मंच पर आकर कांग्रेस के बड़े नेताओं ने आश्वासन दिया था कि कांग्रेस की सरकार बनने पर रोडवेज कर्मचारियों की मांगें पूरी की जाएंगी. लेकिन कांग्रेस सरकार को बने 3 साल होने को हैं, लेकिन अभी तक मांगें नहीं की है. सभी विभागों को सातवां वेतनमान आयोग तक लागू कर दिया गया है. रोडवेज कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. 25-26 अक्टूबर को धरना देने के बाद 27 अक्टूबर को प्रदेश में चक्काजाम कर हड़ताल करेंगे.
राजस्थान रोडवेज वर्कर्स यूनियन सीटू के महासचिव किशन सिंह राठौड़ ने बताया कि पूरे प्रदेश में 'ढोल बजाओ सरकार जगओ' आंदोलन किया गया है. मुख्य मांगों में पेंशन वेतन का समय पर भुगतान, सातवां वेतनमान आयोग लागू करना, नई बसों की खरीद और खाली पदों पर भर्ती करना है. सभी कर्मचारियों को सातवां वेतनमान का लाभ मिल रहा है, लेकिन रोडवेज कर्मचारी इससे वंचित हैं. राजस्थान रोडवेज और आरटीडीसी कर्मचारियों को सातवां वेतनमान का लाभ नहीं दिया जा रहा.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो घोषणा की है वह अधूरी घोषणा है. मुख्यमंत्री से अपील है कि इस पर पुनर्विचार किया जाए और रोडवेज कर्मचारियों की लंबित मांगों का समाधान करने की दिशा में कदम उठाया जाए.