जयपुरः परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा था कि कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन की स्थिति को देखते हुए पैदल ही दूसरे जिलों में अपने घरों को लौट रहे श्रमिकों और उनके परिवारजनों को घरों तक पहुंचाने के लिए बसें उपलब्ध कराई जाएंगी. खाचरियावास ने कहा था कि दूसरे राज्यों से भी राजस्थान सीमा में प्रवेश कर चुके लोगों को उनके घरों तक पहुंचाकर सड़कों से उन्हें हटाने की जरूरत है ताकि कोरोना वायरस के प्रसार और संक्रमण का खतरा नहीं रहे.
वहीं राजस्थान रोडवेज को अपने प्रदेशभर के डिपो पर हर समय 20 बसें सेनेटाइज कर तैयार रखने के निर्देश भी दिए थे. लॉक डाउन के कारण कई मजदूर, कामगार और जनसामान्य अकेले या परिवार के साथ मजबूरी में कई किलोमीटर का सफर कर रहे हैं. इसे देखते हुए यह निर्णय किया गया है कि डिपो पर तैयार रखी गई यह बसें जिला कलेक्टर की अनुशंसा पर रवाना की जाएंगी. जो पैदल यात्रा कर रहे लोगों को उनके घरों तक पहुंचाएंगी.
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परिवहन मंत्री ने सभी से अपील भी की थी कि लॉक डाउन पूरे देश और देशवासियों की सुरक्षा के लिए है, इसलिए केवल अति आवश्यक परिस्थितियों में ही घर से निकलें, सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें. साथ ही राज्य और केंद्र सरकारों के दिशा-निर्देशों का पूरा पालन करें. वहीं रविवार विद्याधर नगर विधानसभा क्षेत्र के चौमू पुलिया पर हजारों की संख्या में लोग अपने घरों की ओर जाने के लिए सुबह से ही बसों का इंतजार करते रहे, लेकिन कोई भी बस नहीं आई.
यात्री शालू ने बताया कि रविवार को अखबारों और सोशल मीडिया में देखा था कि राजस्थान रोडवेज की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों के लिए चौमू पुलिया पर बसें लगाई जाएगी. इसी आस में सुबह से मैं मेरी बच्ची के साथ बीकानेर जाने के लिए बस का इंतजार कर रही हूं, पर अभी तक कोई बस नहीं आई है. यहां जो पुलिसकर्मी है उनका कहना है आप वापस चले जाइए यहां कोई बस नहीं आएगी.
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जयपुर में चार स्टॉप किए चिन्हित:
राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम द्वारा जयपुर जिले से राजस्थान के अन्य जिलों में केवल श्रमिकों और उनके परिवारजनों के लिए चार स्टॉप दिल्ली एवं आगरा मार्ग के लिए ट्रांसपोर्ट नगर, सीकर मार्ग के लिए चौमूं पुलिया झोटवाड़ा, टोंक-कोटा मार्ग के लिए दुर्गापुरा बस स्टेण्ड और अजमेर मार्ग के लिए 200 फीट बाइपास पर स्टॉप चिन्हित किए गए हैं. इन स्टॉप के मध्य परिवहन व्यवस्था के लिए चार वाहन मय स्टाफ व्यवस्था की गई है. श्रमिकों को ले जाने वाली बसों को पूरी तरह से सेनेटाइज किया गया है.
क्यों की यह व्यवस्था:
हजारों लोगों पर आसरा न होने से लोग पैदल ही अपने घरों की ओर चल दिए है. मजदूर 1200 से 1400 किलोमीटर पैदल यात्रा कर रहे हैं, इन्हीं की पीड़ा समझते हुए राजस्थान सरकार ने इन्हें प्रदेश की सीमा तक छोड़ने के लिए आदेश जारी किए थे.
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यह लापरवाही जिसके कारण बिगड़ी व्यवस्था:
व्यवस्था पैदल पलायन करने वालों के लिए थी लेकिन शहर के दूरदराज इलाकों और फैक्ट्रियों से निकलकर मजदूर परिवार सहित बस स्टैंडों पर आ गए है. कई मजदूर ट्रक और एंबुलेंस आदि में बैठकर जयपुर पहुंच गए. रीको अधिकारियों की ओर से इन्हें रोका नहीं गया. वहीं रोडवेज बस शुरू होने की अफवाह फैली तो छात्र और अन्य यात्री चौमू पुलिया पहुंच गए है.