जयपुर. रोडवेज प्रशासन के द्वारा जहां कोरोना काल के बीच एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई थी. अब रोडवेज के कुछ वरिष्ठ अधिकारी रोडवेज को चूना लगा रहे हैं. ऐसा इसलिए, क्योंकि रोडवेज प्रशासन की ओर से नियमित बसों का संचालन नहीं किया जा रहा है. इसके कारण रोडवेज को यात्री भार के साथ ही राजस्व का भी नुकसान हो रहा है. रोडवेज के सबसे अधिक यात्री भार वाले दिल्ली रूट पर डीलक्स डिपो की ओर से मात्र 2 बसें भी चलाई जा रही हैं. इससे रोडवेज को आमदनी से अधिक नुकसान हो रहा है.
जानकारी के अनुसार दिल्ली सरकार से अनुमति मिलने के बाद रोडवेज प्रशासन ने बसों का संचालन शुरू किया था. इसके बाद डीलक्स डिपो द्वारा मात्र 2 बसे दिल्ली रूट पर शुरू की गई. अब धीरे-धीरे यात्री भार बढ़ने के बाद भी डीलक्स डिपो प्रशासन की ओर से बसों की संख्या नहीं बढ़ाई जा रही है. बता दें इस समय जयपुर से दिल्ली के लिए यात्री भार बढ़ रहा है, लेकिन अभी भी डीलक्स डिपो के द्वारा बस संचालित नहीं की जा रही है. ऐसे में कहीं ना कहीं भी रोडवेज के अधिकारी रोडवेज प्रशासन के राजस्व में घाटे लाने की एक बड़ी कड़ी भी बनते जा रहे हैं.
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बसें नहीं बढ़ा रहा प्रशासन...
डीलक्स डिपो की वर्तमान में 24 बसें दिल्ली, जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर और आगरा रूट पर संचालित हो रही है. इनमें से सबसे अधिक यात्री भार दिल्ली रूट पर है. इसके बावजूद प्रशासन बसें नहीं बढ़ा रहा. वर्तमान में डीलक्स बसें 30 पॉइंट 50 प्रतिकिलो मीटर से संचालित हो रही है. जबकि 60 प्रतिकिलो मीटर का खर्चा हो रहा है. रोडवेज प्रशासन कर्मचारियों को बैठे वेतन भी दे रहा है. जबकि इन्हें रूट पर चलाना चाहिए. जिससे रोडवेज के की आय में बढ़ोतरी भी होगी और अधिकारी भी कार्य कर सकेंगे.