जयपुर. देशभर में लॉकडाउन जारी है और इसी बीच रोडवेज की 331 से अधिक बसों के कंडम होने का खतरा भी लगातार जारी है. लेकिन राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की 331 बसों की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को आनन-फानन में पूरा कर लिया गया है.
BS4 की बसें होने के कारण 30 अप्रैल से पहले इनका पंजीयन करना जरूरी था. लेकिन यह बसें अभी पूरी तरह तैयार नहीं हुई हैं. किसी बस की बॉडी तैयार की जा रही है. तो किसी का बस अभी चेचिस ही खड़ा हुआ है.
आपको बता दें कि राजधानी जयपुर में स्थित कंपनियों में बसें तैयार हो रही हैं. ऐसे में 331 बसों की रजिस्ट्रेशन को लेकर परिवहन विभाग और रोडवेज के बीच मामला अटका हुआ है. आखिरकार 30 अप्रैल से पहले ही आधी- अधूरी रोडवेज बसों के पंजीयन की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने BS4 वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर 31 मार्च के बाद रोक लगा दी थी. इसके बाद लॉकडाउन के चलते कोर्ट ने 1 महीने का समय दिया था. परिवहन विभाग ने 30 अप्रैल तक आदेश जारी कर बिके हुए BS4 वाहनों के रजिस्ट्रेशन करने के लिए आदेश जारी किए थे. इसी बीच परिवहन विभाग ने रोडवेज की 331 बसों के रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को आनन-फानन में पूरा कर दिया है.
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बसों की खरीद से पहले भी हुआ था विवाद
रोडवेज की ओर से खरीदी गई 876 नई ब्लू लाइन एक्सप्रेस की बसों की खरीद का मामला पिछले कुछ महीनों में विवादों में चल रहा था. रोडवेज के तत्कालीन चेयरमैन रविशंकर श्रीवास्तव ने खरीद में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए, प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी. उनका आरोप था कि 31 मार्च के बाद इनका संचालन नहीं हो सकता. हालांकि बाद में श्रीवास्तव का तबादला भी हो गया है.
बॉडी निर्माता को देना होता है सर्टिफिकेट
आपको बता दें कि नियम के अनुसार रजिस्ट्रेशन के दौरान बॉडी निर्माता को बॉडी निर्माण सर्टिफिकेट देना होता है. इसके बाद ही परिवहन निरीक्षक खुद जाकर बसों की जांच करता है. ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल यह भी खड़ा होता है कि यदि वह बस तैयार नहीं हुई थी, तो परिवहन निरीक्षक ने बसों को हरी झंडी कैसे दी. इसके साथ ही बॉडी निर्माता कंपनी ने भी किस आधार पर सर्टिफिकेट जारी किया. वहीं जब परिवहन अधिकारियों से इस बारे में जानना चाहा, तो किसी ने भी किसी तरह के सवाल का जवाब नहीं दिया.