जयपुर. राजस्थान में सड़क सुरक्षा को लेकर परिवहन विभाग और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत काफी गंभीर है. ऐसा इसलिए क्योंकि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और इससे हो रही जनहानि की क्षति को कम करने के लिए राज्य सरकार बेहद संवेदनशील है. इसके लिए सरकार के की तरफ से भी निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं.
बता दें कि प्रदेश में सड़क दुर्घटना और उनसे होने वाली मृत्यु दर में कमी लाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के की ओर से बजट घोषणा 2020 और 21 के अंतर्गत तमिलनाडु राज्य की तर्ज पर राजस्थान सड़क सुरक्षा रोड मैप तैयार किया जाएगा. इसको लेकर परिवहन विभाग बीते कुछ महीनों से तैयारी भी कर रहा था. जिसे अब परिवहन विभाग की ओर से तैयार कर लिया गया है.
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वहीं, तमिलनाडु राज्य की तर्ज पर राजस्थान सड़क सुरक्षा रोड मैप तैयार किया गया है. जिसके अंतर्गत प्रदेश के समस्त दोपहिया और चार पहिया वाहन शोरू में सड़क सुरक्षा कॉर्नर विकसित किए जाएंगे. इसको लेकर भी विभाग की ओर से तैयारी की जा रही है.
इन सुझावों से आएगी दुर्घटना में कमीः
- डीलर प्वाइंट पर सड़क सुरक्षा कॉर्नर किए जाएंगे विकसित
- कॉर्नर में पोस्टर बैनर फ्लेक्स स्टैंडी से क्रिएटिव किए जाएंगे प्रदर्शित.
- वाहन चलाते समय सेफ्टी गियर, ओवरटेकिंग, नशे में वाहन चलाना, नींद और थकान में वाहन चलाना होगा वर्जित
- वाहन चलाते समय मोबाइल का उपयोग नहीं करना.
- कम उम्र में वाहन नहीं चलाना, यातायात संकेत और नए मोटर वाहन चालक की पूरी जानकारी दी जाएगी
- सड़क सुरक्षा कार्नर पर डिजिटल सिग्नेचर बॉल और सेल्फी जोन भी किया जाएगा विकसित
- शोरूम में कार्यरत प्रतिनिधि आगंतुक का सड़क सुरक्षा कॉर्नर पर आगमन करेगा सुनिश्चित
- प्रत्येक जिले से 3 सड़क सुरक्षा कॉर्नर का चुनाव कर परिवहन विभाग देगा प्रशस्ति पत्र
परिवहन आयुक्त रवि जैन ने बताया कि इन सुझावों से सड़क हादसों में काफी कमी देखने को मिलेगी. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि जिन लोगों को सड़क सुरक्षा से संबंधित नियमों की जानकारी नहीं है. उनको जानकारी मिल सकेगी और वह इस जानकारी के अनुमान से ही सड़क पर वाहन चलाएंगे. ऐसे में उस व्यक्ति को वाहन चालन को नहीं मिल सकेगा जिसे चलाने नहीं आता है.
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इस वजह से सड़क हादसों में काफी कमी आएगी. रवि जैन ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की विचारधारा यही है कि प्रदेश में सड़क हादसों में ज्यादा से ज्यादा कमी लाई जा सके. क्योंकि सड़क हादसों की वजह से मृतक के परिवारें को काफी कुछ सहना पड़ता है.
सालाना 10 हजार लोगों की जाती है जान
परिवहन विभाग के आंकड़ों की माने तो सड़क दुर्घटना के तहत सालाना करीब 10 हजार लोग अपनी जान गंवाते हैं. वहीं, देश में यह आंकड़ा करीब 1.5 लाख का है. साल 2017 में राजस्थान में 22,112 सड़क दुर्घटना हुई. जिनमें 10,444 लोगों की मृत्यु हुई.
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वहीं, साल 2018 में प्रदेश में 21,742 सड़क दुर्घटना हुई जिसमें 10,323 लोगों की जान गई. साल 2019 में प्रदेश में 30,468 सड़क दुर्घटनाओं में 10,561 लोगों ने अपनी जान गवांई. 22,964 लोग सड़क दुर्घटनाओं के शिकार होकर घायल भी हुए.