जयपुर. आरएलपी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और नागौर से लोकसभा सांसद हनुमान बेनीवाल ने कोरोना संकट के बाद इस बजट को कृषि सहित अन्य क्षेत्रों के लिए निराशाजनक बताया. बेनीवाल ने कहा कि देश का किसान कर्जदारी से मुक्त होकर आय सुनिश्चित करने का रोड मैप चाह रहा था, मगर केंद्र के बजट ने निराश किया है.
आरएलपी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और नागौर से लोकसभा सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि रेलवे सहित अन्य केंद्र से जुड़ी परियोजनाओं और लंबित मामलों को लेकर राजस्थान को भी बजट में निराश होना पड़ा. बेनीवाल ने कहा की कृषि बजट को 1.54 लाख करोड़ से घटाकर 1.48 लाख करोड़ किया गया है और पीएम किसान सम्मान निधि योजना में बजट को घटाकर 75 से 65 हजार करोड़ कर दिया है.
वहीं किसानों के ऋण पर सब्सिडी को घटाकर 21 से 19.5 हजार करोड़ कर दिया है, जो इंगित कर रहा है कि काले कृषि कानूनों को थोपने के बाद भी किसानों को किसी प्रकार की राहत नहीं दी गई. साथ ही अन्य फसलों को एमएसपी के दायरे में लाने का कोई विजन शासन ने बजट में नहीं बताया. सांसद ने बजट को लेकर राजस्थान के संदर्भ में बोलते हुए कहा कि रेलवे, पेयजल सहित कई लंबित मामलों पर केंद्र के बजट में राजस्थान को निराशा हाथ लगी है.
वित्त मंत्री के बजट भाषण के मध्य सांसद बेनीवाल ने वेल में आकर लगाए नारे, कहा कृषि कानून हो वापस
सांसद हनुमान बेनीवाल ने वित्त मंत्री द्वारा बजट भाषण शुरू करते ही वेल में आकर विरोध करना शुरू कर दिया. सांसद ने कहा कि काले कृषि कानूनों को वापस लेने की जरूरत है, क्योंकि देश का अन्नदाता सड़कों पर कड़ाके की ठंड में आन्दोलित है और यह कृषि बिल किसानों के खिलाफ है. उसके बाद सांसद से सदन से वाक आउट किया.