जयपुर. नागौर में दलित उत्पीड़न के मामले की घटना ने तूल पकड़ लिया है. गुरुवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बजट भाषण शुरु होने के बाद राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी 'आरएलपी' विधायकों ने विधानसभा परिसर में धरना दे दिया.
बजट खत्म होने के बाद बाहर निकले राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने धरना दे रहे आरएलपी विधायक नारायण बेनीवाल से पूछा, कि जब दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कर दी तो फिर क्यों धरना दे रहे हैं. इस बीच दोनों में कुछ वक्त के लिए नोकझोंक हो गई.
पढ़ें- नागौर में दलित युवकों से मारपीट के मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने बनाई 3 सदस्य कमेटी
नारायण बेनीवाल ने कहा, कि मंत्री हरीश चौधरी इस बात को लेकर दबाव बना रहे थे, कि विधानसभा में धरना क्यों दे रहे हैं. उन्होंने कहा, कि ये बहुत खेद की बात है कि दलितों पर हो रहे अत्याचार पर सरकार राजनीति कर रही है.
बेनीवाल ने कहा, कि हरीश चौधरी हमेशा झूठ बोलते रहे हैं, चाहे वो फसली ऋण का मामला हो या फिर दलित अत्याचार का. उन्होंने कहा, कि इस तरह के मुद्दे पर सरकार के मंत्री जवाब देने की बजाए उल्टा आवाज उठाने वालों को दबा रहे हैं.