जयपुर. नागौर में दो दलित युवकों के साथ बेरहमी से हुई मारपीट और उसका वीडियो वायरल करने के मामले ने सियासी रंग ले लिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जब विधानसभा में बजट पेश कर रहे थे ठीक उसी दौरान राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के तीनों विधायक विधानसभा के पश्चिमी गेट पर धरने पर बैठे थे. धरने पर बैठे तीनों ही विधायकों से ईटीवी भारत ने बात की और जाना क्या है उनकी मांग.
इन तीनों ही विधायकों की मांग थी कि नागौर में जिस प्रकार से दलित युवकों पर अत्याचार हुआ उसमें पुलिस की कार्यशैली बेहद खराब रही. यही कारण है कि रविवार की यह घटनाक्रम है लेकिन उसके 3 दिन बाद पुलिस ने मामला तो दर्ज किया लेकिन वह भी कमजोर धाराओं में. यही कारण है कि आरएलपी विधायक और प्रदेश अध्यक्ष पुखराज गर्ग, विधायक नारायण बेनीवाल और इंदिरा बावरी ने इस पूरे मामले में नागौर एसपी को एपीओ करने की मांग की है.
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वहीं, परिवहन विभाग में हाल ही में सामने आए मासिक बंदी के मामले को लेकर भी इन तीनों ही विधायकों ने सीबीआई जांच कराने की मांग की है. विधायक पुखराज गर्ग और नारायण बेनीवाल का कहना है कि मुख्यमंत्री प्रदेश में जीरो टोरलेंस की बात कहते हैं. लेकिन भ्रष्टाचार सरकारी विभागों में जड़ जमा चुका है. उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग में एक करोड़ से अधिक घूस की राशि पकड़ी जाने के बावजूद अब तक विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया और ना ही परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को मुख्यमंत्री ने बर्खास्त किया.
उन्होंने कहा है कि हम भी चाहते थे कि सदन में बैठकर बजट घोषणा सुने. लेकिन उससे पहले यदि मुख्यमंत्री इस भ्रष्टाचार को लेकर कोई वक्तव्य देते तो बेहतर होता. लेकिन ऐसा नहीं हुआ यहां हम बिगड़ी कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार के खिलाफ बाहर धरने पर बैठे हैं.