जयपुर. प्रदेश बीजेपी में शुरू हुआ घमासान और पार्टी स्तर पर इस्तीफा व्यक्तिगत कारणों से देना बताया जा रहा है. लेकिन चर्चा इस बात की भी है कि सुनील कोठारी ने जयपुर शहर भाजपा कार्यकारिणी को लेकर चल रहे विवाद के चलते अपना इस्तीफा दिया है.
बताया जा रहा है कि जयपुर शहर की कार्यकारणी का गठन के लिए सुनील कोठारी पर जयपुर शहर की मौजूदा बीजेपी विधायक और पूर्व विधायकों का काफी दबाव था. विधायक और पूर्व विधायक चाहते थे कि जयपुर शहर कार्यकारणी में उनके क्षेत्र से आने वाले बीजेपी कार्यकर्ता वही शामिल हों, जिनका नाम वो जयपुर शहर अध्यक्ष को दें. वहीं शहर अध्यक्ष सुनील कोठारी चाहते थे कि कुछ घोषणा विधायकों की अनुशंसा पर हो. जबकि कुछ घोषणा वे अपने हिसाब से करें. बताया जा रहा है कि एक पखवाड़े पहले ही सुनील कोठारी ने जयपुर शहर बीजेपी की नई कार्यकारणी तैयार कर ली थी लेकिन उसकी घोषणा नहीं कर पाए, उसका प्रमुख कारण विधायकों की ओर से दिए गए सभी नामों का कार्यकारिणी में समावेश नहीं होना था.
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विमल अग्रवाल के नाम पर भी था विवाद
बीजेपी के वरिष्ठ कार्यकर्ता और पिछले दीनदयाल वाहिनी से वापस बीजेपी में शामिल हुए. विमल अग्रवाल को जयपुर शहर कार्यकारणी में शामिल करने को लेकर भी विवाद चल रहा था. माना जा रहा है इसमें कोठारी चाहते थे कि वे अपने टीम में विमल अग्रवाल को अच्छा पद और जिम्मेदारी दें. लेकिन जयपुर शहर के कुछ विधायक नहीं चाहते थे कि अग्रवाल को किसी भी तरह का संगठन में कोई पद मिले.
राघव शर्मा रह चुके हैं शहर अध्यक्ष, वर्तमान में टीम सतीश पूनिया में रखते हैं दबदबा
जयपुर शहर बीजेपी के नए अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने वाले राघव शर्मा वर्तमान में टीम सतीश पूनिया में खास दबदबा रखते हैं. हालांकि, उन्हें प्रदेश बीजेपी कार्यालय मंत्री का दायित्व सौंपा गया था. वहीं इससे पहले राघव शर्मा जयपुर शहर अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. हालांकि, तब उनके कार्यकाल के दौरान वरिष्ठ विधायक कालीचरण सराफ से उनकी तनातनी और गतिरोध के किस्से आज तक चर्चाओं में हैं.
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प्रदेश बीजेपी में सुनील कोठारी के इस्तीफे के बाद कई तरह की चर्चा चल रही हैं. बीजेपी नेताओं से जुड़ा एक वर्ग कहता है कि प्रदेश बीजेपी नेतृत्व खासतौर पर सतीश पूनिया सुनील कोठारी के कामकाज से संतुष्ट नहीं थे. जबकि कोठारी को शहर अध्यक्ष बनाए जाने में प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर की अहम भूमिका रही थी.