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जयपुर में रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल खत्म : सरकार से ज्यादातर मांगों पर बनी सहमति..11 दिन चली हड़ताल, JARD ने की घोषणा-आज से लौटेंगे रेजिडेंट्स

जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (JARD) के अध्यक्ष अमित यादव का कहना है कि अस्पतालों में एक हजार रेजिडेंट डॉक्टरों की आवश्यकता है. लेकिन 600 डॉक्टरों पर ही दारोमदार है. इसके कारण रेजिडेंट डॉक्टरों को अलग से काम करना पड़ रहा है. इससे वे तनाव में रहते हैं. यादव ने बताया कि सरकार से बुधवार को तीसरे दौर की वार्ता सकारात्मक रही. रेजिडेंट्स की हड़ताल (Residents strike in Rajasthan) 11 दिन चली.

Resident doctor strike ends
जयपुर में रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल खत्म
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Published : Dec 8, 2021, 10:57 PM IST

Updated : Dec 9, 2021, 8:49 AM IST

जयपुर. राजस्थान के मरीजों के लिए राहत भरी खबर है. पिछले 11 दिन से राजस्थान में रेजिडेंट्स की हड़ताल बुधवार रात को खत्म हो गयी. सरकार से वार्ता में रेजीडेंट्स की मांगों पर सहमति बन गई. इसके बाद जार्ड पदाधिकारियों ने हड़ताल समाप्ति की घोषणा (JARD announces end of strike) कर दी. सभी रेजिडेंट गुरुवार से अपने काम पर लौट आएंगे.

राजस्थान के रेजिडेंट्स हड़ताल पर 11 दिन रहे. जयपुर में रेजिडेंट्स की 8 सूत्री मांगों (demands of the residents in jaipur) पर प्रदेशभर के रेजिडेंट्स ने हड़ताल कर रखी थी. इससे सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था चरमरा गई थी. नीट पीजी काउंसलिंग में देरी (delay in neet pg counseling) को लेकर रेजिडेंट्स विरोध कर रहे थे. नीट पीजी काउंसलिंग में लेटलतीफी का देशभर में विरोध किया जा रहा था.

जयपुर में रेजीडेंट डॉक्टर संपूर्ण कार्य बहिष्कार पर चले गए थे. काउंसलिंग में हो रही देरी के कारण रेजिडेंट चिकित्सकों में आक्रोश व्याप्त था. उनका कहना था कि काउंसलिंग नहीं होने के कारण उन पर लगातार काम का बोझ बढ़ रहा है, इसके कारण रेजिडेंट चिकित्सक अवसाद का शिकार हो रहे हैं.

पढ़ें- Resident Doctors Strike in Rajasthan: अस्पतालों में की गई वैकल्पिक व्यवस्था, सीनियर चिकित्सक और रेजिडेंट ने संभाला काम

रेजिडेंट ने ओपीडी के साथ-साथ आईपीडी, एकेडमिक शेड्यूल और कक्षाओं, इमेरजेंसी का भी बहिष्कार किया हुआ था. हालांकि अस्पताल प्रशासन की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था कर दी गई थी. ओपीडी में सीनियर डॉक्टरों को लगाया गया था. इसके बावजूद ओपीडी आने वाले सभी मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा था. रेजिडेंट की हड़ताल के कारण एसएमएस अस्पताल, जेके लोन अस्पताल, गणगौरी और जनाना अस्पताल सहित अन्य सरकारी अस्पतालों में कार्य प्रभावित हो रहा था. इलाज के लिए आने वाले मरीज भी परेशान थे.

जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (JARD) के अध्यक्ष अमित यादव का कहना है कि अस्पतालों में एक हजार रेजिडेंट डॉक्टरों की आवश्यकता (Resident doctors required) है. लेकिन 600 डॉक्टरों पर ही दारोमदार है. इसके कारण रेजिडेंट डॉक्टरों को अलग से काम करना पड़ रहा है. इससे वे तनाव में रहते हैं. यादव ने बताया कि सरकार से बुधवार को तीसरे दौर की वार्ता सकारात्मक रही.

उन्होंने कहा कि सरकार ने संवेदनशीलता दिखाते हुए हमारी सभी आठ सूत्री मांगों को एक तय समय सीमा में मानने का आश्वासन दिया है. इसके लिए एक समझौता पत्र भी तैयार किया गया है. अमित यादव ने कहा कि अजमेर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल वीपी सिंह की मध्यस्थता से विभाग के शासन सचिव वैभव गालरिया से वार्ता हुई.

जयपुर. राजस्थान के मरीजों के लिए राहत भरी खबर है. पिछले 11 दिन से राजस्थान में रेजिडेंट्स की हड़ताल बुधवार रात को खत्म हो गयी. सरकार से वार्ता में रेजीडेंट्स की मांगों पर सहमति बन गई. इसके बाद जार्ड पदाधिकारियों ने हड़ताल समाप्ति की घोषणा (JARD announces end of strike) कर दी. सभी रेजिडेंट गुरुवार से अपने काम पर लौट आएंगे.

राजस्थान के रेजिडेंट्स हड़ताल पर 11 दिन रहे. जयपुर में रेजिडेंट्स की 8 सूत्री मांगों (demands of the residents in jaipur) पर प्रदेशभर के रेजिडेंट्स ने हड़ताल कर रखी थी. इससे सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था चरमरा गई थी. नीट पीजी काउंसलिंग में देरी (delay in neet pg counseling) को लेकर रेजिडेंट्स विरोध कर रहे थे. नीट पीजी काउंसलिंग में लेटलतीफी का देशभर में विरोध किया जा रहा था.

जयपुर में रेजीडेंट डॉक्टर संपूर्ण कार्य बहिष्कार पर चले गए थे. काउंसलिंग में हो रही देरी के कारण रेजिडेंट चिकित्सकों में आक्रोश व्याप्त था. उनका कहना था कि काउंसलिंग नहीं होने के कारण उन पर लगातार काम का बोझ बढ़ रहा है, इसके कारण रेजिडेंट चिकित्सक अवसाद का शिकार हो रहे हैं.

पढ़ें- Resident Doctors Strike in Rajasthan: अस्पतालों में की गई वैकल्पिक व्यवस्था, सीनियर चिकित्सक और रेजिडेंट ने संभाला काम

रेजिडेंट ने ओपीडी के साथ-साथ आईपीडी, एकेडमिक शेड्यूल और कक्षाओं, इमेरजेंसी का भी बहिष्कार किया हुआ था. हालांकि अस्पताल प्रशासन की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था कर दी गई थी. ओपीडी में सीनियर डॉक्टरों को लगाया गया था. इसके बावजूद ओपीडी आने वाले सभी मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा था. रेजिडेंट की हड़ताल के कारण एसएमएस अस्पताल, जेके लोन अस्पताल, गणगौरी और जनाना अस्पताल सहित अन्य सरकारी अस्पतालों में कार्य प्रभावित हो रहा था. इलाज के लिए आने वाले मरीज भी परेशान थे.

जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (JARD) के अध्यक्ष अमित यादव का कहना है कि अस्पतालों में एक हजार रेजिडेंट डॉक्टरों की आवश्यकता (Resident doctors required) है. लेकिन 600 डॉक्टरों पर ही दारोमदार है. इसके कारण रेजिडेंट डॉक्टरों को अलग से काम करना पड़ रहा है. इससे वे तनाव में रहते हैं. यादव ने बताया कि सरकार से बुधवार को तीसरे दौर की वार्ता सकारात्मक रही.

उन्होंने कहा कि सरकार ने संवेदनशीलता दिखाते हुए हमारी सभी आठ सूत्री मांगों को एक तय समय सीमा में मानने का आश्वासन दिया है. इसके लिए एक समझौता पत्र भी तैयार किया गया है. अमित यादव ने कहा कि अजमेर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल वीपी सिंह की मध्यस्थता से विभाग के शासन सचिव वैभव गालरिया से वार्ता हुई.

Last Updated : Dec 9, 2021, 8:49 AM IST
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