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Jk Lone Hospital News: देश में बच्चों के लिए बनाए सबसे बड़े इमरजेंसी आईसीयू को रेजिडेंट डॉक्टर्स का इंतजार - Rajasthan hindi news

बच्चों के देश का सबसे बड़ा इमरजेंसी आईसीयू वार्ड जेके लोन अस्पताल (Jk Lone Hospital child Emergency ICU) में बनकर तैयार हो गया है. तीन माह पहले बना यह आईसीयू फिलहाल ड्राइ रन पर चल रहा है. रेजिडेंट डॉक्टर्स की कमी के कारण 40 बेड के इस आईसीयू की पूरी सुविधा लोगों को नहीं मिल पा रही है. पढ़ें पूरी खबर...

Jk Lone Hospital child Emergency ICU
इमरजेंसी आईसीयू को रेजिडेंट डॉक्टर्स का इंतजार
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Published : Jul 22, 2022, 7:38 PM IST

जयपुर. राजधानी के जेके लोन अस्पताल में देश का सबसे बड़ा इमरजेंसी आईसीयू (Jk Lone Hospital child Emergency ICU) बनकर तैयार हो गया है लेकिन रेजिडेंट चिकित्सकों की कमी के चलते इसे शुरू नहीं किया जा सका है. इमरजेंसी आईसीयू को तैयार हुए करीब 3 महीने से अधिक का समय बीत चुका है. शुरुआती तौर पर इसे ड्राई रन के रूप में प्रारंभ किया जाना था ताकि गंभीर स्थिति में आने वाले बच्चों को तुरंत चिकित्सकीय सुविधा मिल सके. इस इमरजेंसी आईसीयू में तकरीबन 40 बेड हैं जिन पर वेंटिलेटर की सुविधा भी है.

जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अरविंद शुक्ला का कहना है कि इमरजेंसी को प्रारंभिक तौर पर शुरू किया जा रहा है और पहले 8 बेड ही उपयोग में लाए जा रहे हैं. डॉक्टर शुक्ला का कहना है कि स्टाफ की कमी के चलते सभी 40 बेड उपयोग में नहीं आ पा रहे हैं. इसका मुख्य कारण रेजिडेंट चिकित्सकों की कमी है. ऐसे में जल्द ही इमरजेंसी में और स्टाफ तैनात किए जाएंगे. इसके बाद इमरजेंसी आईसीयू की पूरी सुविधा मरीजों को मिल सकेगी. हालांकि इस इमरजेंसी को सबसे पहले 'ड्राई रन' के रूप में शुरू किया जाना था, लेकिन रेजिडेंट चिकित्सकों की उपलब्धता नहीं होने के कारण यह इमरजेंसी पूर्ण रूप से संचालित नहीं हो पा रही है. इस इमरजेंसी आसीयू में करोड़ों रुपए के उपकरणों को इलाज के लिए लगाया गया है.

इमरजेंसी आईसीयू को रेजिडेंट डॉक्टर्स का इंतजार

पढ़ें. JK लोन अस्पताल में तैयार हो रहा नया इमरजेंसी वार्ड, हर बेड पर मिलेगी वेंटिलेटर की सुविधा

डॉक्टर शुक्ला का यह भी कहना है कि जब यह इमरजेंसी पूर्ण रूप से शुरू हो जाएगी तो गंभीर स्थिति में आने वाले बच्चों का भी बेहतर इलाज करने के सात ही उनकी जिंदगी भी बचाई जा सकेगी. डॉ. शुक्ला ने बताया कि अस्पताल में आईसीयू और एनआईसीयू बेड की संख्या में बढ़ोतरी कर दी गई थी लेकिन हर दिन बड़ी संख्या में गंभीर अवस्था में बच्चों को जेके लोन अस्पताल में रेफर किया जाता है और राजस्थान से ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्यों से भी बच्चे यहां आपातकालीन स्थिति में रेफर किए जाते हैं ऐसे में फिलहाल इमरजेंसी वार्ड में बेड की संख्या पर्याप्त नहीं थी जिसके बाद इसे नए सिरे से तैयार किया गया है.

पढ़ें. बच्चों के लिए देश का सबसे बड़ा इमरजेंसी आईसीयू बनकर तैयार, जल्द शुरू होगा ड्राई रन

शुरू हुआ तो मिलेंगी ये सुविधाएं

  • 40 बेड का अस्पताल में बनाया गया है हाईटेक आईसीयू इमरजेंसी
  • हर बेड पर वेंटिलेटर की सुविधा
  • हर बेड पर 3 इन्फ्यूजन पंप
  • हर बेड पर मल्टी पैरा मॉनिटर
  • इसके अलावा इनबिल्ट एक्स रे मशीन की सुविधा भी मिल सकेगी

तीन कंपार्टमेंट में किया गया तैयार
इस नए इमरजेंसी आईसीयू को तीन कंपार्टमेंट पर तैयार किया गया है जिसके तहत ग्राउंड फ्लोर पर 8 बेड का ट्राईएज एरिया बनाया गया है. ऐसे में यदि कोई बच्चा गंभीर अवस्था में अस्पताल पहुंचता है तो तुरंत उसे वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी. दूसरे कंपार्टमेंट में बनाए गए इमरजेंसी आईसीयू को इनफेक्टेड डिजीज से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए तैयार की गई है जिसमें स्वाइन फ्लू और कोरोना और अन्य इनफेक्टेड बीमारियों से पीड़ित बच्चों का इलाज किया जाएगा. जबकि तीसरे कंपार्टमेंट में सामान्य बच्चों को रखा जाएगा.

जयपुर. राजधानी के जेके लोन अस्पताल में देश का सबसे बड़ा इमरजेंसी आईसीयू (Jk Lone Hospital child Emergency ICU) बनकर तैयार हो गया है लेकिन रेजिडेंट चिकित्सकों की कमी के चलते इसे शुरू नहीं किया जा सका है. इमरजेंसी आईसीयू को तैयार हुए करीब 3 महीने से अधिक का समय बीत चुका है. शुरुआती तौर पर इसे ड्राई रन के रूप में प्रारंभ किया जाना था ताकि गंभीर स्थिति में आने वाले बच्चों को तुरंत चिकित्सकीय सुविधा मिल सके. इस इमरजेंसी आईसीयू में तकरीबन 40 बेड हैं जिन पर वेंटिलेटर की सुविधा भी है.

जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अरविंद शुक्ला का कहना है कि इमरजेंसी को प्रारंभिक तौर पर शुरू किया जा रहा है और पहले 8 बेड ही उपयोग में लाए जा रहे हैं. डॉक्टर शुक्ला का कहना है कि स्टाफ की कमी के चलते सभी 40 बेड उपयोग में नहीं आ पा रहे हैं. इसका मुख्य कारण रेजिडेंट चिकित्सकों की कमी है. ऐसे में जल्द ही इमरजेंसी में और स्टाफ तैनात किए जाएंगे. इसके बाद इमरजेंसी आईसीयू की पूरी सुविधा मरीजों को मिल सकेगी. हालांकि इस इमरजेंसी को सबसे पहले 'ड्राई रन' के रूप में शुरू किया जाना था, लेकिन रेजिडेंट चिकित्सकों की उपलब्धता नहीं होने के कारण यह इमरजेंसी पूर्ण रूप से संचालित नहीं हो पा रही है. इस इमरजेंसी आसीयू में करोड़ों रुपए के उपकरणों को इलाज के लिए लगाया गया है.

इमरजेंसी आईसीयू को रेजिडेंट डॉक्टर्स का इंतजार

पढ़ें. JK लोन अस्पताल में तैयार हो रहा नया इमरजेंसी वार्ड, हर बेड पर मिलेगी वेंटिलेटर की सुविधा

डॉक्टर शुक्ला का यह भी कहना है कि जब यह इमरजेंसी पूर्ण रूप से शुरू हो जाएगी तो गंभीर स्थिति में आने वाले बच्चों का भी बेहतर इलाज करने के सात ही उनकी जिंदगी भी बचाई जा सकेगी. डॉ. शुक्ला ने बताया कि अस्पताल में आईसीयू और एनआईसीयू बेड की संख्या में बढ़ोतरी कर दी गई थी लेकिन हर दिन बड़ी संख्या में गंभीर अवस्था में बच्चों को जेके लोन अस्पताल में रेफर किया जाता है और राजस्थान से ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्यों से भी बच्चे यहां आपातकालीन स्थिति में रेफर किए जाते हैं ऐसे में फिलहाल इमरजेंसी वार्ड में बेड की संख्या पर्याप्त नहीं थी जिसके बाद इसे नए सिरे से तैयार किया गया है.

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शुरू हुआ तो मिलेंगी ये सुविधाएं

  • 40 बेड का अस्पताल में बनाया गया है हाईटेक आईसीयू इमरजेंसी
  • हर बेड पर वेंटिलेटर की सुविधा
  • हर बेड पर 3 इन्फ्यूजन पंप
  • हर बेड पर मल्टी पैरा मॉनिटर
  • इसके अलावा इनबिल्ट एक्स रे मशीन की सुविधा भी मिल सकेगी

तीन कंपार्टमेंट में किया गया तैयार
इस नए इमरजेंसी आईसीयू को तीन कंपार्टमेंट पर तैयार किया गया है जिसके तहत ग्राउंड फ्लोर पर 8 बेड का ट्राईएज एरिया बनाया गया है. ऐसे में यदि कोई बच्चा गंभीर अवस्था में अस्पताल पहुंचता है तो तुरंत उसे वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी. दूसरे कंपार्टमेंट में बनाए गए इमरजेंसी आईसीयू को इनफेक्टेड डिजीज से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए तैयार की गई है जिसमें स्वाइन फ्लू और कोरोना और अन्य इनफेक्टेड बीमारियों से पीड़ित बच्चों का इलाज किया जाएगा. जबकि तीसरे कंपार्टमेंट में सामान्य बच्चों को रखा जाएगा.

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