ETV Bharat / city

बॉन्ड नीति के विरोध में उतरे रेजिडेंट चिकित्सक, काली पट्टी बांधकर जताया विरोध - ETV Bharat Rajasthan News

राजस्थान में रेजिडेंट डॉक्टर्स सरकार की ओर से 2013-14 में लागू की गई बॉन्ड नीति के विरोध में (Resident Doctors protest against Bond policy) उतर गए हैं. रविवार को चिकित्सकों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया है. उन्होंने इस नीति को अपारदर्शी और अपरिपक्व बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की है. साथ ही ऐसा नहीं होने की स्थिति में आंदोलन की चेतावनी दी है.

Bond policy in Rajasthan
Bond policy in Rajasthan
author img

By

Published : Oct 2, 2022, 3:38 PM IST

जयपुर. वर्ष 2013-14 में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने रेजिडेंट चिकित्सकों को लेकर एक बॉन्ड नीति जारी की (Resident Doctors protest against Bond policy) थी. इसके तहत पीजी होने के पश्चात चिकित्सकों को कुछ वर्ष सरकारी सेवा देनी होगी या फिर 25 लाख का बॉन्ड भरना होगा. लेकिन प्रदेशभर के रेजिडेंट चिकित्सक अब इस नीति के विरोध में उतर गए हैं.

रेजिडेंट चिकित्सकों का कहना है कि हम बॉन्ड भरने को तैयार हैं लेकिन बॉन्ड नीति अत्यंत जल्दबाजी में (Resident Doctors Protest in Rajasthan) जारी की गई है. इसमें सुधार की जरूरत है. इससे रेजिडेंट चिकित्सकों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. ऐसे में रविवार को चिकित्सकों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया.

रेजिडेंट चिकित्सकों का कहना है कि राज्य सरकार की यह बॉन्ड नीति अपारदर्शी और अपरिपक्व तरीके से लागू की गई है. साथ ही सरकार ने इसकी विज्ञप्ति निकाले जाने के बाद भी राजस्थान के सभी मेडिकल कॉलेजों में अभ्यर्थियों का बिना किसी पारदर्शी प्रक्रिया के सीनियर रेजिडेंट पदों पर नियुक्त हो जाना, भ्रष्टाचार और धांधली को प्रदर्शित करता है. दूसरी तरफ रेजिडेंट्स पर लगाई जाने वाली बॉन्ड नीति की प्रक्रिया इस साल परीक्षा के पूर्व ही शुरू हो जानी चाहिए थी. लेकिन वह 6 माह बाद अक्टूबर में शुरू की जा रही है.

पढ़ें. रेजिडेंट डॉक्टरों से घंटों ड्यूटी व छुट्टी नहीं मिलने पर NMC सख्त, योग क्लासेज लगाने के निर्देश

इस मध्य अवधि में सभी रेजिडेंट्स को बिना पूर्व सूचना तथा बॉन्ड की शर्तों के विपरीत दस्तावेज प्रदान नहीं करने (Resident Doctors tied Black Band as protest) और सरकार की लेटलतीफी से सभी रेजिडेंट्स को लगभग 5 माह बिना आय के आजीविका के लिए संघर्ष करना पड़ा. यह सरकार की प्रताड़ित करने वाली व दमनकारी नीति को दर्शाता है. ऐसे में रेजिडेंट चिकित्सकों ने राज्य सरकार रेजिडेंट्स से 5 माह का का वेतन और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है.

लैटरल एंट्री बंद हो : रेजिडेंट चिकित्सकों का कहना है कि सुपर स्पेशलिटी में लैटरल एंट्री बंद होनी चाहिए. जो भी लैटरल एंट्री हुई उसको पुनः उनके मूल डिपार्टमेंट में भेजा जाए. साथ ही RPSC पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से सभी रिक्त पदों पर भर्ती करे. इसके अलावा इन चिकित्सकों का यह भी कहना है कि जहां एक तरफ राज्य के तकरीबन 5 हजार से अधिक एमबीबीएस डॉक्टर्स, चिकित्सा अधिकारी की भर्ती निकालने तथा पद संख्या बढ़ाने के लिए आंदोलनरत हैं. वहीं दूसरी तरफ सरकार उनकी मांगों को दरकिनार कर रही है.

पढ़ें. Jk Lone Hospital News: देश में बच्चों के लिए बनाए सबसे बड़े इमरजेंसी आईसीयू को रेजिडेंट डॉक्टर्स का इंतजार

उनका कहना है कि वर्तमान परिस्थितियों और डॉक्टर्स की उपलब्धता को देखते हुए इस बॉन्ड नीति को तुरंत प्रभाव से (Bond policy in Rajasthan) रद्द किया जाए. तथा इसे लागू करने की संभावनाओं पर पुनर्विचार किया जाए. इसके अलावा बॉन्ड नीति में इन-सर्विस रेजिडेंट डॉक्टर्स को भी समान अवसर प्रदान किए जाए. साथ ही नीति की विसंगतियों को दूर करने एवं बॉन्ड की रूपरेखा तैयार करने के लिए एक कमेटी गठित की जाए. इसमें रेजिडेंट डॉक्टर्स के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए. ऐसे में रेजिडेंट चिकित्सकों का कहना है कि यदि सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है तो फिर प्रदेश में एक बड़ा आंदोलन रेजिडेंट चिकित्सकों की ओर से किया जाएगा.

जयपुर. वर्ष 2013-14 में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने रेजिडेंट चिकित्सकों को लेकर एक बॉन्ड नीति जारी की (Resident Doctors protest against Bond policy) थी. इसके तहत पीजी होने के पश्चात चिकित्सकों को कुछ वर्ष सरकारी सेवा देनी होगी या फिर 25 लाख का बॉन्ड भरना होगा. लेकिन प्रदेशभर के रेजिडेंट चिकित्सक अब इस नीति के विरोध में उतर गए हैं.

रेजिडेंट चिकित्सकों का कहना है कि हम बॉन्ड भरने को तैयार हैं लेकिन बॉन्ड नीति अत्यंत जल्दबाजी में (Resident Doctors Protest in Rajasthan) जारी की गई है. इसमें सुधार की जरूरत है. इससे रेजिडेंट चिकित्सकों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. ऐसे में रविवार को चिकित्सकों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया.

रेजिडेंट चिकित्सकों का कहना है कि राज्य सरकार की यह बॉन्ड नीति अपारदर्शी और अपरिपक्व तरीके से लागू की गई है. साथ ही सरकार ने इसकी विज्ञप्ति निकाले जाने के बाद भी राजस्थान के सभी मेडिकल कॉलेजों में अभ्यर्थियों का बिना किसी पारदर्शी प्रक्रिया के सीनियर रेजिडेंट पदों पर नियुक्त हो जाना, भ्रष्टाचार और धांधली को प्रदर्शित करता है. दूसरी तरफ रेजिडेंट्स पर लगाई जाने वाली बॉन्ड नीति की प्रक्रिया इस साल परीक्षा के पूर्व ही शुरू हो जानी चाहिए थी. लेकिन वह 6 माह बाद अक्टूबर में शुरू की जा रही है.

पढ़ें. रेजिडेंट डॉक्टरों से घंटों ड्यूटी व छुट्टी नहीं मिलने पर NMC सख्त, योग क्लासेज लगाने के निर्देश

इस मध्य अवधि में सभी रेजिडेंट्स को बिना पूर्व सूचना तथा बॉन्ड की शर्तों के विपरीत दस्तावेज प्रदान नहीं करने (Resident Doctors tied Black Band as protest) और सरकार की लेटलतीफी से सभी रेजिडेंट्स को लगभग 5 माह बिना आय के आजीविका के लिए संघर्ष करना पड़ा. यह सरकार की प्रताड़ित करने वाली व दमनकारी नीति को दर्शाता है. ऐसे में रेजिडेंट चिकित्सकों ने राज्य सरकार रेजिडेंट्स से 5 माह का का वेतन और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है.

लैटरल एंट्री बंद हो : रेजिडेंट चिकित्सकों का कहना है कि सुपर स्पेशलिटी में लैटरल एंट्री बंद होनी चाहिए. जो भी लैटरल एंट्री हुई उसको पुनः उनके मूल डिपार्टमेंट में भेजा जाए. साथ ही RPSC पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से सभी रिक्त पदों पर भर्ती करे. इसके अलावा इन चिकित्सकों का यह भी कहना है कि जहां एक तरफ राज्य के तकरीबन 5 हजार से अधिक एमबीबीएस डॉक्टर्स, चिकित्सा अधिकारी की भर्ती निकालने तथा पद संख्या बढ़ाने के लिए आंदोलनरत हैं. वहीं दूसरी तरफ सरकार उनकी मांगों को दरकिनार कर रही है.

पढ़ें. Jk Lone Hospital News: देश में बच्चों के लिए बनाए सबसे बड़े इमरजेंसी आईसीयू को रेजिडेंट डॉक्टर्स का इंतजार

उनका कहना है कि वर्तमान परिस्थितियों और डॉक्टर्स की उपलब्धता को देखते हुए इस बॉन्ड नीति को तुरंत प्रभाव से (Bond policy in Rajasthan) रद्द किया जाए. तथा इसे लागू करने की संभावनाओं पर पुनर्विचार किया जाए. इसके अलावा बॉन्ड नीति में इन-सर्विस रेजिडेंट डॉक्टर्स को भी समान अवसर प्रदान किए जाए. साथ ही नीति की विसंगतियों को दूर करने एवं बॉन्ड की रूपरेखा तैयार करने के लिए एक कमेटी गठित की जाए. इसमें रेजिडेंट डॉक्टर्स के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए. ऐसे में रेजिडेंट चिकित्सकों का कहना है कि यदि सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है तो फिर प्रदेश में एक बड़ा आंदोलन रेजिडेंट चिकित्सकों की ओर से किया जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.