जयपुर. रेरा के नियमों की पालना नहीं करने पर 350 आवासीय प्रोजेक्ट को आवासीय प्रोजेक्ट की बुकिंग और बिक्री पर रोक लगा दी थी, इनमें से 200 बिल्डर और डेवलपर ने निर्माण की हकीकत रेरा को बताते हुए एक्सटेंशन मांगा है, जिन्हें राहत देते हुए रेरा ने इन प्रोजेक्ट की बुकिंग और बिक्री पर से रोक हटा दी है. वहीं डेवलपर्स को क्वार्टरली प्रोग्रेस रिपोर्ट देने को तारीख भी 31 मई बढ़ा दी है. प्रदेश में लागू रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट के मुताबिक रेगुलेटरी अथॉरिटी में पंजीयन के लिए जमा आवेदन पर प्रोजेक्ट पूरा होने की दर्शाई गई तिथि तक काम पूरा होना जरूरी है.
रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी की हाल ही पड़ताल में सामने आया था कि तकरीबन 450 से ज्यादा प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जिनके पूरा होने की अवधि खत्म हो चुकी है, लेकिन इन प्रोजेक्ट की अवधि बढ़ाने के लिए ना तो संबंधित बिल्डर या डेवलपर ने अथॉरिटी में आवेदन किया और ना ही इन प्रोजेक्ट का कंपलीशन सर्टिफिकेट पेश किया है. ऐसे में रेरा ने आगामी आदेश तक इनमें से करीब 350 आवासीय प्रोजेक्ट की बुकिंग और बिक्री पर अंतरिम रोक लगा दी थी. हालांकि इन 350 डेवलपर्स में से 200 ने अपना जवाब प्रेषित किया है, जिसके बाद रेरा ने उनको राहत देते हुए बुकिंग और बिक्री पर लगाई रोक को हटा दिया है, जबकि 150 की ओर से अब तक कोई रिप्लाई नहीं किया गया है. वहीं डेवलपर्स को क्वार्टरली प्रोग्रेस रिपोर्ट जो पहले 31 मार्च तक जमा करानी थी, कोरोना को देखते हुए उसमें भी 2 महीने का एक्सटेंशन देते हुए 31 मई तारीख निर्धारित की गई है.
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साथ ही रेरा ने प्लॉटेड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के नए प्रोजेक्ट के पंजीकरण पर पंजीकरण शुल्क के अतिरिक्त, देय स्टैंडर्ड फीस 20 रुपए प्रति वर्ग मीटर से घटाकर 10 रुपए प्रति वर्ग मीटर की है. इस तरह देय स्टैंडर्ड फीस की गणना प्रोजेक्ट के फेज एरिया के आधार पर और जहां प्रोजेक्ट का बिल्ट अप एरिया प्रोजेक्ट के फेज एरिया से अधिक होगा, वहां प्रोजेक्ट के बिल्ट अप एरिया के आधार पर की जाएगी. हालांकि पंजीकरण शुल्क की दर और गणना का आधार पहले की तरह ही रहेगा. इसके साथ ही रेरा ने रजिस्ट्रेशन के विलंबित एक्सटेंशन आवेदनों पर फीस की रियायती दर भी 30 सितंबर 2021 तक प्रभावी रखी है.