ETV Bharat / city

बैंक की नीलामी की प्रक्रिया रद्द कर निर्माणाधीन इमारत 45 दिन में सौंपें - RERA - rera order

रेरा (Real Estate Regulatory Act) ने निर्माणाधीन इमारत से जुड़े एक मामले में आवंटियों के हितों को संरक्षित करते हुए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की ओर से की जा रही नीलामी की प्रक्रिया को रद्द कर दिया है.

Real Estate Regulatory Act
रेरा ने जारी किया आदेश
author img

By

Published : Nov 3, 2021, 6:28 PM IST

जयपुर. रेरा ने निर्माणाधीन इमारत से जुड़े एक मामले में आवंटियों के हितों को संरक्षित करते हुए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की ओर से की जा रही नीलामी की प्रक्रिया को रद्द कर दिया है.

वहीं इमारत को 45 दिन में रेरा के सुपुुर्द करने का निर्देश देते हुए रेरा की निगरानी में ही फ्लैट्स का निर्माण करने के लिए कहा है. रेरा ने निर्माण के बाद आवंटियों को फ्लैट्स लौटाने का भी निर्देश दिया है. रेरा के चेयरमैन निहालचंद गोयल ने यह आदेश आवंटी मुकेश कुमार अग्रवाल और अन्य की याचिकाओं पर दिया है.

अधिवक्ता मोहित खंडेलवाल ने बताया कि सी-स्कीम के अशोक मार्ग में सनराइर्जस इमारत का निर्माण एसएनजी समूह की ओर से किया जा रहा है. इमारत का निर्माण 2014 में शुरू हुआ था और आवंटियों ने लाखों रुपए देकर फ्लैटस बुक करवाए थे. कुछ आवंटियों ने आईसीआईसीआई बैंक सहित अन्य बैंकों से लोन भी लिया था. इस दौरान ही 2016 में आंध्रा बैंक ने आवंटियों को सूचित किए बिना ही निर्माणशुदा परिसर को बंधक रखकर प्रमोटर एसएनजी को 15 करोड़ रुपए का लोन दे दिया.

पढ़ें. भरतपुर यौन दुराचार मामले में जज और एसीबी के सीओ निलंबित

2020 में लोन नहीं चुकाने पर आंध्रा बैंक ने परिसर को अपने कब्जे में ले लिया और कुल 38 फ्लैट्स में से अपने अनुसार ही 19 फ्लैट्स की नीलाकी प्रक्रिया शुरू कर दी. जबकि इनमें से अधिकतर फ्लैट्स पहले ही आवंटित हो चुके थे. इस पर आवंटियों ने रेरा में याचिका दायर कर उनके अधिकारों को संरक्षित करने का आग्रह किया. रेरा ने प्रोजेक्ट के प्रोमेटर को हटाते हुए बैंक को राहत दी और कहा कि आवंटियों से प्राप्त बाकी राशि में से निर्माण के बाद शेष बची राशि प्राप्त करने के अधिकारी होंगे.

रेरा ने कहा कि बैंक निर्माण के बाद बिना आवंटित हुए फ्लैट्स को नीलाम कर अपने लोन की वसूली कर सकते हैं और बकाया राशि प्रमोटर से ले सकते हैं. यदि बैंक शर्तों का पालन नहीं करे तो वह आवंटियों को उनकी जमा राशि ब्याज सहित लौटाने के लिए बाध्य होगा.

जयपुर. रेरा ने निर्माणाधीन इमारत से जुड़े एक मामले में आवंटियों के हितों को संरक्षित करते हुए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की ओर से की जा रही नीलामी की प्रक्रिया को रद्द कर दिया है.

वहीं इमारत को 45 दिन में रेरा के सुपुुर्द करने का निर्देश देते हुए रेरा की निगरानी में ही फ्लैट्स का निर्माण करने के लिए कहा है. रेरा ने निर्माण के बाद आवंटियों को फ्लैट्स लौटाने का भी निर्देश दिया है. रेरा के चेयरमैन निहालचंद गोयल ने यह आदेश आवंटी मुकेश कुमार अग्रवाल और अन्य की याचिकाओं पर दिया है.

अधिवक्ता मोहित खंडेलवाल ने बताया कि सी-स्कीम के अशोक मार्ग में सनराइर्जस इमारत का निर्माण एसएनजी समूह की ओर से किया जा रहा है. इमारत का निर्माण 2014 में शुरू हुआ था और आवंटियों ने लाखों रुपए देकर फ्लैटस बुक करवाए थे. कुछ आवंटियों ने आईसीआईसीआई बैंक सहित अन्य बैंकों से लोन भी लिया था. इस दौरान ही 2016 में आंध्रा बैंक ने आवंटियों को सूचित किए बिना ही निर्माणशुदा परिसर को बंधक रखकर प्रमोटर एसएनजी को 15 करोड़ रुपए का लोन दे दिया.

पढ़ें. भरतपुर यौन दुराचार मामले में जज और एसीबी के सीओ निलंबित

2020 में लोन नहीं चुकाने पर आंध्रा बैंक ने परिसर को अपने कब्जे में ले लिया और कुल 38 फ्लैट्स में से अपने अनुसार ही 19 फ्लैट्स की नीलाकी प्रक्रिया शुरू कर दी. जबकि इनमें से अधिकतर फ्लैट्स पहले ही आवंटित हो चुके थे. इस पर आवंटियों ने रेरा में याचिका दायर कर उनके अधिकारों को संरक्षित करने का आग्रह किया. रेरा ने प्रोजेक्ट के प्रोमेटर को हटाते हुए बैंक को राहत दी और कहा कि आवंटियों से प्राप्त बाकी राशि में से निर्माण के बाद शेष बची राशि प्राप्त करने के अधिकारी होंगे.

रेरा ने कहा कि बैंक निर्माण के बाद बिना आवंटित हुए फ्लैट्स को नीलाम कर अपने लोन की वसूली कर सकते हैं और बकाया राशि प्रमोटर से ले सकते हैं. यदि बैंक शर्तों का पालन नहीं करे तो वह आवंटियों को उनकी जमा राशि ब्याज सहित लौटाने के लिए बाध्य होगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.