जयपुर. कोरोना काल में रेरा (Real Estate Regulatory Authority) ने बिल्डर्स और डेवलपर्स को राहत देते हुए निर्माणाधीन प्रोजेक्ट को रजिस्टर्ड कराने पर 31 मार्च 2022 तक छूट दी थी, जिसे अब 1 साल तक बढ़ा दिया गया है. इसके बाद भी यदि प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया जाता तो बिल्डर और डेवलपर्स से पंजीकरण शुल्क के अलावा 4 गुना राशि पेनल्टी और 2 गुना राशि स्टैंडर्ड फीस के रूप में वसूली जाएगी.
प्रदेश में लागू रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट के मुताबिक रेगुलेटरी अथॉरिटी में पंजीयन के लिए जमा आवेदन पर प्रोजेक्ट पूरा होने की दर्शाई गई तारीख तक काम पूरा होना जरूरी है. लेकिन 400 से ज्यादा प्रोजेक्ट ऐसे थे, जिनके पूरा होने की अवधि खत्म हो चुकी थी. संबंधित बिल्डर या डेवलपर ने प्रोजेक्ट की अवधि बढ़ाने के लिए न तो अथॉरिटी में आवेदन किया और न ही इन प्रोजेक्ट का कंपलीशन सर्टिफिकेट पेश किया. ऐसे में रेरा ने इन आवासीय प्रोजेक्ट्स को नोटिस दिए थे और उपयुक्त जवाब पेश नहीं होने पर बुकिंग और बिक्री पर रोक भी लगाई थी.
रेरा ने स्पष्ट किया था कि बिल्डर फेल रहा तो प्रोजेक्ट उससे टेकओवर कर थर्ड पार्टी के जरिए पूरा कराया जाएगा. इसका उदाहरण जयपुर में अरावली गार्डन और हाइक पार्क सामने है और अब रेरा इसी तरह की सख्ती दुर्गापुरा में निर्माणाधीन प्रोजेक्ट द क्रेट करने की तैयारी की जा रही है, जिसे तीन बार एक्सटेंशन दिया जा चुका है. वहीं, बिल्डर्स और डेवलपर्स को प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन में राहत देते हुए कोरोना के नाम पर 1 साल का ग्रेस दिया गया था. इस दौरान बहुत से बिल्डर्स और डेवलपर्स ने प्रोजेक्ट कंप्लीट कर लिए या फिर उपयुक्त समस्या बताते हुए एक्सटेंशन करा लिया है.
हालांकि, इस पीरियड को 31 मार्च 2023 तक बढ़ा दिया गया है. इस समय अवधि के बाद भी यदि प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया तो 4 गुना पेनल्टी और 2 गुना स्टैंडर्ड वसूल की जाएगी. अब तक जो प्रोजेक्ट समय पर पूरे नहीं हुए उन्हें 6 महीने का एक्सटेंशन देने के लिए रजिस्ट्रेशन फीस की 50 फीसदी राशि जमा कराने के निर्देश थे. इस रियायत को भी मार्च 2023 तक बढ़ाया गया है. हालांकि इसके बाद रजिस्ट्रेशन फीस का 100 फ़ीसदी शुल्क लेकर एक्सटेंशन दिया जाएगा.