जयपुर. राजस्थान में विधायकों के फोन टैपिंग पर गृह मंत्रालय की ओर से प्रदेश के मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव होम से मांगी गई रिपोर्ट के जवाब को लेकर अवकाश का दिन होने के बावजूद भी 3 घंटे से भी अधिक मंथन हुआ. सचिवालय में हुई बैठक में जवाबी रिपोर्ट तैयार हो गई है. अब इसे केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास भेजा जाएगा. रिपोर्ट में क्या कुछ जवाब लिखा गया है, इसको अत्यधिक गोपनीय रखा गया है. इससे जुड़े हुए अधिकारी किसी भी तरह से कुछ भी कहने से बच रहे हैं.
राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से चल रही सियासी उठा पटक के बीच शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिव राजीव स्वरूप और गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह से फोन टैपिंग को लेकर रिपोर्ट मांगी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पूछा है कब से विधायकों की फोन टैपिंग की जा रही है. फोन टेपिंग की ठोस वजह क्या थी. क्या इसको लेकर सभी आवश्यक नियमों का पालन किया गया है. इन सभी सवालों के जवाब के लिए मुख्य सचिव राजीव स्वरूप और गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह रविवार के दिन भी सचिवालय पहुंचकर रिपोर्ट तैयार करने में जुटे रहे.
दोनों अधिकारी करीब 3 घंटे से अधिक समय तक बंद चेंबर में चर्चा करते रहे और रिपोर्ट की तैयारी की. इस दौरान पुलिस के आला अधिकारी भी सचिवालय पहुंचे और रिपोर्ट तैयार करने में मदद की. फोन टैपिंग को लेकर कोई भी अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहा है. ना मुख्य सचिव कुछ बोल रहे हैं. वहीं अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह कुछ बोल रहे हैं. सभी अधिकारी इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए है. विशेष सूत्रों की मानें तो 3 घंटे तक चली बैठक के बाद में केंद्रीय मंत्रालय द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में रिपोर्ट तैयार कर ली गई है. अब रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी जाएगी.
पढ़ें- CM की राज्यपाल से मुलाकात, 22 जुलाई से शुरू हो सकता है विधानसभा सत्र
3 जुलाई के बाद बने नय मुख्य सचिव
मुख्य सचिव राजीव स्वरूप हाल ही में 3 जुलाई को नया कार्यभार संभाला है. इससे पहले राजीव स्वरूप गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव थे. ऐसे में इस पूरी रिपोर्ट में क्या कुछ जानकारी देनी है. यह मुख्य सचिव राजीव स्वरूप के पास ज्यादा है. फोन टैपिंग को लेकर गृह विभाग ने कब निर्णय लिया इसका भी जवाब मुख्य सचिव के पास है. क्योंकि, वह दौरान खुद गृह विभाग का जिम्मा संभाल रहे थे. फोन टेपिंग किन परिस्थितियों में की गई और कब से की जा रही है. इन सभी सवालों के जवाब केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजे जाने वाली रिपोर्ट में दिए गए हैं.
15 दिन पहले संभाला था गृह विभाग का जिम्मा
गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह ने 15 दिन पहले ही गृह विभाग का जिम्मा संभाला था. वो जससे पहले मेडिकल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव थे. ऐसे में एसीएस रोहित कुमार सिंह के पास केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी जाने वाली रिपोर्ट में ज्यादा कुछ जवाब देने को लेकर जानकारी नहीं है. लेकिन, अगर जो ऑडियो वायरल हुआ है. वह 3 तारीख के बाद में रिकॉर्ड हुआ है, तो उसको लेकर रोहित कुमार सिंह की जानकारी में अवश्य होगी. क्योंकि, इस दौरान वह गृह विभाग का जिम्मा संभाल रहे थे.
पढ़ें- गहलोत सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाएगी : पूनिया
क्या है पूरा मामला
दरअसल, राजस्थान में चल रही सियासी घमासान से 9वें दिन शनिवार सुबह से देर रात तक फोन टैपिंग को लेकर चर्चाएं जोरों पर रही. विधायकों की खरीद-फरोख्त पर फोन टैपिंग पर सुबह से भाजपा ने सवाल उठाए और सीबीआई जांच की मांग की तो, देर रात केंद्रीय गृह मंत्रालय ने फोन टेपिंग किस आधार पर हुआ है. इसको लेकर मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह विभाग से जवाब तलब किया.
बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस बात को लेकर कह चुके हैं कि विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर उनके पास में पर्याप्त सबूत हैं. और इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने कुछ ऑडियो रिकॉर्डिंग जारी की थी. जिसमें विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर बात सामने आई थी.
ऑडियो रिकॉर्डिंग सामने आने के साथ ही बीजेपी लगातार इस बात को लेकर सरकार को घेरने में लग गई थी कि सरकार जनप्रतिनिधियों की फोन टेपिंग कर रही है, जो उनके मौलिक अधिकारों का हनन है. इस दौरान यह भी बात सामने आई थी कि मुख्य सचिव और गृह विभाग अतिरिक्त मुख्यसचिव ने फोन टैपिंग की जानकारी से इनकार किया था. उसके बाद यह मामला फिर गर्मा गया था. इसको लेकर बीजेपी ने कई बड़े नेताओं ने भी जम कर सरकार पर गुपचुप तरीके से फोन टैपिंग कराने का आरोप लगाया था, ओर इस बीच केंद्र ने रिपोर्ट तलब कर ली.