रेनवाल (जयपुर). पति का जीवन बचाने के लिए कई महिलाओं ने अपना जीवन दांव पर लगा कर अपने पति को बचाया है. ऐसी ही एक जयपुर जिले की युवा महिला है जिसने अपनी किडनी डोनेट कर जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे पति को नया जीवनदान दिया (Renwal woman saved husband wife by donating her kidney) है. कस्बे के वार्ड नं 6 की 26 वर्षीया भगवती देवी ने अपने पति शंकरलाल वर्मा को किडनी डोनेट कर नई जिदंगी दी है. किडनी ट्रांसप्लांट के बाद पति पूरी तरह से स्वस्थ है व पहले की तरह अपने कामधाम में लग गया है.
एमए पास भगवती देवी का कहना है कि उसके पति उसके लिए सब कुछ हैं. किडनी डोनेट कर पत्नी धर्म निभाया है. वर्ष 2014 में रेनवाल के शंकरलाल की शादी भगवती देवी के साथ हुई. दोनों ने नई जिंदगी की खुशी-खुशी शुरूआत की. शंकर के पास ट्रक था, जिसे चलाकर परिवार का खर्चा आराम से चल रहा था. चार साल में दो बच्चे हुए. पूरा परिवार खुश था, लेकिन वर्ष 2018 में कुछ ऐसा हुआ कि सबकुछ बदल गया.
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एक दिन शंकरलाल के पेशाब में दिक्कत हुई. जांच कराई तो क्रिटेनन बढ़ा हुआ आया. डाक्टर को दिखाने व दवा लेने का सिलसिला चल पड़ा. पहले जयपुर, फिर दिल्ली, अहमदाबाद सब जगह दवाईयां ली. लेकिन क्रिटेनन बढ़ता गया. ज़ुलाई 2020 में डायलेसिस शुरू हो गया. शुरूआत में डाललेसिस 15 दिन से होता था, लेकिन कुछ दिनों बाद सात दिन और फिर सप्ताह में दो बार होने लगा. वजन 70 किलो से घटते-घटते मात्र 35 किलो रह गया. डॉक्टर ने कह दिया कि किडनी ट्रांसप्लांट ही एक मात्र विकल्प है.
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लगातार तीन साल से इलाज जारी रखने के लिए पत्नि हमेशा पति का हौसला बढ़ाती रही. पति ही नहीं पूरे परिवार को हिम्मत देती रही. उसने पति को स्वस्थ करने के लिए खुद किडनी देने का निश्चय किया. सितंबर 2021 में जयपुर के निम्स हॉस्पिटल में डॉ प्रतीक त्रिपाठी व उनकी टीम ने किडनी ट्रांसप्लांट किया. करीब एक सप्ताह हॉस्पिटल में रहने के बाद पति व पत्नि को डिस्चार्ज कर दिया. अब दोनों पूरी तरह से स्वस्थ हैं. पत्नि के इस त्याग पर पति के साथ पूरा परिवार उसे दुआएं देता है.