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Relief from Power Cut in Rajasthan: संभाग मुख्यालय को बिजली कटौती से राहत, बिजली की मांग और उपलब्धता अंतर में आई कमी... - Relief from Power Cut in Rajasthan

प्रदेश के 7 संभाग मुख्यालयों को बिजली की कटौती से राहत मिली है. बिजली की मांग और उपलब्धता के अंतर में कमी (Relief from Power Cut in Rajasthan) आई है, जिसके चलते अब पहले से तय की गई बिजली की कटौती अभी फिलहाल नहीं की जा रही है.

relief from power cuts in Jaipur
संभाग मुख्यालयों को बिजली की कटौती से राहत
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Published : May 12, 2022, 12:52 PM IST

जयपुर. प्रदेश में चल रहे बिजली संकट के बीच बिजली वितरण कंपनियों ने राहत की सांस ली है. प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से बिजली की मांग और उपलब्धता के अंतर में कमी आई है. जिसके चलते संभाग मुख्यालयों में पहले से तय की गई बिजली की कटौती अभी फिलहाल नहीं की जा रही है. साथ ही उद्योगों में लोड को कम करने के निर्देश पर शिथिलता दी गई है.

1 सप्ताह पहले तक प्रदेश में बिजली की मांग और उपलब्धता में करीब 1200 से 3000 मेगावाट तक का अंतर था, लेकिन अब यहां अंतर कम हो गया है. बिजली की औसत मांग और औसत उपलब्धता में महज 200 से 500 मेगावाट का अंतर है. 10 मई को प्रदेश में बिजली की औसत मांग 12,300 मेगावाट रही और औसत उपलब्धता 11,985 मेगावाट रही. 10 मई को अधिकतम मांग 14,786 मेगावाट तक पहुंच गई थी. वहीं 11 मई को प्रदेश में बिजली की औसत मांग 12,769 मेगा वाट थी, जबकि औसत उपलब्धता 12,657 मेगावाट रही. 11 मई को बिजली की अधिकतम मांग 15,043 मेगावाट तक (electricity problem in Jaipur) पहुंची थी.

पढ़ें. राजस्थान में बिजली संकट! मई के पहले पखवाड़े तक मिलेगी कुछ राहत, जल्द ही छत्तीसगढ़ से मिलेगा कोयला

नॉर्दन रीजन में लोड में आई कमी- एक पखवाड़े पहले तक राजस्थान को महंगे दामों पर भी बिजली नहीं मिल पा रही थी. स्थिति यह थी कि प्रदेश को 12 रुपये प्रति यूनिट तक बिजली की खरीद करना पड़ी थी. एक्सचेंज के जरिए बिजली की खरीद आज भी राजस्थान कर रहा है, लेकिन बिजली की दर पहले की तुलना में कम आ रहा है. बताया जा रहा है कि अभी 4 से 8 रुपए प्रति यूनिट तक बिजली मिल रही है. गौरतलब है कि संभाग मुख्यालय में सुबह एक घंटा पावर कट के निर्देश हैं. औद्योगिक इकाइयों में शाम 6 से 12 तक 50% लोड पर काम करने के निर्देश हैं. मौजूदा हालात में बिजली की उपलब्धता के चलते पावर कट और औद्योगिक इकाइयों को कुछ राहत दी गई है. साथ ही नगर पालिका क्षेत्रों और ग्रामीण इलाकों में अब भी कई घंटों की घोषित और अघोषित बिजली कटौती हो रही है.

जयपुर. प्रदेश में चल रहे बिजली संकट के बीच बिजली वितरण कंपनियों ने राहत की सांस ली है. प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से बिजली की मांग और उपलब्धता के अंतर में कमी आई है. जिसके चलते संभाग मुख्यालयों में पहले से तय की गई बिजली की कटौती अभी फिलहाल नहीं की जा रही है. साथ ही उद्योगों में लोड को कम करने के निर्देश पर शिथिलता दी गई है.

1 सप्ताह पहले तक प्रदेश में बिजली की मांग और उपलब्धता में करीब 1200 से 3000 मेगावाट तक का अंतर था, लेकिन अब यहां अंतर कम हो गया है. बिजली की औसत मांग और औसत उपलब्धता में महज 200 से 500 मेगावाट का अंतर है. 10 मई को प्रदेश में बिजली की औसत मांग 12,300 मेगावाट रही और औसत उपलब्धता 11,985 मेगावाट रही. 10 मई को अधिकतम मांग 14,786 मेगावाट तक पहुंच गई थी. वहीं 11 मई को प्रदेश में बिजली की औसत मांग 12,769 मेगा वाट थी, जबकि औसत उपलब्धता 12,657 मेगावाट रही. 11 मई को बिजली की अधिकतम मांग 15,043 मेगावाट तक (electricity problem in Jaipur) पहुंची थी.

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नॉर्दन रीजन में लोड में आई कमी- एक पखवाड़े पहले तक राजस्थान को महंगे दामों पर भी बिजली नहीं मिल पा रही थी. स्थिति यह थी कि प्रदेश को 12 रुपये प्रति यूनिट तक बिजली की खरीद करना पड़ी थी. एक्सचेंज के जरिए बिजली की खरीद आज भी राजस्थान कर रहा है, लेकिन बिजली की दर पहले की तुलना में कम आ रहा है. बताया जा रहा है कि अभी 4 से 8 रुपए प्रति यूनिट तक बिजली मिल रही है. गौरतलब है कि संभाग मुख्यालय में सुबह एक घंटा पावर कट के निर्देश हैं. औद्योगिक इकाइयों में शाम 6 से 12 तक 50% लोड पर काम करने के निर्देश हैं. मौजूदा हालात में बिजली की उपलब्धता के चलते पावर कट और औद्योगिक इकाइयों को कुछ राहत दी गई है. साथ ही नगर पालिका क्षेत्रों और ग्रामीण इलाकों में अब भी कई घंटों की घोषित और अघोषित बिजली कटौती हो रही है.

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