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नियमों में शिथिलता : अनुकम्पा नियुक्ति के 36 प्रकरणों में शिथिलता, CM Ashok Gehlot ने दी मंजूरी - Dependents of deceased employee

राजस्थान की गहलोत सरकार ने मृतक कर्मचारी के आश्रितों को नियमों में शिथिलता देते हुए बड़ी राहत दी है. गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने सरकारी कार्मिक की मृत्यु के बाद आश्रित के अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन के 36 विभिन्न प्रकरणों में शिथिलता दी.

CM Ashok Gehlot
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Published : Jan 12, 2022, 5:53 PM IST

Updated : Jan 12, 2022, 6:19 PM IST

जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार ने मृतक कर्मचारी के आश्रितों को नियमों में शिथिलता देते हुए बड़ी राहत दी है. सीएम गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने सरकारी कार्मिक की मृत्यु के बाद आश्रित के अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन के 36 विभिन्न प्रकरणों में शिथिलता दी. गहलोत के इस संवेदनशील निर्णय से मृतक आश्रित इन परिवारों को संबल मिल सकेगा.

पढ़ें- Rules Regarding Contractual Employees In Rajasthan: 80 हजार कर्मियों को झटका! जानें क्या है नियम!

अनुकंपात्मक नियमों के अन्तर्गत सरकारी कार्मिक की मृत्यु के बाद उसके आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति के लिए 90 दिनों में आवेदन करना होता है. यदि आश्रित नाबालिग हो तो उस स्थिति में बालिग होने के 3 वर्ष के भीतर आवेदन करने का प्रावधान है. गहलोत ने विलम्ब अवधि से आवेदन के 28, अधिकतम आयु सीमा के 3, विलम्ब अवधि और प्रथम नियुक्ति आदेश की कार्यग्रहण अवधि को बढ़ाने के 2 और न्यूनतम आयु सीमा मय विलम्ब अवधि के 3 प्रकरणों में सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए यह राहत दी है.

बता दें कि सीएम अशोक गहलोत बीते करीब तीन साल में अनुकम्पा नियुक्ति के 980 प्रकरणों में शिथिलता प्रदान कर आवेदकों को राहत प्रदान कर चुके हैं. इस अवधि में 3411 मृतक आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्तियां भी दी गई हैं.

जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार ने मृतक कर्मचारी के आश्रितों को नियमों में शिथिलता देते हुए बड़ी राहत दी है. सीएम गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने सरकारी कार्मिक की मृत्यु के बाद आश्रित के अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन के 36 विभिन्न प्रकरणों में शिथिलता दी. गहलोत के इस संवेदनशील निर्णय से मृतक आश्रित इन परिवारों को संबल मिल सकेगा.

पढ़ें- Rules Regarding Contractual Employees In Rajasthan: 80 हजार कर्मियों को झटका! जानें क्या है नियम!

अनुकंपात्मक नियमों के अन्तर्गत सरकारी कार्मिक की मृत्यु के बाद उसके आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति के लिए 90 दिनों में आवेदन करना होता है. यदि आश्रित नाबालिग हो तो उस स्थिति में बालिग होने के 3 वर्ष के भीतर आवेदन करने का प्रावधान है. गहलोत ने विलम्ब अवधि से आवेदन के 28, अधिकतम आयु सीमा के 3, विलम्ब अवधि और प्रथम नियुक्ति आदेश की कार्यग्रहण अवधि को बढ़ाने के 2 और न्यूनतम आयु सीमा मय विलम्ब अवधि के 3 प्रकरणों में सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए यह राहत दी है.

बता दें कि सीएम अशोक गहलोत बीते करीब तीन साल में अनुकम्पा नियुक्ति के 980 प्रकरणों में शिथिलता प्रदान कर आवेदकों को राहत प्रदान कर चुके हैं. इस अवधि में 3411 मृतक आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्तियां भी दी गई हैं.

Last Updated : Jan 12, 2022, 6:19 PM IST
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