जयपुर. प्रदेश की क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों का नया पंजीयन नहीं होगा. वहीं, प्रदेश की 387 निष्क्रिय क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों को अवसायन में लाकर पंजीयन रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी. सहकारिता भवन में रजिस्ट्रार सहकारिता डॉक्टर नीरज के पवन की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्देश दिए गए. बैठक में डॉक्टर नीरज के पवन ने साफ तौर पर अधिकारियों को हिदायत दी कि वे किसी भी कीमत पर प्रदेश की जनता की गाढ़ी कमाई को किसी भी क्रेडिट सोसाइटी को लूटने की इजाजत नहीं देंगे.
बता दें कि नीरज पवन शुक्रवार को सहकार भवन में खण्डीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार, जिलों के उप रजिस्ट्रार एवं क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कार्यरत क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी की ओर से प्रतिमाह की 7 तारीख को उप रजिस्ट्रार को मासिक प्रगति रिपोर्ट नहीं भेजने वाली सोसायाटियों के खाते सीज किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि सभी क्रेडिट सोसायटियों की ऑडिट विभागीय ऑडिटर से करवाई जाएगी. पवन ने कहा कि किसी भी पंजीकृत सीए से ऑडिट मान्य नहीं होगी.
रजिस्ट्रार ने कहा कि रियल स्टेट एवं अन्य जोखिम वाले निवेश को सोसायटियां तुरंत ही निकासी करें. उन्होंने कहा कि कुछ क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों की ओर से आम जनता के साथ जो धोखाधड़ी की गई उससे राज्य के सहकारिता आंदोलन को धक्का लगा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि अच्छे कार्य करने वाली सोसायटियों को प्रोत्साहित किया जाएगा. वहीं, उन्होंने निर्देश दिए कि 14 नवम्बर तक सभी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों की सूचनाएं पोर्टल पर अपलोड की जाए. उन्होंने उप रजिस्ट्रार को निर्देश दिए कि सोसायटियों के खिलाफ अनियमितता की सूचना होने पर एसओजी को भी सूचित करें.
नीरज के. पवन ने कहा कि सभी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियां अपनी डिपोजिट केन्द्रीय सहकारी बैंक या अपेक्स बैंक में 31 अक्टूबर तक जमा कराएंगी. ऐसी डिपोजिट पर इन बैंकों की ओर से 0.50 फीसदी अतिरिक्त ब्याज दिया जाएगा. वहीं, जिन सोसायटियों ने दूसरे बैंकों में डिपोजिट करा रखी है, उनको सूचना देनी होगी तथा डिपोजिट पूर्ण होने पर उसे सहकारी बैंक में जमा कराना होगा. उन्होंने निर्देश दिए कि एजेंट के आधार पर कार्य करने वाली क्रेडिट सोसायटियों के खिलाफ नियामनुसार कार्रवाई की जाएगी.
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उन्होंने कहा कि ऑडिट के उपरान्त सोसायटियों को ऑडिट की अनुपालना नहीं करने कि स्थिति में कार्रवाई की जाएगी. इसके तहत सोसायटी के कार्य पर रोक या पंजीयन निरस्त की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. रजिस्ट्रार ने कहा कि सोसायटियों के कार्यो में पारदर्शिता लाने के लिए सोसायटी बायलॉज में परिवर्तन कर अलग से उप-नियम बनाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि लुभावने वादे कर जनता से डिपोजिट लेने वाली क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी.
रजिस्ट्रार ने कहा कि लेनदारी एवं देनदारी को रेग्यूलेट करने के लिए विभाग स्तर पर एक समिति बनाई जाएगी जो इस संबंध में नियम बनाकर रजिस्ट्रार को अनुशंषा करेगी. उन्होंने सभी उप रजिस्ट्रार को निर्देश दिए कि प्रतिमाह क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के प्रतिनिधियों की बैठक लेंगे. डॉ. पवन ने सख्त लहजे में क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों को निर्देश दिए कि जनता से धोखाधड़ी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
उन्होंने कहा कि सोसायटियां सहकार की भावना के साथ कार्य कर लोगों को सहकारिता आंदोलन से जोड़ें. उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि निवेशकों का पैसा नहीं डूबे और उसके साथ किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी ना हो एवं राजस्थान की 7 करोड़ जनता का सहकारिता आंदोलन पर विश्वास बना रहे.
सहकारी बैंकों में खाली पदों पर होगी भर्ती.. बैंकों से मांगी विभाग में सूचना
डॉ. नीरज के. पवन ने कहा कि प्रदेश के अरबन सहकारी बैंकों के रिक्त पदों पर सहकारी भर्ती बोर्ड के माध्यम से भर्ती करवा कर पदों को भरा जाएगा. उन्होंने निर्देश दिए कि सभी बैंक 15 दिनों में रिक्त पदों की सूचनाएं विभाग को उपलब्ध कराएं. उन्होंने कहा कि विभाग का उप रजिस्ट्रार जिले में कार्यरत अरबन सहकारी बैंकों और नागरिक बैंकों का एक साल में 3 बार निरीक्षण करेगा और उसकी रिपोर्ट विभाग को भिजवाएगा. वहीं, बैठक में अतिरिक्त रजिस्ट्रार द्वितीय जी एल स्वामी एवं अतिरिक्त रजिस्ट्रार बैंकिग भोमाराम उपस्थित थे.