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रीट पेपर लीक होने के बाद 7 लोगों तक पहुंचा, अब तक गिरफ्त में केवल एक आरोपी...बोर्ड अध्यक्ष से लेकर जिला कोऑर्डिनेटर की भूमिका संदिग्ध - Rajasthan SOG Action in REET Paper Leak Case

रीट पेपर लीक प्रकरण में बड़ा खुलासा हुआ है कि ये पेपर लीक होने के बाद 7 लोगों तक पहुंचा. इस मामले में एक आरोपी गिरफ्तार हुआ है. वहीं 6 लोग कौन है, अभी तक इसका पता नहीं चल पाया है. पूरे प्रकरण में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष से लेकर उनके नियुक्त किए गए जिला कोऑर्डिनेटर तक की भूमिका संदिग्ध है.

SOG investigation REET, REET Exam 2021
रीट पेपर लीक
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Published : Jan 28, 2022, 1:04 PM IST

जयपुर. रीट पेपर लीक प्रकरण में एसओजी ने शिक्षा संकुल से सबसे पहले पेपर लीक करने के आरोप में रामकृपाल मीणा और उदाराम विश्नोई को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए लगातार पूछताछ की जा रही है. आरोपियों से पूछताछ के दौरान लगातार नए खुलासे हो रहे हैं और जहां पहले एसओजी केवल भजनलाल विश्नोई को गैंग का सरगना मानकर चल रही थी. वहीं अब इस पूरे प्रकरण में एक नया मोड़ आया है. शिक्षा संकुल से पेपर लीक करने के बाद राम कृपाल मीणा ने पेपर उदाराम विश्नोई को दिया. इसके बाद उदाराम विश्नोई ने पेपर भजनलाल विश्नोई सहित सात लोगों को बेचा. पेपर लीक होने के बाद जिन 7 लोगों तक पहुंचा, उनमें से केवल एक आरोपी भजनलाल विश्नोई को ही एसओजी अब तक गिरफ्तार कर चुकी (Main Accused Arrested in REET Paper Leak Case) है.

भजनलाल विश्नोई के अलावा लीक होने के बाद पेपर जिन 6 अन्य लोगों तक पहुंचा है, वह लोग कौन हैं और उनका बैकग्राउंड क्या है (REET Paper leak). इसके बारे में अब तक एसओजी के पास कोई भी जानकारी मौजूद नहीं है. इस पूरे प्रकरण में एसओजी अब तक 35 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. अब एसओजी के सामने बड़ा सवाल यह है कि भजनलाल के अलावा जिन 6 अन्य लोगों को पेपर बेचा गया है.

यह भी पढ़ें. REET Paper Leak 2021: परीक्षा में धांधली के जिम्मेदार बोर्ड अध्यक्ष जारोली को बर्खास्त करे गहलोत- देवनानी

31 तक रिमांड पर 3 आरोपी, जल्द प्रकरण में होंगी अन्य गिरफ्तारियां

एसओजी टीम ने गुरुवार को भजनलाल विश्नोई, उदाराम विश्नोई और राम कृपाल मीणा को कोर्ट में पेश कर 31 जनवरी तक रिमांड पर लिया है (SOG investigation REET). रीट पेपर लीक प्रकरण में इन तीनों आरोपियों को मुख्य कड़ी माना जा रहा है. पेपर लीक होने के बाद कितने लोगों को आगे बेचा गया और किन-किन सेंटर तक पेपर पहुंचाया गया, इन तमाम चीजों को लेकर अब एसओजी तीनों आरोपियों से अलग-अलग चरणों में पूछताछ करने में जुटी है. पूछताछ के दौरान जैसे-जैसे पेपर लीक की कड़ी में जुड़े हुए लोगों के नाम सामने आएंगे, वैसे-वैसे प्रकरण में अन्य लोगों की गिरफ्तारी की जाएगी (Rajasthan SOG Action in REET Paper Leak Case).

यह भी पढ़ें. REET Paper Leak 2021: प्रकरण की CBI जांच पर अड़ी भाजपा...पूनिया, राठौड़ और किरोड़ी लाल मीणा ने कहा- बड़े मगरमच्छ को बचाने में जुटी सरकार

अजमेर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड कार्यालय से शुरू हुआ खेल

रीट पेपर लीक प्रकरण की जांच कर रही एसओजी टीम ने अजमेर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के कार्यालय पहुंचकर बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. डीपी जारोली और अन्य लोगों से पूछताछ की. साथ ही इस पूरे प्रकरण से जुड़े हुए अनेक तथ्यों की जानकारी जुटाई. रीट पेपर लीक का पूरा खेल अजमेर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड कार्यालय से ही शुरू हुआ, जिसे शिक्षा संकुल में अंजाम दिया गया. प्रदेश की सबसे बड़ी भर्ती परीक्षा की सुरक्षा की जिम्मेदारी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष ने जिम्मेदार सरकारी अफसरों को देने के बजाय गैर सरकारी लोगों के हाथ में सौंप दी. गैर सरकारी व्यक्ति प्रदीप पाराशर को रीट परीक्षा के लिए जिला कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया गया. जिसने शिक्षा संकुल में 4 गैर सरकारी व्यक्तियों को पेपर की सुरक्षा के लिए नियुक्त किया. जिनमें से एक व्यक्ति रामकृपाल मीणा था, जो कि एक निजी स्कूल का संचालक है.

राम कृपाल मीणा ने ही शिक्षा संकुल के स्ट्रांग रूम से पेपर लीक करके परीक्षा से 2 दिन पहले 1.25 करोड़ रुपए में उदाराम विश्नोई तक पहुंचाया. इसके बाद उदाराम की ओर से पेपर भजनलाल विश्नोई सहित सात अन्य लोगों को बांटा गया, जिसमें कई कोचिंग संचालक भी शामिल हैं. इस पूरे प्रकरण में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष से लेकर उनके नियुक्त किए गए जिला कोऑर्डिनेटर तक की भूमिका संदिग्ध है. जिसके बारे में एसओजी लगातार जांच कर रही है.

जयपुर. रीट पेपर लीक प्रकरण में एसओजी ने शिक्षा संकुल से सबसे पहले पेपर लीक करने के आरोप में रामकृपाल मीणा और उदाराम विश्नोई को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए लगातार पूछताछ की जा रही है. आरोपियों से पूछताछ के दौरान लगातार नए खुलासे हो रहे हैं और जहां पहले एसओजी केवल भजनलाल विश्नोई को गैंग का सरगना मानकर चल रही थी. वहीं अब इस पूरे प्रकरण में एक नया मोड़ आया है. शिक्षा संकुल से पेपर लीक करने के बाद राम कृपाल मीणा ने पेपर उदाराम विश्नोई को दिया. इसके बाद उदाराम विश्नोई ने पेपर भजनलाल विश्नोई सहित सात लोगों को बेचा. पेपर लीक होने के बाद जिन 7 लोगों तक पहुंचा, उनमें से केवल एक आरोपी भजनलाल विश्नोई को ही एसओजी अब तक गिरफ्तार कर चुकी (Main Accused Arrested in REET Paper Leak Case) है.

भजनलाल विश्नोई के अलावा लीक होने के बाद पेपर जिन 6 अन्य लोगों तक पहुंचा है, वह लोग कौन हैं और उनका बैकग्राउंड क्या है (REET Paper leak). इसके बारे में अब तक एसओजी के पास कोई भी जानकारी मौजूद नहीं है. इस पूरे प्रकरण में एसओजी अब तक 35 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. अब एसओजी के सामने बड़ा सवाल यह है कि भजनलाल के अलावा जिन 6 अन्य लोगों को पेपर बेचा गया है.

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31 तक रिमांड पर 3 आरोपी, जल्द प्रकरण में होंगी अन्य गिरफ्तारियां

एसओजी टीम ने गुरुवार को भजनलाल विश्नोई, उदाराम विश्नोई और राम कृपाल मीणा को कोर्ट में पेश कर 31 जनवरी तक रिमांड पर लिया है (SOG investigation REET). रीट पेपर लीक प्रकरण में इन तीनों आरोपियों को मुख्य कड़ी माना जा रहा है. पेपर लीक होने के बाद कितने लोगों को आगे बेचा गया और किन-किन सेंटर तक पेपर पहुंचाया गया, इन तमाम चीजों को लेकर अब एसओजी तीनों आरोपियों से अलग-अलग चरणों में पूछताछ करने में जुटी है. पूछताछ के दौरान जैसे-जैसे पेपर लीक की कड़ी में जुड़े हुए लोगों के नाम सामने आएंगे, वैसे-वैसे प्रकरण में अन्य लोगों की गिरफ्तारी की जाएगी (Rajasthan SOG Action in REET Paper Leak Case).

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अजमेर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड कार्यालय से शुरू हुआ खेल

रीट पेपर लीक प्रकरण की जांच कर रही एसओजी टीम ने अजमेर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के कार्यालय पहुंचकर बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. डीपी जारोली और अन्य लोगों से पूछताछ की. साथ ही इस पूरे प्रकरण से जुड़े हुए अनेक तथ्यों की जानकारी जुटाई. रीट पेपर लीक का पूरा खेल अजमेर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड कार्यालय से ही शुरू हुआ, जिसे शिक्षा संकुल में अंजाम दिया गया. प्रदेश की सबसे बड़ी भर्ती परीक्षा की सुरक्षा की जिम्मेदारी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष ने जिम्मेदार सरकारी अफसरों को देने के बजाय गैर सरकारी लोगों के हाथ में सौंप दी. गैर सरकारी व्यक्ति प्रदीप पाराशर को रीट परीक्षा के लिए जिला कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया गया. जिसने शिक्षा संकुल में 4 गैर सरकारी व्यक्तियों को पेपर की सुरक्षा के लिए नियुक्त किया. जिनमें से एक व्यक्ति रामकृपाल मीणा था, जो कि एक निजी स्कूल का संचालक है.

राम कृपाल मीणा ने ही शिक्षा संकुल के स्ट्रांग रूम से पेपर लीक करके परीक्षा से 2 दिन पहले 1.25 करोड़ रुपए में उदाराम विश्नोई तक पहुंचाया. इसके बाद उदाराम की ओर से पेपर भजनलाल विश्नोई सहित सात अन्य लोगों को बांटा गया, जिसमें कई कोचिंग संचालक भी शामिल हैं. इस पूरे प्रकरण में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष से लेकर उनके नियुक्त किए गए जिला कोऑर्डिनेटर तक की भूमिका संदिग्ध है. जिसके बारे में एसओजी लगातार जांच कर रही है.

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