जयपुर. राज्य सरकार ने फायर अनापत्ति प्रमाण पत्र के संबंध में सीएफओ की शक्तियों को कम करते हुए, इसकी जिम्मेदारी आयुक्त द्वारा प्राधिकृत किए गए उपायुक्त को सौंपी है. या यूं कहें कि राज्य सरकार ने 2016 में नगर निगम क्षेत्रों के लिए जो नियम लागू किया था, उसमें सुधार किया है. राज्य सरकार ने फायर अनापत्ति प्रमाण पत्र के संबंध में निर्णय लेने के लिए नगर निगम के मामलों में मुख्य अग्निशमन अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी हुई थी, जबकि अन्य नगरीय निकायों के मामले में अग्निशमन से संबंधित अधिकारी की अभिशंषा पर मुख्य नगरपालिका अधिकारी को फायर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किए जाने के लिए अधिकृत किया गया था.
2016 में जारी इस आदेश में बदलाव करते हुए, अब स्वायत्त शासन विभाग ने फायर अनापत्ति प्रमाण पत्र के संबंध में नए आदेश जारी किए हैं, जिसके अनुसार अब मुख्य अग्निशमन अधिकारी को केवल अभिशंषा के लिए सक्षम प्राधिकारी बताया है. ऐसे में मुख्य अग्निशमन अधिकारी की अभिशंषा पर आयुक्त द्वारा प्राधिकृत किए जाने वाले उपायुक्त ही फायर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करेंगे. विभाग का ये आदेश फिलहाल अग्निशमन विभाग में कौतूहल का विषय बना हुआ है.
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बता दें कि स्वायत्त शासन विभाग द्वारा जारी आदेश में 13 जून 2016 को जारी किए गए आदेश का स्पष्ट जिक्र किया गया है. साथ ही नगर निगमों के लिए आयुक्त द्वारा उपायुक्त को प्रमाण पत्र जारी किए जाने के लिए प्राधिकृत किए जाने पर सक्षम प्राधिकारी बताया गया है.