जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में टिकट घोषणा के साथ ही छात्रों में बगावत भी देखने को मिल रही है. वहीं एबीवीपी का पैनल घोषित होने के बाद टिकट नहीं मिलने से नाराज नितिन शर्मा और संजय चेची बागी के रुप में मैदान में उतर गये है. नीतिन शर्मा अध्यक्ष पद के लिए निर्दलीय ही मैदान में उतरे गए है. वहीं संजय चेची निर्दलीय महासचिव के रुप में अपना दमखम दिखा रहे है.
निर्दलीय प्रत्याशी नितिन शर्मा ने बताया कि वह लम्बे समय से संगठन के साथ जुड़ा हुआ था. छात्र हितो के लिए कई बार आंदोलन किये, पुलिस की लाठियां खाई और कई बार जेल भी गया लेकिन संगठन ने उसे नजर अंदाज कर दिया. साथ ही नितिन ने बताया कि पिछले साल भी चुनाव में उसने अपनी दावेदारी दिखाई थी लेकिन संगठन के कहने पर उसने नाम वापस ले लिया था.लेकिन इस बार के चुनाव में संगठन ने धनबल को देखते हुए टिकट दिया है.
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वहीं एनएसयूआई ने मंगलवार देर रात अध्यक्ष पद के नाम की घोषणा की थी. जिसके बाद एनएसयूआई के ही मजबूत दावेदारों में से एक मुकेश चौधरी भी बागी हो गए. मुकेश चौधरी ने संगठन पर आरोप लगाते हुए कहा की संगठन सिर्फ धनबल और बाहुबल को ही टिकट देने का काम कर रहा है. चौधरी ने बताया की जब जब छात्रों को समस्याएं हुई तब उसने संगठन के साथ मिलकर मजबूती से लड़ाई लड़ने का काम किया लेकिट वितरण में संगठन ने धनबल और बाहुबल को देखते हुए टिकट दिया. इसलिए अब मुकेश ने बागी होकर अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है.
एबीवीपी और एनएसयूआई दोनों को ही अब बागियों का डर सताने लगा है दोनों ही पार्टियों के प्रमुख नेता अब अपने बागियों की नब्ज टटोल रहे हैं. वहीं दोनों ही दलों के बागी अपनी तैयारी में जुट गट गए हैं.