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छात्रसंघ चुनाव 2019: छात्र संगठनों में उठ रहे बगावती सुर...बागी प्रत्याशी निर्दलीय लड़ेंगे चुनाव

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Published : Aug 21, 2019, 6:56 PM IST

राजस्थान विश्वविद्यालय में टिकट की घोषणा के साथ ही बगावत भी देखने को मिल रही है. जहां एबीवीपी का पैनल घोषित होने के बाद टिकट नहीं मिलने से नाराज नितिन शर्मा और संजय चेची बागी के रुप में मैदान में उतर गये है.

Rebel candidate, बागी प्रत्याशी

जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में टिकट घोषणा के साथ ही छात्रों में बगावत भी देखने को मिल रही है. वहीं एबीवीपी का पैनल घोषित होने के बाद टिकट नहीं मिलने से नाराज नितिन शर्मा और संजय चेची बागी के रुप में मैदान में उतर गये है. नीतिन शर्मा अध्यक्ष पद के लिए निर्दलीय ही मैदान में उतरे गए है. वहीं संजय चेची निर्दलीय महासचिव के रुप में अपना दमखम दिखा रहे है.

छात्र संगठनों के खिलाफ दिख रही बगावत

निर्दलीय प्रत्याशी नितिन शर्मा ने बताया कि वह लम्बे समय से संगठन के साथ जुड़ा हुआ था. छात्र हितो के लिए कई बार आंदोलन किये, पुलिस की लाठियां खाई और कई बार जेल भी गया लेकिन संगठन ने उसे नजर अंदाज कर दिया. साथ ही नितिन ने बताया कि पिछले साल भी चुनाव में उसने अपनी दावेदारी दिखाई थी लेकिन संगठन के कहने पर उसने नाम वापस ले लिया था.लेकिन इस बार के चुनाव में संगठन ने धनबल को देखते हुए टिकट दिया है.

पढ़ें- युथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष और एनएसयूआई के पूर्व जिलाध्यक्ष के छोटे भाई को एबीवीपी ने दिया अध्यक्ष का टिकट

वहीं एनएसयूआई ने मंगलवार देर रात अध्यक्ष पद के नाम की घोषणा की थी. जिसके बाद एनएसयूआई के ही मजबूत दावेदारों में से एक मुकेश चौधरी भी बागी हो गए. मुकेश चौधरी ने संगठन पर आरोप लगाते हुए कहा की संगठन सिर्फ धनबल और बाहुबल को ही टिकट देने का काम कर रहा है. चौधरी ने बताया की जब जब छात्रों को समस्याएं हुई तब उसने संगठन के साथ मिलकर मजबूती से लड़ाई लड़ने का काम किया लेकिट वितरण में संगठन ने धनबल और बाहुबल को देखते हुए टिकट दिया. इसलिए अब मुकेश ने बागी होकर अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है.

एबीवीपी और एनएसयूआई दोनों को ही अब बागियों का डर सताने लगा है दोनों ही पार्टियों के प्रमुख नेता अब अपने बागियों की नब्ज टटोल रहे हैं. वहीं दोनों ही दलों के बागी अपनी तैयारी में जुट गट गए हैं.

जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में टिकट घोषणा के साथ ही छात्रों में बगावत भी देखने को मिल रही है. वहीं एबीवीपी का पैनल घोषित होने के बाद टिकट नहीं मिलने से नाराज नितिन शर्मा और संजय चेची बागी के रुप में मैदान में उतर गये है. नीतिन शर्मा अध्यक्ष पद के लिए निर्दलीय ही मैदान में उतरे गए है. वहीं संजय चेची निर्दलीय महासचिव के रुप में अपना दमखम दिखा रहे है.

छात्र संगठनों के खिलाफ दिख रही बगावत

निर्दलीय प्रत्याशी नितिन शर्मा ने बताया कि वह लम्बे समय से संगठन के साथ जुड़ा हुआ था. छात्र हितो के लिए कई बार आंदोलन किये, पुलिस की लाठियां खाई और कई बार जेल भी गया लेकिन संगठन ने उसे नजर अंदाज कर दिया. साथ ही नितिन ने बताया कि पिछले साल भी चुनाव में उसने अपनी दावेदारी दिखाई थी लेकिन संगठन के कहने पर उसने नाम वापस ले लिया था.लेकिन इस बार के चुनाव में संगठन ने धनबल को देखते हुए टिकट दिया है.

पढ़ें- युथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष और एनएसयूआई के पूर्व जिलाध्यक्ष के छोटे भाई को एबीवीपी ने दिया अध्यक्ष का टिकट

वहीं एनएसयूआई ने मंगलवार देर रात अध्यक्ष पद के नाम की घोषणा की थी. जिसके बाद एनएसयूआई के ही मजबूत दावेदारों में से एक मुकेश चौधरी भी बागी हो गए. मुकेश चौधरी ने संगठन पर आरोप लगाते हुए कहा की संगठन सिर्फ धनबल और बाहुबल को ही टिकट देने का काम कर रहा है. चौधरी ने बताया की जब जब छात्रों को समस्याएं हुई तब उसने संगठन के साथ मिलकर मजबूती से लड़ाई लड़ने का काम किया लेकिट वितरण में संगठन ने धनबल और बाहुबल को देखते हुए टिकट दिया. इसलिए अब मुकेश ने बागी होकर अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है.

एबीवीपी और एनएसयूआई दोनों को ही अब बागियों का डर सताने लगा है दोनों ही पार्टियों के प्रमुख नेता अब अपने बागियों की नब्ज टटोल रहे हैं. वहीं दोनों ही दलों के बागी अपनी तैयारी में जुट गट गए हैं.

Intro:जयपुर- आरयू में टिकट घोषणा के साथ ही बगावत भी देखने को मिल रही है। एबीवीपी का पैनल घोषित होने के बाद टिकट नहीं मिलने से नाराज नितिन शर्मा और संजय चेची बागी के रुप मे मैदान में उतर गये है। नीतिन शर्मा अध्यक्ष के रुप में निर्दलीय मैदान मे उतरे है, तो वही संजय चेची निर्दलीय महासचिव के रुप मे अपना दमखम दिखा रहे है। निर्दलीय प्रत्याशी नितिन शर्मा ने बताया लम्बे समय से संगठन के साथ जुड़ा हुआ था। छात्र हितो के लिए कई बार आंदोलन किये, पुलिस की लाठियां खाई और कई बार जेल भी गया। पिछली साल भी चुनाव में अपनी दावेदारी दिखाई थी। उस समय भी संगठन के कहने पर नाम वापस ले लिया लेकिन इस बार भी संगठन ने नजर अंदाज कर दिया। धनबल और बाहुबल वाले को टिकट दिया। छात्र हितों के लिए मै मैदान में उतरा हुं। वही एनएसयूआई ने कल देर रात अध्यक्ष पद के नाम की घोषणा की थी जिसके बाद एनएसयूआई के ही मजबूत दावेदारों में से एक मुकेश चौधरी भी बागी हो गए। मुकेश चौधरी ने संगठन पर आरोप लगाते हुए कहा की संगठन सिर्फ धनबल और बाहुबल को ही टिकट देती है। चौधरी ने बताया की जब जब छात्रों को समस्याएं हुई तब तब संगठन के साथ मिलकर मजबूती से लड़ाई की लेकिन जब टिकट की बारी आयी तो धनबल और बाहुबल को टिकट दे दिया। इसलिए अब बागी होकर अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ा जाएगा और छात्रों की समस्याओं को मजबूती से रखा जाएगा।

Body:एबीवीवी और एनएसयूआई दोनों को ही अब बागियों का डर सताने लगा है। दोनों ही पार्टियों के प्रमुख नेता अपने बागियों की नब्ज टटोल रहे हैं। वहीं दोनों ही दलों के बागी अपनी तैयारी में जुट गट गए हैं। बागियों को मनाने के लिए भी एक स्पेशल टीम अपने स्तर पर ही बनाई जा रही है। यह टीम बागियों पर निगाह रखेगी। बागियों का कहना है कि लंबे समय तक पार्टी में रहे फिर भी टिकट वितरण में उन्हें नकार दिया। अब वे इसका जवाब निर्दलीय चुनाव लड़कर चुनाव मैदान में देंगे और 28 अगस्त को ही मतगणना के बाद इसका पता चल सकेगा।

बाईट-नितिन शर्मा,निर्दलीय प्रत्याशी
बाईट- मुकेश चौधरी, निर्दलीय प्रत्याक्षीConclusion:
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