जयपुर. अक्सर आपने देखा होगा कि बढ़ती उम्र के साथ-साथ लोगों की याददाश्त भी कमजोर होने लगती है. अक्सर उम्र बढ़ने के बाद लोग समान रखकर कहीं भूल जाते हैं या फिर अपनों को ही भूलने लगते हैं. वो ना सिर्फ बातें भूलने लगते हैं बल्कि उनके काम करने की रफ्तार भी कम होने लागती है. उन्हें नए लोगों के सामने खुद को व्यक्त करने में परेशानी महसूस होने लगती हैं. सामान्य तौर पर ये परेशानियां बुढ़ापे के कारण ही होती है. इन लक्षणों का मूल डिमेंशिया यानि भूलने की बीमारी होती है. डिमेंशिया कई प्रकार का होता है, लेकिन अल्जाइमर इसके मुख्य कारणों में से एक माना जाता है. देश हो या विदेश अल्जाइमर को लेकर आमजन में बहुत ज्यादा जागरूकता नहीं है. इसी के चलते जनमानस में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 21 सिंतबर को पूरी दुनिया 'विश्व अल्जाइमर दिवस' मनाती है.
क्या है अल्जाइमर
सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि अल्जाइमर क्या है. अल्जाइमर रोग डिमेंशिया का सबसे आम रूप है. यह एक प्रगतिशील मस्तिष्क रोग है जिसके परिणामस्वरूप स्मृति और सोच कौशल का नुकसान होता है. सरल शब्दों में कह सकते हैं कि अल्जाइमर यानी कि भूलने की बीमारी. जैसे गाड़ी की चाबी रखकर भूल जाना, दुकान पर हेलमेट छोड़ देना. कहीं बाहर घूमने जाएं तो सामान भूल जाना या फिर नाम भूल जाना. रास्ते याद ना होना, तो कभी बार-बार चीजें याद करने पर भी दिमाग से निकल जाना, जैसी दिक्कतें अल्जाइमर की वजह से होती हैं. इससे पीड़ित व्यक्ति को रोजमर्रा के कामकाज में परेशानी होती है. अल्जाइमर मस्तिष्क की कोशिकाओं को नष्ट कर देता है जो स्मृति हानि, स्मृति परिवर्तन, अनियमित व्यवहार और शरीर के कार्यकारी अंग को नुकसान पहुंचाता है. ध्यान और योग से इस बीमारी से निजात मिल सकती है.
'अल्जाइमर' नाम का इतिहास
1906 में जर्मन चिकित्सक डॉ. एलोइस अल्जाइमर ने पहली बार एक असाध्य बीमारी का वर्णन किया, जो गहन स्मृति हानि और सूक्ष्म मस्तिष्क परिवर्तनों में से एक है, अब हम इस बीमारी को अल्जाइमर के रूप में जानते हैं.
डिमेंशिया और अल्जाइमर के बीच अंतर
डिमेंशिया स्मृति में परिवर्तन, तर्क या अन्य सोच कौशल जैसे लक्षणों के लिए एक सामान्य शब्द है. अल्जाइमर एक विशिष्ट दिमागी बीमारी है, इसे भूलने की बीमारी भी कहा जा सकता है. हर देखा जाए तो 60 से 80 प्रतिशत लोग डिमेंशिया से ग्रसित हैं.
अल्जाइमर के चरण
अल्जाइमर को लक्षणों के आधार पर सात चरणों में वर्गीक्रत किया जाता है. जहां हर चरण पर लक्षणों से लेकर रोगी सब कुछ, सब लोगों को भूलने लगता है. उसके उसकी गतिविधियों पर नियंत्रण नहीं रहता. यहां तक की वह परेशानियों और बीमारियों के बारे में भी लोगों को नहीं बता पाता है.
अल्जाइमर के कारण
- बढ़ती उम्र (65 वर्ष के बाद)
- आधुनिक जीवन शैली
- उच्च रक्तचाप, मधुमेह
- पुराने सर की चोट
- आनुवांशिकता
- शराब और नशे की लत
- धूम्रपान
- मोटापा
अल्जाइमर के लक्षण
- भुलक्कड़पन- सबसे आरंभिक और आम लक्षण. धीरे धीरे रोजमर्रा के कार्य जैसे कपड़े पहनना, खाना खाना, नहाना आदि कार्य में भी असमर्थता
- परिवार और प्रियाजनों के नाम भूल जाना
- समय स्थान का ज्ञान ना रहना, घर से बाहर निकलने पर घर का मार्ग भूलना
- चीजों को व्यवस्थित करने में परेशानी, निर्णय लेने में अक्षमता
- व्यावहारिक बदलाव जैसे गुस्सा, चिड़चिड़ापन, आक्रामकता, शक्की पन, बड़बड़ाना, उत्तेजना, भयभीत रहना आदि
मरीज को नियंत्रण में रखने के लिए क्या करें
- संतुलित भोजन- पालक, बादाम, ताजे फल, हरी सब्जियां,अखरोट आदि का सेवन करें
- 7 से 8 घंटे की भरपूर नींद तंत्र कोशिकाओं को अगले दिन के लिए तैयार करती हैं.
- हर दिन निश्चित समय पर सोएं. समय पर जागें. सोने से आधा घंटा पहले फोन, स्क्रीन, टीवी को बंद कर दें.
- नियमित व्यायाम मस्तिष्क में रक्त संचार को बढ़ाती है. विषाणु ( toxins, free radicals) को कम कर ऑक्सीजन, ग्लूकोस को बढ़ाती है.
- नई-नई कलाओं को सीखने से कोशिकाएं आपस में नए तंत्र बनाती हैं. जिससे व्यक्ति की याददाश्त पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
- नशे और धूम्रपान से दूर रहना चाहिए.
इससे ग्रसित मामलों के आंकड़े
- दुनिया भर में 50 मिलियन से अधिक लोग डिमेंशिया के साथ सफर कर रहे हैं, इनमें कई लोगों को इसकी जानकारी तक नहीं है.
- दुनिया में कोई भी हर तीन सेकंड में डिमेंशिया विकसित कर लेता है.
- डिमेंशिया के साथ रहने वाले लोगों की संख्या तिगुनी होने का अनुमान है, जो 2050 तक 152 मिलियन हो जाएंगे.
- डिमेंशिया का आर्थिक प्रभाव हर साल एक बिलियन अमेरिकी डॉलर है, यह आंकड़ा 2050 तक दोगुना हो जाएगा.
- लगभग 80 प्रतिशत लोग कुछ विशेष प्वाइंटस पर डिमेंशिया के विकास को लेकर चिंतित हैं और हर चार लोगों में से एक को लगता है कि डिमेंशिया को रोकने के लिए हम कुछ भी नहीं कर सकते.
- दुनिया भर में 35 प्रतिशत देखभालकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने परिवार के सदस्य के डिमेंशिया का निदान छिपाया है.
- विश्व स्तर पर 50 प्रतिशत से अधिक देखभालकर्ताओं का कहना है कि उनकी भूमिका के बारे में सकारात्मक भावनाओं को व्यक्त करने के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य को उनकी देखभाल की जिम्मेदारियों के परिणामस्वरूप भी ख्याल रखना पड़ता है.
- लगभग 62 प्रतिशत स्वास्थ्य सेवा प्रदाता दुनिया भर में सोचते हैं कि डिमेंशिया सामान्य उम्र में तेजी से बढ़ता एक कारक है.
विश्व अल्जाइमर दिवस का उद्देश्य
विश्व अल्जाइमर दिवस का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक देशों तक पहुंचना है, डिमेंशिया का वैश्विक प्रभाव दिखाना और डिमेंशिया जागरूकता को बढ़ावा देना है. इसके साथ ही इस बीमारी से पीड़ित लोगों का समर्थन करने के लिए हम क्या कर सकते हैं इसकी रणनीति तय करना है. जो लोग अल्जाइमर से ग्रसित हैं, उन्हें एक्सरसाइज, ध्यान और योग जरूर करना चाहिए. बताते हैं कि ध्यान और योग द्वारा आप इस बीमारी से निजात पा सकते हैं.