जयपुर. भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण पश्चिमी क्षेत्र की तीन दिवसीय प्रदर्शनी भूसंपदा 2019 का उद्घाटन गुरुवार को जवाहर कला केंद्र में विभाग के उप महानिदेशक और विभागाध्यक्ष कान्हू चरण साहू व पत्र सूचना कार्यालय की अपर महानिदेशक डॉ प्रज्ञा पालीवाल द्वारा किया गया. तीन दिनों की इस प्रदर्शनी में राजस्थान में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के खनिजों एवं अयस्कों जैसे तांबा, सीसा, जस्ता, अभ्रक, सॉपस्टोन, टैल्क व क्वार्टर्स की किस्मों सहित विभाग द्वारा उपयोग फील्ड कार्य एवं नमूना विश्लेषण के दौरान उपयोग किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के यंत्रों एवं उपकरणों को प्रदर्शित किया गया.
राजस्थान व गुजरात में पाए गए जीवाश्मों को उनकी आयु क्रम दर्शाते हुए प्रारंभिक जीवन से लेकर डायनासोर के अंडे, हड्डियों, शैलों में परिवर्तित हुए शंख, केकड़े, हाल ही में खोजे गए सार्क व रेह मछली के दांतों को जीवाश्मकी सेक्शन में प्रदर्शन के लिए रखा गया.
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अंटार्टिका में विभाग द्वारा किए जा रहे अध्ययनों के चित्र, समुद्री सर्वे के विभिन्न छायाचित्र व सतही सर्व से संबंधित चित्रों को भी क्रमबद्ध कर दर्शाया गया. विभाग द्वारा भू भौतिक व रसायनिक सर्वेक्षण में उपयोग किए जाने वाले उपकरणों एवं जंतुओं को भी सार्वजनिक रूप से दिखाया गया. जिनमें प्रमुख रूप से गुरु तत्व मापी यंत्र जिससे गुरु तत्व का मापन किया जाता है और भूकंप मापी यंत्र जिसके द्वारा भूत सतह पर होने वाली कपन्नों को मापा जाता है. उनका आम नागरिकों एवं विद्यालय व महाविद्यालय के छात्रों के समक्ष सजीव प्रदर्शन किया गया.