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CBSE की तर्ज पर होगी पहली बार फरवरी में RBSE की परीक्षा, 20 लाख से अधिक बच्चे होंगे शामिल - Jaipur CBSE Examination

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (आरबीएसई) की परीक्षाओं को सीबीएसई की तर्ज पर पहली बार फरवरी में आयोजित किया जाएगा. जिसके लिए राजस्थान में करीब 6 हजार परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. इसमें करीब 20 लाख से अधिक बच्चे बोर्ड का परीक्षा देंगे.

जयपुर की खबर Rajasthan Board of Secondary Education
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Published : Nov 25, 2019, 7:06 PM IST

जयपुर. सीबीएसई की तर्ज पर राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (आरबीएसई) की परीक्षाएं पहली बार फरवरी में आयोजित की जाएंगी. वहीं सरकार का उद्देश्य एग्जाम पहले कराने का यह है कि इन परीक्षाओं के रिजल्ट जल्दी घोषित किए जा सकें, ताकि अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में जो बच्चे सेलेक्ट होते हैं. वह अपनी अंकतालिका पेश कर सकें और नया सत्र समयबद्ध चल सके.

CBSE की तर्ज पर RBSE का हो टाइम टेबल

इस मामले पर शिक्षक संगठनों ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव को पत्र लिखकर इस की मांग की है. जिसमें कहा गया है कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के बच्चों का टाइम टेबल सीबीएसई पैटर्न के जैसा होना चाहिए, दो परीक्षाओं के बीच में सीबीएसई की तरह 2 से 3 दिन का अंतराल होना चाहिए.

वहीं माध्यमिक शिक्षा बोर्ड परीक्षा को सीबीएसई के अनुसार जल्दी करवा रहा है, तो ऐसे में छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए टाइम टेबल का पैटर्न भी सीबीएसई के अनुसार ही किया जाना चाहिए, ताकि विद्यार्थियों पर मनोवैज्ञानिक दबाव ना बने और वह अपना प्रदर्शन उत्कृष्ट कर सके. अन्यथा राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के विद्यार्थियों के साथ यह अन्याय होगा. इस परीक्षा में पूरे राजस्थान में करीब 6 हजार परीक्षा केंद्र बनाए गए है. इसमें करीब 20 लाख से अधिक बच्चे बोर्ड परीक्षा देंगे.

पढ़ें- सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने जमवारामगढ़ बांध के बहाव क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर धरना देकर किया प्रदर्शन

राजस्थान माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने कहा कि 20 फरवरी से होने वाली बोर्ड परीक्षा के कारण इस वर्ष विद्यार्थियों को तैयारी के लिए कम समय मिलेगा, क्योंकि पूर्व में यह परीक्षाएं मार्च के मध्य में शुरू होती थी.ऐसे में करीब एक माह का कम समय बच्चों को अध्ययन के लिए मिलेगा. वहीं बच्चों के हित में संगठन के सुझाव से शिक्षा मंत्री को भी अवगत कराया जायेगा.

जयपुर. सीबीएसई की तर्ज पर राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (आरबीएसई) की परीक्षाएं पहली बार फरवरी में आयोजित की जाएंगी. वहीं सरकार का उद्देश्य एग्जाम पहले कराने का यह है कि इन परीक्षाओं के रिजल्ट जल्दी घोषित किए जा सकें, ताकि अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में जो बच्चे सेलेक्ट होते हैं. वह अपनी अंकतालिका पेश कर सकें और नया सत्र समयबद्ध चल सके.

CBSE की तर्ज पर RBSE का हो टाइम टेबल

इस मामले पर शिक्षक संगठनों ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव को पत्र लिखकर इस की मांग की है. जिसमें कहा गया है कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के बच्चों का टाइम टेबल सीबीएसई पैटर्न के जैसा होना चाहिए, दो परीक्षाओं के बीच में सीबीएसई की तरह 2 से 3 दिन का अंतराल होना चाहिए.

वहीं माध्यमिक शिक्षा बोर्ड परीक्षा को सीबीएसई के अनुसार जल्दी करवा रहा है, तो ऐसे में छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए टाइम टेबल का पैटर्न भी सीबीएसई के अनुसार ही किया जाना चाहिए, ताकि विद्यार्थियों पर मनोवैज्ञानिक दबाव ना बने और वह अपना प्रदर्शन उत्कृष्ट कर सके. अन्यथा राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के विद्यार्थियों के साथ यह अन्याय होगा. इस परीक्षा में पूरे राजस्थान में करीब 6 हजार परीक्षा केंद्र बनाए गए है. इसमें करीब 20 लाख से अधिक बच्चे बोर्ड परीक्षा देंगे.

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राजस्थान माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने कहा कि 20 फरवरी से होने वाली बोर्ड परीक्षा के कारण इस वर्ष विद्यार्थियों को तैयारी के लिए कम समय मिलेगा, क्योंकि पूर्व में यह परीक्षाएं मार्च के मध्य में शुरू होती थी.ऐसे में करीब एक माह का कम समय बच्चों को अध्ययन के लिए मिलेगा. वहीं बच्चों के हित में संगठन के सुझाव से शिक्षा मंत्री को भी अवगत कराया जायेगा.

Intro:जयपुर- सीबीएसई की तर्ज पर राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (आरबीएसई) की परीक्षाएं पहली बार फरवरी में आयोजित की जाएगी। सरकार का उद्देश्य एग्जाम पहले कराने का यह है कि इन परीक्षाओं के रिजल्ट जल्दी घोषित किए जा सके ताकि अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में जो बच्चे सेलेक्ट होते हैं वहां पर अपनी अंकतालिका पेश कर सके और नया सत्र समयबद्ध चल सके। इस मामले पर शिक्षक संगठनों ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव को पत्र लिखकर मांग की है की माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के बच्चों का टाइम टेबल सीबीएसई पैटर्न पर होना चाहिए दो परीक्षाओं के बीच में सीबीएसई की तरह 2 से 3 दिन का अन्तराल होना चाहिए, जब माध्यमिक शिक्षा बोर्ड परीक्षा सीबीएसई के अनुसार जल्दी करवा रहा है तो ऐसे में छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए टाइम टेबल का पैटर्न भी सीबीएसई के अनुसार ही किया जाना चाहिए ताकि विद्यार्थियों पर मनोवैज्ञानिक दबाव ना बने और वह अपना प्रदर्शन उत्कृष्ट कर सके। अन्यथा राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के विद्यार्थियों के साथ यह अन्याय होगा। माध्यमिक शिक्षा की बोर्ड की परीक्षा में पूरे राजस्थान में करीब 6000 परीक्षा केंद्र बनाए गए है तथा इसमें करीब 20 लाख से अधिक बच्चे बोर्ड परीक्षा देंगे।

Body:राजस्थान माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने कहा कि 20 फरवरी से होने वाली बोर्ड परीक्षा के कारण इस वर्ष विद्यार्थियों को तैयारी के लिए कम समय मिलेगा क्योंकि पूर्व में यह परीक्षाएं मार्च के मध्य में शुरू होती थी। ऐसे में करीब एक माह का कम समय बच्चों को अध्ययन के लिए मिलेगा। वही बच्चों के हित में संगठन के सुझाव से शिक्षा मन्त्री को भी अवगत कराया जायेगा।

बाईट- विपिन प्रकाश शर्मा, शिक्षक संघConclusion:
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