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अब याद रखना होगा 16 अंकों का नंबर, एक्सपायरी और CVV, जानिए क्यों...

RBI के नए नियम के मुताबिक अगले वर्ष से ग्राहकों को ऑनलाइन पेमेंट करते वक्त क्रेडिट या डेबिट कार्ड का पूरा 16 नंबर लिखना पड़ेगा. जब-जब पेमेंट करेंगे तब-तब लिखना होगा. साथ में CVV और एक्सपायरी की भी जानकारी देनी होगी.

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reserve bank of india
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Published : Aug 23, 2021, 9:10 AM IST

जयपुर. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) अक्सर बैंकिंग नियम में बदलाव करता रहता है. जल्द ही एक और बदलाव होने जा रहा है. कहा जा रहा है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जल्द ही क्रेडिट और डेबिट पेमेंट के नियम में बदलाव करेगा. अब आने वाले समय में आपको क्रेडिट और डेबिट कार्ड के 14 अंकों के नंबर याद रखने होंगे. साथ ही कार्ड की एक्सपायरी डेट और सीवीवी (CVV) की जानकारी भी याद रखनी होगी. रिजर्व बैंक RBI ने इसके लिए नया नियम जारी किया है.

पढ़ें- रिजर्व बैंक ने बैंक लॉकर किराये पर लेने के नियमों में संशोधन किया

बता दें, यह नियम डाटा स्टोरेज पॉलिसी के तहत है, जिसमें ग्राहकों के खाते से जुड़ी सुरक्षा का खयाल रखा जा रहा है. डेबिट कार्ड (Debit Card) या क्रेडिट कार्ड (Credit Card) के 16 अंक बेहद मायने रखते हैं. साथ में सीवीवी (CVV) और एक्सपायरी (Expiry Date) भी. जो लोग कार्ड का इस्तेमाल ऑनलाइन बैंकिंग (Online Banking) के लिए करते हैं, उन्हें पता है कि 16 अंकों का नंबर, सीवीवी और एक्सपायरी कितना मायने रखता है.

RBI की नई गाइडलाइन

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) अपने पेमेंट गाइडलाइंस में बदलाव करने की तैयारी में है. आरबीआई डाटा स्टोरेज पॉलिसी पर अपने संशोधित गाइडलाइंस को जनवरी 2022 से लागू कर सकता है. इस संशोधन के बाद मर्चेंट क्रेडिट और डेबिट कार्ड के नंबर को स्टोर कर नहीं रख सकेगा. आपको पेमेंट के समय हर बार अपने क्रेडिट और डेबिट कार्ड का नंबर भरना होगा. साथ ही आपको हर ऑनलाइन पेमेंट से पहले कार्ड डिटेल, नाम, कार्ड नंबर, कार्ड वैलिडिटी दर्ज करनी होगी.

कैसे काम करता है डाटा स्टोरेज

क्या आपने सोचा है कि जब आप कार्ड से खरीदारी करते हैं तो आपके कार्ड पर रिवार्ड पॉइंट या कैशबैक कैसे मिलता है. यह सबकुछ डाटा स्टोरेज पर आधारित होता है. कंपनियों के पास आपके कार्ड से जुड़ी जानकारी होती है. उसी नंबर पर रिवार्ड पॉइंट रिवर्ट कर दिया जाता है. इससे कार्ड और आपके बैंक खाते से जुड़ी कई बातें सुरक्षा के लिए चुनौती बन जाती हैं. इससे निपटने के लिए रिजर्व बैंक यह कदम उठा रहा है. हालांकि पेमेंट गेटवे कंपनियों को लगता है कि इससे ग्राहकों की संख्या कम हो सकती है क्योंकि क्रेडिट कार्ड का नंबर हर बार डालना बड़ा काम है. लेकिन सुरक्षा के लिए किसी भी चुनौती से निपटना सबसे बड़ी जवाबदेही बन जाती है.

जयपुर. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) अक्सर बैंकिंग नियम में बदलाव करता रहता है. जल्द ही एक और बदलाव होने जा रहा है. कहा जा रहा है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जल्द ही क्रेडिट और डेबिट पेमेंट के नियम में बदलाव करेगा. अब आने वाले समय में आपको क्रेडिट और डेबिट कार्ड के 14 अंकों के नंबर याद रखने होंगे. साथ ही कार्ड की एक्सपायरी डेट और सीवीवी (CVV) की जानकारी भी याद रखनी होगी. रिजर्व बैंक RBI ने इसके लिए नया नियम जारी किया है.

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बता दें, यह नियम डाटा स्टोरेज पॉलिसी के तहत है, जिसमें ग्राहकों के खाते से जुड़ी सुरक्षा का खयाल रखा जा रहा है. डेबिट कार्ड (Debit Card) या क्रेडिट कार्ड (Credit Card) के 16 अंक बेहद मायने रखते हैं. साथ में सीवीवी (CVV) और एक्सपायरी (Expiry Date) भी. जो लोग कार्ड का इस्तेमाल ऑनलाइन बैंकिंग (Online Banking) के लिए करते हैं, उन्हें पता है कि 16 अंकों का नंबर, सीवीवी और एक्सपायरी कितना मायने रखता है.

RBI की नई गाइडलाइन

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) अपने पेमेंट गाइडलाइंस में बदलाव करने की तैयारी में है. आरबीआई डाटा स्टोरेज पॉलिसी पर अपने संशोधित गाइडलाइंस को जनवरी 2022 से लागू कर सकता है. इस संशोधन के बाद मर्चेंट क्रेडिट और डेबिट कार्ड के नंबर को स्टोर कर नहीं रख सकेगा. आपको पेमेंट के समय हर बार अपने क्रेडिट और डेबिट कार्ड का नंबर भरना होगा. साथ ही आपको हर ऑनलाइन पेमेंट से पहले कार्ड डिटेल, नाम, कार्ड नंबर, कार्ड वैलिडिटी दर्ज करनी होगी.

कैसे काम करता है डाटा स्टोरेज

क्या आपने सोचा है कि जब आप कार्ड से खरीदारी करते हैं तो आपके कार्ड पर रिवार्ड पॉइंट या कैशबैक कैसे मिलता है. यह सबकुछ डाटा स्टोरेज पर आधारित होता है. कंपनियों के पास आपके कार्ड से जुड़ी जानकारी होती है. उसी नंबर पर रिवार्ड पॉइंट रिवर्ट कर दिया जाता है. इससे कार्ड और आपके बैंक खाते से जुड़ी कई बातें सुरक्षा के लिए चुनौती बन जाती हैं. इससे निपटने के लिए रिजर्व बैंक यह कदम उठा रहा है. हालांकि पेमेंट गेटवे कंपनियों को लगता है कि इससे ग्राहकों की संख्या कम हो सकती है क्योंकि क्रेडिट कार्ड का नंबर हर बार डालना बड़ा काम है. लेकिन सुरक्षा के लिए किसी भी चुनौती से निपटना सबसे बड़ी जवाबदेही बन जाती है.

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