जयपुर. राजधानी के मुख्य मार्गों पर बारिश के बीच कदम से कदम मिलाकर राष्ट्र सेविका समिति की कार्यकर्ताओं और स्वयंसेविकाओं ने पथ संचलन (Rashtra Sevika Samiti path sanchalan in Jaipur) किया. परकोटे में स्थित चौगान स्टेडियम से रवाना होकर यह पथ संचलन छोटी चौपड़, किशनपोल बाजार, नेहरू बाजार, चौड़ा रास्ता और त्रिपोलिया बाजार होते हुए दोबारा चौगान स्टेडियम पहुंचा. इस दौरान 50 से ज्यादा स्थानों पर स्वयंसेविकाओं का पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया. इस पथ संचलन में जयपुर, अलवर और भरतपुर विभाग की सेविकाओं ने भाग लिया.
आसमान से बारिश और नीचे पुष्प वर्षा के बीच राजधानी के मुख्य मार्गों पर राष्ट्र सेविका समिति की सेविकाओं ने पथ संचलन किया. समिति की ओर से शनिवार को विजयादशमी उत्सव के उपलक्ष्य में ये पथ संचलन निकाला. इस पथ संचलन के पीछे भगवा ध्वज धारण किए हुए राष्ट्र सेविका समिति की ही एक सेविका भारत माता के रूप में नजर आई. पथ संचलन कार्यक्रम में 300 सेविकाओं ने पूर्ण गणवेश में भाग लिया.
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प्रांत सह कार्यवाहिका सरोज प्रजापति ने बताया कि वर्ष 1925 में विजयादशमी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की गई थी. तब ये बात उभरकर सामने आई थी कि मातृशक्ति को भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में स्थान दिया जाना चाहिए. उसी समय मातृशक्ति के लिए भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तर्ज पर मातृशक्ति में देश-भक्ति और सामाजिक समरसता की भावना विकसित करने के उद्देश्य से एक अलग संगठन की नींव रखा जाना तय हुआ. 25 अक्टूबर, 1936 को विजयादशमी के ही दिन राष्ट्र सेविका समिति की नींव रखी गई.
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वहीं संचलन को लेकर सरोज प्रजापति ने बताया कि सेविकाएं 2 महीने से संचलन का अभ्यास कर रही थीं. इसके साथ ही समिति का बैंड (घोष) का भी अभ्यास किया गया. जिसके बाद आज मुख्य मार्गों पर पथ संचलन किया गया है. इस पथ संचलन में जयपुर, अलवर और भरतपुर विभाग की सेविकाओं ने भाग लिया. इससे पहले चौगान स्टेडियम में हुए कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रो अर्चना सक्सेना, अध्यक्ष डॉ रंजना जैन और प्रमुख वक्ता के रूप में डॉ मधु शर्मा (प्रांत सह तरुणी प्रमुख) मौजूद रहीं. मुख्य वक्ता डॉ मधु शर्मा ने अपने उद्बोधन में नारी शक्ति को संघटित करके साथ चलने की बात कही.