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तितलियों का स्मृति वन : जयपुर के स्मृति वन में दुर्लभ प्रजातियों की तितलियां की गई रिकॉर्ड - जयपुर में तितलियों की दुर्लभ प्रजातियां

तितली का दिमाग बहुत तेज होता है. तितलियों में देखने, सुनने, उड़ने, स्वाद चखने और पहचानने की अद्भुत क्षमता होती है. इन दिनों राजधानी जयपुर का कुलिश स्मृति वन तितलियों का आशियाना बना हुआ है. यहां दुर्लभ प्रजाति की तितलियां रिकॉर्ड की गई हैं.

Rare species of butterflies, Smriti Van Jaipur
जयपुर के स्मृति वन में तितलियों की दुर्लभ प्रजातियां
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Published : Aug 31, 2021, 6:40 PM IST

Updated : Aug 31, 2021, 9:00 PM IST

जयपुर. राजधानी जयपुर में तितलियों के करीब 54 प्रजातियां हैं, जिनमें से 43 प्रजातियां स्मृति वन में मौजूद हैं. इन 43 प्रजातियों को वन विभाग के असिस्टेंट फॉरेस्टर कृष्ण कुमार मीणा ने रिकॉर्ड किया है. सभी तितलियों के फोटोग्राफ्स और उनके नाम रिकॉर्ड किए गए हैं. जयपुर के स्मृति वन में तितलियों का मंडराना पर्यावरण की अच्छी स्थिति की ओर इशारा कर रहा है.

दुर्लभ प्रजातियों की तितलियों की संख्या बढ़ना पर्यावरण के साथ ही जीव-जंतुओं के लिए भी लाभदायक होता है. नेचुरल फूड चैन को बरकरार रखने में बटरफ्लाई काफी महत्वपूर्ण है. बटरफ्लाई के संरक्षण को लेकर वन विभाग कई बेहतर प्रयास कर रहा है. जयपुर के कुलिश स्मृति वन में बटरफ्लाई वैली बनाई गई है. इस वैली में तितलियों के लिए नेचुरल हैबिटेट है. बटरफ्लाई वैली का उद्देश्य तितलियों के संरक्षण के साथ ही लोगों को तितलियों के बारे में जागरूक करना है.

जयपुर में दुर्लभ तितलियां

स्मृति वन में है 365 प्रजातियों के पौधे

असिस्टेंट फॉरेस्टर कृष्ण कुमार मीणा ने बताया कि जयपुर के पुलिस स्मृति वन में 365 प्रजातियों के पौधे लगे हुए हैं. विभिन्न प्रजातियों के पौधों पर तितलियां मंडराती हैं और उनका रस पीती हैं. बटरफ्लाई के लिए विभिन्न प्रजातियों के पौधे भी यहां मौजूद हैं. फूलों का रस पीकर तितलियां प्रागण क्रिया करती है, इस क्रिया से फूल फल में बदलता है. पौधों में पराकण का नर भाग से मादा भाग पर स्थानांतरण प्रागण क्रिया कहलाता है.

Rare species of butterflies, Smriti Van Jaipur
स्मृति वन में दुर्लभ प्रजातियों की तितलियां

विशेषज्ञों की मानें तो अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर तितलियां जैव विविधता के लिए भी काफी महत्वपूर्ण होती है. अलग-अलग पौधों और फूलों पर तितलियां अंडे देती हैं. तितलियां पूरी दुनिया के लिए ऐसा आधार बनाती है, जिससे उन्हें हैबिटेट मिलता है. भारत में तितलियों को भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत अनुच्छेद 1 (भाग-4) में शामिल किया गया है. कई विलुप्त होती प्रजातियों की तितलियां कुलिश स्मृति वन में देखी गई हैं.

पढ़ें- SPECIAL : तितलियां हैं Bio Indicator, देती हैं पर्यावरण शुद्धता का संदेश...भरतपुर के घना में तितलियों की 75 प्रजातियां

यूरोपीय देशों की दुर्लभ प्रजातियां स्मृति वन में मौजूद

असिस्टेंट फॉरेस्टर कृष्ण कुमार मीणा ने बताया कि राजधानी जयपुर में करीब 54 प्रजातियों की तितलियां मौजूद हैं. जिनमें 43 प्रजातियां स्मृति वन में रिकॉर्ड की गई हैं. स्मृति वन में तीन दुर्लभ प्रजाति की तितलियां भी रिकॉर्ड हुई हैं. स्मृति वन में कई सुदर-सुंदर तितलियां मंडराती हुई देखी जा सकती हैं. तितलियों के मेटिंग का सीजन शुरू हो चुका है. हैबिटेट का यहां अच्छा प्रबंध किया गया है. यूरोपीय देशों में पाई जाने वाली दुर्लभ प्रजातियां भी स्मृति वन में देखी गई हैं.

Rare species of butterflies, Smriti Van Jaipur
जयपुर कुलिश स्मृति वन

स्मृति वन में रिकॉर्ड की गई तितलियां

कॉमन ब्लू टाइगर, मौट, फोरगेट मी नॉट, लिटिल ऑरेंज टिप, कॉमन इमिग्रेंट, ब्राइट बाबूल ब्लू, नौजिनो जियोमेट्रेलिस, स्मॉल ऑरेंज टिप, लेमन पैंसी, पेंटेड लेडी, पायनियर व्हाइट, एंगल्ड कोस्टर, लाइम ब्लू, मेटल्ड इमेग्रंट, अफ्रीकन बाबूल ब्लू, स्मॉल सेमॉन अरब, टाउनी कोस्टर, येलो पैंसी, कॉमन रोज, ट्रैमिंडा मुंडिसिमा, कॉमन बैंडेड ऑल, बीटरूट वेबवर्म, स्ट्रिप्ड पिएरो, कॉमन टाइगर, ग्रेट एगफ्लाई, डेनेड एगफ्लाई, कॉमन गुल, प्लेन ऑरेंज टिप, कॉमन ग्रास येलो, पैसेंजर, डार्क ग्रास ब्लू, गेसोनिया ओबेडिटैलिस, कॉमन मोरमॉन, लार्ज सेमॉन अरब, ब्लू पैंसी, स्मॉल क्यूपिड, स्मॉल ग्रास येलो, कॉमन जेज्बेल, डार्क ईवनिंग ब्राउन, प्लेन टाइगर, डायनिया एल्जिरा, जेब्रा ब्लू, कॉमन लेपर्ड. इनमें से स्मृति वन में पाई गई दुर्लभ प्रजाति की तितलियां पैसेंजर, ट्रैमिंडा मुंडिसिमा और बीटरूट वेबवर्म हैं.

पढ़ें- राष्ट्रीय तितली की होगी पहचान, टॉप-फाइव में झारखंड की तीन तितलियां

इको सिस्टम को बरकरार रखने में महत्वपूर्ण हैं तितलियां

वन विभाग के असिस्टेंट फॉरेस्टर कृष्ण कुमार मीणा का कहना है कि जंगलों की स्थितियां खराब होने की वजह से तितलियों के आशियाने खत्म होते जा रहे हैं. वहीं कई प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं. फूड चेन और इकोसिस्टम को बरकरार रखने के लिए तितलियों का होना बहुत जरूरी है. बायोडायवर्सिटी में बटरफ्लाई का महत्व इसलिए है क्योंकि जीव-जंतु एक दूसरे पर निर्भर करते हैं. कई जीव जंतु बटरफ्लाई का भोजन करते हैं.

Rare species of butterflies, Smriti Van Jaipur
स्मृति वन में तितली की 43 प्रजातियां

बटरफ्लाई वैली में वन विभाग के कर्मचारियों को कई जानकारियां दी जाती हैं. साथ ही पक्षियों और पेड़-पौधों के बारे में भी बताया जाता है. वन विभाग की ओर से तितलियों के बारे में जानकारी देकर उनके प्रति जागरूक किया जाता है. विद्यार्थी बटरफ्लाई वैली का भ्रमण करके तितलियों की पहचान समेत कई जानकारियां प्राप्त करते हैं.

वन विभाग की तितलियों के संरक्षण के लिए बेहतर पहल

कृष्ण कुमार मीणा ने बताया कि वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) डीएन पांडे तितलियों के संरक्षण को लेकर काफी रुचि लेते हैं. अधिकारियों की ओर से समय-समय पर निर्देश भी दिए जाते हैं. डीएफओ वीर सिंह ओला, एसीएफ मनफूल बिश्नोई और क्षेत्रीय वन अधिकारी के नेतृत्व में बटरफ्लाई के संरक्षण को लेकर बेहतर कार्य किए जा रहे हैं.

जयपुर. राजधानी जयपुर में तितलियों के करीब 54 प्रजातियां हैं, जिनमें से 43 प्रजातियां स्मृति वन में मौजूद हैं. इन 43 प्रजातियों को वन विभाग के असिस्टेंट फॉरेस्टर कृष्ण कुमार मीणा ने रिकॉर्ड किया है. सभी तितलियों के फोटोग्राफ्स और उनके नाम रिकॉर्ड किए गए हैं. जयपुर के स्मृति वन में तितलियों का मंडराना पर्यावरण की अच्छी स्थिति की ओर इशारा कर रहा है.

दुर्लभ प्रजातियों की तितलियों की संख्या बढ़ना पर्यावरण के साथ ही जीव-जंतुओं के लिए भी लाभदायक होता है. नेचुरल फूड चैन को बरकरार रखने में बटरफ्लाई काफी महत्वपूर्ण है. बटरफ्लाई के संरक्षण को लेकर वन विभाग कई बेहतर प्रयास कर रहा है. जयपुर के कुलिश स्मृति वन में बटरफ्लाई वैली बनाई गई है. इस वैली में तितलियों के लिए नेचुरल हैबिटेट है. बटरफ्लाई वैली का उद्देश्य तितलियों के संरक्षण के साथ ही लोगों को तितलियों के बारे में जागरूक करना है.

जयपुर में दुर्लभ तितलियां

स्मृति वन में है 365 प्रजातियों के पौधे

असिस्टेंट फॉरेस्टर कृष्ण कुमार मीणा ने बताया कि जयपुर के पुलिस स्मृति वन में 365 प्रजातियों के पौधे लगे हुए हैं. विभिन्न प्रजातियों के पौधों पर तितलियां मंडराती हैं और उनका रस पीती हैं. बटरफ्लाई के लिए विभिन्न प्रजातियों के पौधे भी यहां मौजूद हैं. फूलों का रस पीकर तितलियां प्रागण क्रिया करती है, इस क्रिया से फूल फल में बदलता है. पौधों में पराकण का नर भाग से मादा भाग पर स्थानांतरण प्रागण क्रिया कहलाता है.

Rare species of butterflies, Smriti Van Jaipur
स्मृति वन में दुर्लभ प्रजातियों की तितलियां

विशेषज्ञों की मानें तो अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर तितलियां जैव विविधता के लिए भी काफी महत्वपूर्ण होती है. अलग-अलग पौधों और फूलों पर तितलियां अंडे देती हैं. तितलियां पूरी दुनिया के लिए ऐसा आधार बनाती है, जिससे उन्हें हैबिटेट मिलता है. भारत में तितलियों को भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत अनुच्छेद 1 (भाग-4) में शामिल किया गया है. कई विलुप्त होती प्रजातियों की तितलियां कुलिश स्मृति वन में देखी गई हैं.

पढ़ें- SPECIAL : तितलियां हैं Bio Indicator, देती हैं पर्यावरण शुद्धता का संदेश...भरतपुर के घना में तितलियों की 75 प्रजातियां

यूरोपीय देशों की दुर्लभ प्रजातियां स्मृति वन में मौजूद

असिस्टेंट फॉरेस्टर कृष्ण कुमार मीणा ने बताया कि राजधानी जयपुर में करीब 54 प्रजातियों की तितलियां मौजूद हैं. जिनमें 43 प्रजातियां स्मृति वन में रिकॉर्ड की गई हैं. स्मृति वन में तीन दुर्लभ प्रजाति की तितलियां भी रिकॉर्ड हुई हैं. स्मृति वन में कई सुदर-सुंदर तितलियां मंडराती हुई देखी जा सकती हैं. तितलियों के मेटिंग का सीजन शुरू हो चुका है. हैबिटेट का यहां अच्छा प्रबंध किया गया है. यूरोपीय देशों में पाई जाने वाली दुर्लभ प्रजातियां भी स्मृति वन में देखी गई हैं.

Rare species of butterflies, Smriti Van Jaipur
जयपुर कुलिश स्मृति वन

स्मृति वन में रिकॉर्ड की गई तितलियां

कॉमन ब्लू टाइगर, मौट, फोरगेट मी नॉट, लिटिल ऑरेंज टिप, कॉमन इमिग्रेंट, ब्राइट बाबूल ब्लू, नौजिनो जियोमेट्रेलिस, स्मॉल ऑरेंज टिप, लेमन पैंसी, पेंटेड लेडी, पायनियर व्हाइट, एंगल्ड कोस्टर, लाइम ब्लू, मेटल्ड इमेग्रंट, अफ्रीकन बाबूल ब्लू, स्मॉल सेमॉन अरब, टाउनी कोस्टर, येलो पैंसी, कॉमन रोज, ट्रैमिंडा मुंडिसिमा, कॉमन बैंडेड ऑल, बीटरूट वेबवर्म, स्ट्रिप्ड पिएरो, कॉमन टाइगर, ग्रेट एगफ्लाई, डेनेड एगफ्लाई, कॉमन गुल, प्लेन ऑरेंज टिप, कॉमन ग्रास येलो, पैसेंजर, डार्क ग्रास ब्लू, गेसोनिया ओबेडिटैलिस, कॉमन मोरमॉन, लार्ज सेमॉन अरब, ब्लू पैंसी, स्मॉल क्यूपिड, स्मॉल ग्रास येलो, कॉमन जेज्बेल, डार्क ईवनिंग ब्राउन, प्लेन टाइगर, डायनिया एल्जिरा, जेब्रा ब्लू, कॉमन लेपर्ड. इनमें से स्मृति वन में पाई गई दुर्लभ प्रजाति की तितलियां पैसेंजर, ट्रैमिंडा मुंडिसिमा और बीटरूट वेबवर्म हैं.

पढ़ें- राष्ट्रीय तितली की होगी पहचान, टॉप-फाइव में झारखंड की तीन तितलियां

इको सिस्टम को बरकरार रखने में महत्वपूर्ण हैं तितलियां

वन विभाग के असिस्टेंट फॉरेस्टर कृष्ण कुमार मीणा का कहना है कि जंगलों की स्थितियां खराब होने की वजह से तितलियों के आशियाने खत्म होते जा रहे हैं. वहीं कई प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं. फूड चेन और इकोसिस्टम को बरकरार रखने के लिए तितलियों का होना बहुत जरूरी है. बायोडायवर्सिटी में बटरफ्लाई का महत्व इसलिए है क्योंकि जीव-जंतु एक दूसरे पर निर्भर करते हैं. कई जीव जंतु बटरफ्लाई का भोजन करते हैं.

Rare species of butterflies, Smriti Van Jaipur
स्मृति वन में तितली की 43 प्रजातियां

बटरफ्लाई वैली में वन विभाग के कर्मचारियों को कई जानकारियां दी जाती हैं. साथ ही पक्षियों और पेड़-पौधों के बारे में भी बताया जाता है. वन विभाग की ओर से तितलियों के बारे में जानकारी देकर उनके प्रति जागरूक किया जाता है. विद्यार्थी बटरफ्लाई वैली का भ्रमण करके तितलियों की पहचान समेत कई जानकारियां प्राप्त करते हैं.

वन विभाग की तितलियों के संरक्षण के लिए बेहतर पहल

कृष्ण कुमार मीणा ने बताया कि वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) डीएन पांडे तितलियों के संरक्षण को लेकर काफी रुचि लेते हैं. अधिकारियों की ओर से समय-समय पर निर्देश भी दिए जाते हैं. डीएफओ वीर सिंह ओला, एसीएफ मनफूल बिश्नोई और क्षेत्रीय वन अधिकारी के नेतृत्व में बटरफ्लाई के संरक्षण को लेकर बेहतर कार्य किए जा रहे हैं.

Last Updated : Aug 31, 2021, 9:00 PM IST
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