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रामपाल जाट ने कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर को लिखा पत्र, की ये मांग... - रामपाल जाट ने कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर को लिखा पत्र

जयपुर में किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर को पत्र (Rampal Jat Letter to Narendra Tomar) लिखा है. उन्होंने समर्थन मूल्य पर खरीद की मात्रा प्रतिदिन प्रति किसान 25 क्विंटल से बढ़ाकर 40 क्विंटल करने की मांग की है.

Kisan Mahapanchayat wrote to central government
किसान महापंचायत ने लिखा केंद्र सरकार को पत्र
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Published : Apr 15, 2022, 9:35 AM IST

जयपुर. मूल्य समर्थन योजना के अंतर्गत एक दिन में एक किसान से (Kisan Mahapanchayat wrote to central government) खरीद की मात्रा को बढ़ाने की मांग तेज हो गई है. किसान महापंचायत ने केंद्र सरकार को पत्र लिख कर समर्थन मूल्य की खरीद की मात्रा प्रतिदिन प्रति किसान 25 क्विंटल से बढ़ाकर 40 क्विंटल करने की मांग की है. किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र तोमर को पत्र लिख कर मूल्य समर्थन योजना के अंतर्गत एक दिन में एक किसान से खरीद की मात्रा 25 क्विंटल से बढ़ाकर 40 क्विंटल करने की मांग की.

पत्र में यह उठाई मांग -

  • महापंचायत के लिखे गए पत्र में कहा गया है कि कृषि मंत्रालय भारत सरकार की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत एक दिन में एक किसान से खरीद की मात्रा 25 क्विंटल है, जो कि प्रदेश के किसानों के लिहाज से काफी कम है. मध्य प्रदेश सरकार ने 25 क्विंटल की मात्रा को बढ़ाकर 40 क्विंटल खरीदने के प्रताव को मंजूरी दे दी है. उसी आधार पर राजस्थान में भी इस खरीद की मात्रा को बढ़ाया जाए.
  • चना उत्पादन में वर्ष 2020-21 को समाप्त होने वाले तीन वर्षों में मध्यप्रदेश की भागीदारी 31.7, राजस्थान की 21.3 और महाराष्ट्र की 17.6 प्रतिशत है. अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश 6.3, गुजरात 5.7, कर्णाटक 5.5, आंध्र प्रदेश 3.7, छत्तीसगढ़ 2.4, झारखंड 2.3, तेलंगाना 1.7 और अन्य में 1.8 प्रतिशत की भागीदारी है. इसके अनुसार तीन राज्य ही चना उत्पादन में महत्ती भूमिका निभा रहे हैं. जिनमें भी मध्यप्रदेश और राजस्थान की भूमिका प्रभावी है. ऐसे में राजस्थान के किसानों को भी वही राहत मिले जो मध्यप्रदेश के किसानों को मिल रही है.
    किसान महापंचायत ने लिखा केंद्र सरकार को पत्र

पढे़ं-बिना मिट्टी की खेती मुमकीन, अल्मोड़ा के दिग्विजय ने कर दिखाया कमाल

  • राजस्थान में सम्पूर्ण लागत (सी 2) 4117 रुपए प्रति क्विंटल है, जिसका डेढ़ गुना 6175 रुपए प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण भारत सरकार की घोषित नीति के अनुसार अपेक्षित था. जबकि इस वर्ष चने का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5230 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया है जो अपेक्षित मूल्य से 945 रुपए कम है.
  • जाट ने कहा कि राजस्थान के अनेक जिलों में किसानो ने अपनी कृषि भूमि पर चना उत्पादन का अनुपात अधिक रखा है, उनके जीवनयापन का चना मुख्य आधार है. अपेक्षित मूल्य प्राप्ति तो दूर की कौड़ी है, कुल उत्पादन में से 25 प्रतिशत से अधिक खरीद नहीं करने जैसे प्रतिबंधो के कारण घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य की सुनिश्चितता भी संदेहों के घेरों में है. एक किसान से एक दिन में अधिकतम मात्रा 25 क्विंटल रहने से तो ‘कंगाली में आटा गीला’ की कहावत चरितार्थ हो रही है.
  • वर्ष 2021-22 में राजस्थान में चने का उत्पादन 23,91,892 टन है. इसके न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्त नहीं होने से किसानों की आर्थिक स्थिति कमजोर होने से उनकी क्रय शक्ति घटेगी. इस संबंध में प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान में लगाए गए प्रतिबंधो को हटाने के संबंध में पूर्व में भी ज्ञापन सौंपा था. इसके पूर्व भी 2019 से अब तक ज्ञापनों में माध्यम से मांग की जाती रही है.

जयपुर. मूल्य समर्थन योजना के अंतर्गत एक दिन में एक किसान से (Kisan Mahapanchayat wrote to central government) खरीद की मात्रा को बढ़ाने की मांग तेज हो गई है. किसान महापंचायत ने केंद्र सरकार को पत्र लिख कर समर्थन मूल्य की खरीद की मात्रा प्रतिदिन प्रति किसान 25 क्विंटल से बढ़ाकर 40 क्विंटल करने की मांग की है. किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र तोमर को पत्र लिख कर मूल्य समर्थन योजना के अंतर्गत एक दिन में एक किसान से खरीद की मात्रा 25 क्विंटल से बढ़ाकर 40 क्विंटल करने की मांग की.

पत्र में यह उठाई मांग -

  • महापंचायत के लिखे गए पत्र में कहा गया है कि कृषि मंत्रालय भारत सरकार की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत एक दिन में एक किसान से खरीद की मात्रा 25 क्विंटल है, जो कि प्रदेश के किसानों के लिहाज से काफी कम है. मध्य प्रदेश सरकार ने 25 क्विंटल की मात्रा को बढ़ाकर 40 क्विंटल खरीदने के प्रताव को मंजूरी दे दी है. उसी आधार पर राजस्थान में भी इस खरीद की मात्रा को बढ़ाया जाए.
  • चना उत्पादन में वर्ष 2020-21 को समाप्त होने वाले तीन वर्षों में मध्यप्रदेश की भागीदारी 31.7, राजस्थान की 21.3 और महाराष्ट्र की 17.6 प्रतिशत है. अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश 6.3, गुजरात 5.7, कर्णाटक 5.5, आंध्र प्रदेश 3.7, छत्तीसगढ़ 2.4, झारखंड 2.3, तेलंगाना 1.7 और अन्य में 1.8 प्रतिशत की भागीदारी है. इसके अनुसार तीन राज्य ही चना उत्पादन में महत्ती भूमिका निभा रहे हैं. जिनमें भी मध्यप्रदेश और राजस्थान की भूमिका प्रभावी है. ऐसे में राजस्थान के किसानों को भी वही राहत मिले जो मध्यप्रदेश के किसानों को मिल रही है.
    किसान महापंचायत ने लिखा केंद्र सरकार को पत्र

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  • राजस्थान में सम्पूर्ण लागत (सी 2) 4117 रुपए प्रति क्विंटल है, जिसका डेढ़ गुना 6175 रुपए प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण भारत सरकार की घोषित नीति के अनुसार अपेक्षित था. जबकि इस वर्ष चने का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5230 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया है जो अपेक्षित मूल्य से 945 रुपए कम है.
  • जाट ने कहा कि राजस्थान के अनेक जिलों में किसानो ने अपनी कृषि भूमि पर चना उत्पादन का अनुपात अधिक रखा है, उनके जीवनयापन का चना मुख्य आधार है. अपेक्षित मूल्य प्राप्ति तो दूर की कौड़ी है, कुल उत्पादन में से 25 प्रतिशत से अधिक खरीद नहीं करने जैसे प्रतिबंधो के कारण घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य की सुनिश्चितता भी संदेहों के घेरों में है. एक किसान से एक दिन में अधिकतम मात्रा 25 क्विंटल रहने से तो ‘कंगाली में आटा गीला’ की कहावत चरितार्थ हो रही है.
  • वर्ष 2021-22 में राजस्थान में चने का उत्पादन 23,91,892 टन है. इसके न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्त नहीं होने से किसानों की आर्थिक स्थिति कमजोर होने से उनकी क्रय शक्ति घटेगी. इस संबंध में प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान में लगाए गए प्रतिबंधो को हटाने के संबंध में पूर्व में भी ज्ञापन सौंपा था. इसके पूर्व भी 2019 से अब तक ज्ञापनों में माध्यम से मांग की जाती रही है.

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