जयपुर. गहलोत कैबिनेट बैठक में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की सरकार के तीन मंत्रियों से हुई नोकझोंक के मामले को भाजपा विधायक रामलाल शर्मा ने विधानसभा में व्यंगात्मक तरीके से उठाया. यूडीएच की अनुदान मांगों पर बोलते हुए शर्मा ने कहा कि 'मंत्रीजी' आपका नाम शांति है, लेकिन सरकार के तीन मंत्रियों को आपने अशांत करने का काम किया. मैं तो आपका कायल हो (Ramlal Sharma becomes fan of UDH Minister) गया, क्योंकि आपने इनका ऐसा इलाज किया कि जनता भी याद रखेगी.
रामलाल शर्मा ने कहा कि 'ये तीनों मंत्री जयपुर से आते हैं और इनमें से एक तो खुद को दबंग मंत्री बताते हैं. ये 'शक्तिमान' मंत्री हर मुद्दों पर सरकार के पक्ष में मोर्चा भी लेते हैं, लेकिन आपने इनका इलाज कर दिया, जिससे मैं तो आपका कायल हो गया'. अनुदान मांगों पर बोलते हुए शर्मा ने कहा कि आपके कार्यकाल में राजनीतिक द्वेष से काम किए जा रहे हैं और अलवर नगर परिषद किसका उदाहरण है. जहां आपकी पार्टी के सभापति को एंटी करप्शन ब्यूरो ने ट्रैप किया तो उसे पद छोड़ना पड़ा. लेकिन उपसभापति भाजपा का था, तो उसे झूठे मामले में फंसाकर सभापति का पद नहीं लेने दिया. स्थिति यह रही कि जब उपसभापति कोर्ट से इस मामले में स्टे ले आया, तब भी आज तक आपने उसे सभापति का चार्ज नहीं दिया.
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शर्मा ने कहा 'मंत्रीजी' आप शांति और सौहार्द की मिसाल हैं. ऐसा करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें और उपसभापति को सभापति का चार्ज दें. शर्मा ने इस दौरान कहा कि प्रदेश सरकार के पिछले 3 बजट में जो वादे किए गए, वे अब तक धरातल पर नहीं आए. जयपुर शहर को भिक्षावृत्ति मुक्त शहर बनाने का वादा भी अधूरा रहा, तो चौमूं तक मेट्रो का सेकंड फेस ले जाने की दिशा में भी कोई काम नहीं हुआ. शर्मा ने कहा खुद सदन के नेता ने गोविंदगढ़ में आयोजित एक कार्यक्रम में मेट्रो को चौमूं तक लाने की घोषणा की थी. मेट्रो भले ही चौमूं तक आप ना चला पाए, लेकिन रेलवे से बात करके रींगस से दौसा, चाकसू से फुलेरा के बीच डीएमयू ट्रेन या शटल ट्रेन चला सकते हैं.
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शर्मा ने जेडीए की बिना विकसित की गई योजनाओं आनंदलोक और स्वप्नलोक का उदाहरण देकर यहां अपराधिक गतिविधियां बढ़ने की बात कही. शर्मा ने कहा कि इस दौरान आवासन मंडल द्वारा सालों पहले समाप्त की गई जमीन का नामांतरण हाउसिंग बोर्ड के नाम खुल गया, लेकिन अब तक वहां कॉलोनियां विकसित नहीं हुई. शर्मा ने नगर पालिकाओं में सफाईकर्मी भर्ती में संबंधित जाति को प्राथमिकता देने की मांग की. उन्होंने कहा कि जिन लोगों की भर्ती हुई है, उनसे भर्ती के अनुरूप ही कार्य कराया जाए.
रोहित बोहरा ने भाजपा सरकार के मंत्रियों पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप: यूडीएच की अनुदान मांगों पर बोलते हुए कांग्रेस विधायक रोहित बोहरा के निशाने पर पिछली भाजपा सरकार के यूडीएच मंत्री रहे. बोहरा ने कहा कि प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत अब तक 2 लाख 27 हजार पट्टे जारी किए जा चुके हैं. वही हाउसिंग बोर्ड भी बेहतर तरीके से काम कर रहा है, जबकि पिछली भाजपा सरकार में हाउसिंग बोर्ड को बीमारू बनाने का काम किया. आलम यह था कि मंत्रियों के घर रेट तय होती थी, उसके बाद ही काम शुरू होता था. बोहरा ने कहा कि इसी कारण पिछली सरकार में तीन मंत्री बदलने पड़े.
करतारपुरा नाला 30 मीटर चौड़ा ना करें: कालीचरण: यूडीएच की अनुदान मांगों पर बोलते हुए भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने सरकार को चेताया है कि करतारपुरा नाला की चौड़ाई 30 मीटर ना करें क्योंकि यदि ऐसा किया गया तो आसपास हजारों मकान टूटेंगे और इसका घोर विरोध भी किया जाएगा. उन्होंने जयपुर के चारों दिशाओं में डेयरी कॉम्प्लेक्स बनाने और मूर्तिकारों के लिए योजना लाने की मांग की.
कालीचरण सराफ ने सदन में कहा कि सरकार ने जयपुर शहर में दो नगर निगम बना दिए और 2918 से उनकी संख्या 250 कर दी. लेकिन आज भी सफाई के हालात खराब हैं. दोनों ही नगर निगम की महापौर बीवीजी कंपनी को सफाई का ठेका नहीं देने के पक्ष में हैं. बावजूद इसके इस कंपनी का ठेका निरस्त क्यों नहीं किया जा रहा. सराफ ने कहा कि पूरे शहर का सफाई का ठेका एक कंपनी को नहीं देकर अलग-अलग जोन वाइज देना चाहिए. यही काम सीवरेज के लिए भी होना चाहिए.
अधिकारियों को मिली भ्रष्टाचार की खुली छूट: सराफ ने कहा कि नगर निगम नगर पालिका के चुनाव हुए 15 माह का समय निकल चुका है. लेकिन नगर निगम में अब तक कमेटियों का गठन नहीं किया गया. उन्होंने यूडीएच मंत्री को कहा कि आप इस ओर ध्यान दें, वरना तब तक यहां के अधिकारियों को भ्रष्टाचार की खुली छूट मिलती रहेगी. हालांकि मंत्री ने सराफ से कहा कि अभी यूडीएच की अनुदान मांगों पर चर्चा होनी है.
10 लाख पट्टे कैसे देंगे: सराफ ने कहा कि कांग्रेस विधायक कह रहे थे कि प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान 2 लाख 27 हजार पट्टे वितरित कर दिए. लेकिन सरकार ने लक्ष्य तो 10 लाख पट्टों का लिया था. बचे हुए समय में यह कैसे पूरा होगा. सराफ ने इस दौरान अभियान की गति और उसमें होने वाले कार्य पर भी सवाल उठाया.
करतारपुरा नाला और मेट्रो को लेकर दिया यह सुझाव: सराफ ने कहा कि जेडीए करतारपुरा नाले को 30 मीटर चौड़ा करने की बात कह रहा है. लेकिन जब उसका फ्लो एरिया ही 25 मीटर का है, तो 30 मीटर चौड़ा करने का क्या मतलब. सराफ ने कहा कि जेडीए नाले के दोनों और 30-30 की सड़क बनाने की बात कह रहा है, लेकिन ऐसा करने पर नाले के आसपास बसी कॉलोनियों के हजारों मकान टूट जाएंगे. जिसका भयंकर विरोध होगा. उन्होंने सुझाव दिया कि इस नाले को 25 मीटर ही चौड़ा करें और आसपास पेड़ लगाकर फोरलेन की पुलिया बनाएं. सराफ ने कहा कि मेट्रो के पहले फेज में सरकार को केवल हानि ही हुई है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि सीतापुरा से लेकर जेएलएन मार्ग होते हुए अंबाबाड़ी और हरमाड़ा तक मेट्रो के दूसरे फेस को लेकर आए. ताकि लोगों को राहत मिले और मेट्रो लाभ की स्थिति में भी आए.