जयपुर. वेतन कटौती से आक्रोशित राज्य कर्मचारियों ने शहीद स्मारक पर रामधुनी गाते हुए प्रदर्शन किया. कर्मचारियों का आरोप है कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद कर्मचारियों को उम्मीद थी कि सरकार कर्मचारियों के हितों में कुछ करेगी. लेकिन सरकार ने कर्मचारियों के वेतन से कटौती के रास्ते ही ढूंढे.
महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के बैनरतले बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने धरना दिया. जहां कर्मचारियों ने 'रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीता राम' की रामधुनी के साथ प्रदर्शन किया गया. इस मौके पर कर्मचारियों ने राज्य सरकार पर कर्मचारी हितों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया. वहीं एकीकृत के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि, सामंत कमेटी, 2004 पेंशन योजना व अनुच्छेद-5 में की गई कटौती को लेकर कर्मचारियों में आक्रोश है. इसको लेकर कई बार धरने प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया गया लेकिन अभी तक कोई वार्ता नहीं हुई है.
हालांकि वीडियो कांफ्रेंस के जरिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कर्मचारियों की मांगों पर द्विपक्षीय वार्ता की बात कही थी. लेकिन आज तक वार्ता की कोई पहल नहीं हुई. ऐसे में राजस्थान का कर्मचारी उद्वेलित है और कर्मचारी महासंघ की ओर से मुख्यमंत्री से आग्रह कर रहे है कि जल्द वेतन कटौती सहित 12 सूत्री मांगों को लागू करें और कटौती बंद करें.
अगर फिर भी कटौती बंद नहीं होती है और वार्ता की पहल नहीं हुई तो राजस्थान का कर्मचारी 10 फरवरी को राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे. जिसमें हर जिलास्तर पर कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया जाएगा.