जयपुर. 21 साल से नियुक्ति का इंतजार कर रहे शिक्षक भर्ती-1998 में चयनित शिक्षकों ने शुक्रवार को अपने परिजनों के साथ नियुक्ति की मांग को लेकर विशाल रैली निकाली. भीषण गर्मी में रैली निकालते समय 4 चयनित शिक्षकों की तबियत बिगड़ गई, जिन्हें एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाना पड़ा. इन शिक्षकों में 3 महिलाएं भी शामिल थी. शिक्षकों की तबीयत खराब होने पर शिक्षकों ने सरकार को कोसा और मौके पर मौजूद पुलिसवालों को खरी-खोटी भी सुनाई.
सैकड़ौं शिक्षकों के साथ उनके परिजन भी एमआई रोड स्थित शहीद स्मारक पर जमा हुए. इन शिक्षकों ने शहीद स्मारक से रैली की शुरुआत की. शहीद स्मारक से रैली गवर्नमेंट हॉस्टल, चोमूं हाउस सर्किल होते हुए सहकार सर्किल पहुंची. रैली में महिलाओं की संख्या भी काफी थी.
सहकार सर्किल पहुंचने के बाद रैली में शामिल तीन महिलाओं और एक पुरुष की तबियत बिगड़ गई, जिन्हें एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया. जब पहली महिला की तबीयत बिगड़ी तो चयनित शिक्षक उसे अस्पताल नहीं ले जाए जाने पर अड़ गए. उन्होंने कहा कि सरकार हमारी नहीं सुन रही. हम अस्पताल नहीं ले जाने देंगे, हम यही जान दे देंगे.
शिक्षकों की तबीयत बिगड़ने के बाद डॉक्टर को मौके पर बुलाया गया. डॉक्टर ने कहा कि डिहाइड्रेशन चलते इनकी तबीयत बिगड़ गई. उन्होंने पुलिस वालों को खरी-खोटी भी सुनाई. मीडिया की समझाइश के बाद शिक्षकों ने महिला को अस्पताल ले जाने दिया. इसके बाद दो महिलाओं और एक पुरुष शिक्षक की भी तबीयत खराब हो गई, जिन्हें भी एंबुलेंस बुलाकर अस्पताल पहुंचाया गया. डिहाइड्रेशन के चलते उषा देवी, संध्या शर्मा , सरोज और ब्रज बिहारी घोसला की तबीयत खराब होने पर उन्हें अस्पताल पहुंचाया और देर शाम को वापस धरने में शामिल हो गए.
इसके बाद शिक्षक मुख्यमंत्री से वार्ता करने पर अड़ गए और वहीं धरने पर बैठ गए. शिक्षक काफी देर तक धूप में बैठे रहे. उन्होंने कहा कि अगर कुछ भी होता है तो उसकी शादी जिम्मेदारी सरकार की होगी. पुलिस की मध्यस्थता से शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल विधानसभा में मंत्री से मिलने पहुंचा. लेकिन विधानसभा चलने के कारण उनकी मुलाकात नहीं हो पाई. विधानसभा खत्म होने के बाद शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल की मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा से वार्ता हुई. वार्ता में मंत्री ने कहा कि 15 दिन में आपकी समस्या का समाधान कर दिया जाएगा कि आप नियुक्ति के काबिल हो या नहीं हो. इसके बाद धरना समाप्त कर दिया गया.