जयपुर. राजधानी जयपुर आए राकेश टिकैत ने यहां बिरला सभागार में चल रहे किसान संयुक्त मोर्चे की किसान संसद को संबोधित किया. मंगलवार को इस दौरान ईटीवी भारत से बातचीत में टिकैत ने राजस्थान ईस्टर्न कैनाल परियोजना, एमएसपी और बेरोजगारी विषय पर खुलकर अपनी बात रखी. टिकैत ने कहा कि हम आंदोलन के मास्टर हैं, राजनीति के नहीं, लेकिन जो बात मैं कह रहा हूं उसका आधार है. उन्होंने कहा कि जिलों में कलेक्टर और एसपी इनके हैं और यह हारे हुए कैंडिडेट को भी जीत का पत्र दे देते हैं. लेकिन बोलने की हिम्मत किसी की नहीं होती.
केंद्र और राज्य में अलग-अलग सरकारें होने पर अटकी ईआरसीपी : किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि राजस्थान ईस्टर्न कैनाल परियोजना राजस्थान के 13 जिलों के लिए काफी महत्वपूर्ण योजना है. लेकिन ऐसी योजना में जब राजनीति की जाती है तो उसका समाधान भी राजनेता ही करते हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य में अलग-अलग राजनीतिक दलों की सरकारें (Politics on ERCP) होने के कारण इस प्रकार की परियोजनाएं अटकती हैं.
MSP पर खरीद का कानून बनाए सरकार : राकेश टिकैत ने कहा कि किसान संसद में एमएसपी पर कानून बनाने को लेकर भी चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि हम केंद्र सरकार से लगातार स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर एमएसपी पर खरीद का कानून बनाने की मांग (Farmers Demanding Law on MSP) कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि सरकार जो रेट तय करती है, उससे कम पर खरीद कहीं पर ना हो और किसान को उसकी उपज का पूरा मूल्य मिले.
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किसान संसद में हुई इन बातों पर चर्चा, ईआरसीपी और अग्निपथ योजना पर दी ये राय : बिरला सभागार में हुई किसान संसद में एमएसपी गारंटी कानून, बिजली के क्षेत्र में निजीकरण, बेरोजगारी, ग्राम स्वराज, भूमि अधिग्रहण कानून, कृषि और बिजली नीति के साथ ही अग्निवीर योजना और ईआरसीपी पर भी चर्चा हुई. संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े गुर्जर व किसान नेता हिम्मत सिंह ने कहा कि ईआरसीपी मामले में राज्य सरकार के पक्ष से प्रदेश का किसान सहमत है और इसी से जुड़ा प्रस्ताव पारित करके केंद्र और राज्य सरकार को भेजा गया है. वहीं, किसान संसद में अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया. उन्होंने कहा कि इस योजना में युवाओं के हितों के साथ कुठाराघात हो रहा है. किसान संसद में संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े विभिन्न किसान संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए.