जयपुर. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौर ने शनिवार को अलवर के राजगढ़ में तोड़े गए मंदिर और कठूमर में हनुमान गोशाला (temple and gaushala demolition case in alwar) को हटाए जाने पर गहलोत सरकार पर जमकर (Rajyavardhan Rathore targeted Gehlot government) निशाना साधा. साथ ही उन्होंने गहलोत सरकार की तुलना तालिबान से करते हुए इसे औरंगजेब का शासन बता दिया. राज्यवर्द्धन राठौर ने आरोप लगाया कि इन दोनों ही मामलों में राजस्थान की कांग्रेस सरकार की तुष्टीकरण की राजनीति साफ दिखाई दे रही है.
राठौर ने कहा कि गाय भूख प्यास से भटक रही हैं, लेकिन कांग्रेस सरकार एक समुदाय को मेसेज़ देने के लिए ऐसा कर रही है. गोशाला को तोड़ने से 300 से 400 गाय आज भटक रही हैं. मंदिर तोड़े जाने पर राठौर ने कहा कि कांग्रेस के मंत्री ने झूठ कहा कि नगर पालिका के प्रस्ताव के अनुसार मंदिर तोड़े गए. जबकि नगर पालिका की ओर से जो प्रस्ताव दिया गया था उसमें साफ है कि 60 फीट की जगह 30 फीट जगह छोड़ दी जाए और उस प्रस्ताव में कहीं पर भी मंदिर का नाम नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई कांग्रेस के लोकल विधायक की ओर से बदला लेने की भावना से द्वेष पूर्वक की गई है. क्योंकि उन्हें वोट नहीं देते. राज्यवर्धन सिंह ने आरोप लगाया कि मूर्तियों को खंडित किया गया और ये मूर्तियां नालियों में मिली. यह सिर्फ एक वर्ग को संदेश है.
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राम भक्तों पर वार, रमजान में रोजा इफ्तार...ये है गहलोत सरकार: राजवर्धन सिंह राठौड़ ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि रामनवमी में राम भक्तों पर वार और रमजान पर रोजा इफ्तार यह इनकी मानसिकता है. पहली बार आमागढ़ में मूर्तियां तोड़ी गई और अब अलवर में मंदिर तोड़ा गया. राज्यवर्धन ने आरोप लगाया कि एक तरफ इफ्तार पार्टी के लिए सरकारी आदेश हो रहे हैं और दूसरी और मंदिर तोड़े जा रहे हैं. जो कानून और आदेश पास हो रहे हैं यह सबके सामने है. पहले यह तुष्टीकरण की सोच छिपी रहती थी अब जगजाहिर हो जाती है.
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राठौर ने कहा कि वर्तमान गहलोत सरकार ने राजस्थान को तालिबान बना दिया. जो राजस्थान अपनी सरलता सच्चाई और बहादुरी के लिए जाना जाता था. वह अब महिला और दलित उत्पीड़न के लिए जाना जाता है. राठौड़ ने कहा कि एक खास समुदाय को रोजा इफ्तार का निमंत्रण दे रहे हैं और बिजली नहीं काटने का आदेश भी. राठौड़ ने सवाल किया कि क्या यह तालिबान का शासन है?. राठौड़ ने कहा कि सरकार ऐसे एनजीओ के साथ मिलकर काम कर रही है जिसका मकसद जमीनों पर कब्जा करते हुए जमीन जिहाद करना है.